कुटजारिष्ट क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो रिष्ट या सिरप के रूप में होती है. इसे दस्त, हर तरह की पेचिश और IBS जैसी पेट की प्रॉब्लम में इस्तेमाल किया जाता है. पुरानी बुखार, ब्लीडिंग पाइल्स और कफ़ में भी फ़ायदेमंद है, तो आईये जानते हैं कुटजारिष्ट कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
कुटजारिष्ट का मेन इनग्रीडेंट कुटज की छाल है, जिसे कूड़े की छाल भी कहा जाता है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें कुटज, द्राक्षा, मधुका पुष्प, गम्भारी, गुड़ और धातकी का मिश्रण होता है जिसे आयुर्वेदिक प्रोसेस रिष्ट निर्माण विधि से इसका रिष्ट या सिरप बनाया जाता है.
कुटजारिष्ट के गुण -
यह एंटी डायरीयल, पाचक या Digestive और कफ़नाशक जैसे गुणों से भरपूर होता है.
कुटजारिष्ट के फ़ायदे -
कुटजारिष्ट जो है Digestion को ठीक कर दस्त को बंद करता है. पेचिश, कोलाइटिस, दस्त में खून आना, ब्लीडिंग पाइल्स, IBS जैसे रोगों में इसका इस्तेमाल किया जाता है.
नयी-पुरानी बुखार में भी इस से लाभ होता है. खाँसी में भी इस से लाभ होता है यह जमे हुवे कफ़ को निकालता है.
कुटजारिष्ट को दस्त और पेचिस में ही अधिकतर यूज़ किया जाता है.
कुटजारिष्ट की मात्रा और सेवन विधि -
15 से 30 ML तक बराबर मात्रा में पानी मिलाकर खाना खाने के बाद रोज़ दो बार लेना चाहिए. यह बिल्कुल सेफ़ दवा है, पांच साल तक के बच्चों को दे सकते उसकी उम्र के मुताबिक़ सही डोज़ में. बैद्यनाथ, डाबर जैसी कम्पनियों का यह मिल जाता है. इसे आयुर्वेदिक दवा दुकान से या ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं.
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