महा तिक्त घृत क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो हर तरह के स्किन डिजीज, गैस्ट्रिक, गठिया, एनीमिया, जौंडिस, बुखार, हार्ट के रोग और ब्लीडिंग डिसऑर्डर जैसे कई तरह की पुरानी बीमारियों में इस्तेमाल की जाती है. पंचकर्म के स्नेहन के लिए इसे प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है, तो आईये जानते हैं महा तिक्त घृत का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
महा तिक्त घृत भैषज्यरत्नावली(कुष्ठ अधिकार 118-124) का योग है जो घी के रूप में होती है. कई तरह की जड़ी-बूटियों को घी में पकाया जाता है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें -
सप्तपर्ण, अतीस, सर्पुन्खा, तिक्तरोहिणी, पाठा, मोथा, उशीर, त्रिफला, पटोल, नीम, पित्तपापड़ा, धन्यवासा, चन्दन, पिप्पली, गजपीपल, पद्माख, हल्दी, दारूहल्दी, उग्रगंधा, विशाका, शतावर, सारिवा, वत्सक बीज, वासा, मूर्वा, अमृता, किरातिक्त, यष्टिमधु और त्रायमान प्रत्येक 6 ग्राम, आँवला का जूस डेढ़ लीटर, पानी 6 लीटर और घी 750 ग्राम का मिश्रण होता है.
बनाने का तरीका यह होता है कि सबसे पहले जड़ी-बूटियों का काढ़ा बना लिया जाता है उसके बाद आंवला का जूस और घी मिलाकर कड़ाही में डालकर मन्द आँच में पकाया जाता है, जब पानी पूरा उड़ जाये और सिर्फ घी बचे तो ठण्डा होने पर पैक कर लिया जाता है, यही महा तिक्त घृत है.
महा तिक्त घृत के औषधीय गुण -
यह वात और पित्त को शान्त करती है. एंटी सेप्टिक, एंटी बायोटिक, Antacid और हीलिंग जैसे गुणों से भरपूर होती है.
महा तिक्त घृत के फ़ायदे-
पंचकर्म के प्रोसेस स्नेहन कर्म के लिए ही इसे सबसे ज्यादा यूज़ किया जाता है. पेट के अल्सर के लिए भी आयुर्वेदिक डॉक्टर इसका इस्तेमाल करते हैं.
खून साफ़ करने और स्किन डिजीज दूर करने के लिए बेहद असरदार है ज़ख्म, फ़ोडा, एक्जिमा, सोरायसिस, कुष्ठ जैसे रोगों में यूज़ करना चाहिए.
जल्दी न भरने वाले ज़ख्म, फ़ोडा, एक्जिमा, सोरायसिस जैसे चर्मरोगों में इसका एक्सटर्नल यूज़ भी कर सकते हैं मलहम ही तरह.
गठिया, वातरक्त और ब्लीडिंग वाले रोगों में इस से फ़ायदा होता है.
महा तिक्त घृत की मात्रा और सेवन विधि -
स्नेहन कर्म के लिए इसका डोज़ डिपेंड करेगा रोगानुसार, जो की पंचकर्म स्पेशलिस्ट ही इसका डोज़ फिक्स कर सकते हैं.
हर तरह के स्किन डिजीज, गठिया, पाइल्स और ब्लीडिंग वाले रोगों के लिए इसे हाफ स्पून रोज़ दो बार खाना से पहले गुनगुने पानी से ले सकते हैं. यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा होती है, लगातार दो-तिन महीने या ज़्यादा टाइम तक भी यूज़ कर सकते हैं. डोज़ ज़्यादा होने पर अपच, दस्त जैसी प्रॉब्लम हो सकती है.
महा तिक्त घृत का इस्तेमाल करते हुवे नमक, मिर्च, तेल और खट्टी चीज़ों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. महा तिक्त घृत डॉक्टर की सलाह से और डॉक्टर की देख रेख में भी यूज़ करना चाहिए. इसे आयुर्वेदिक दवा दुकान से या फिर ऑनलाइन भी ख़रीद सकते हैं.
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