कुटजघन वटी क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो Irritable Bowel Syndrome या IBS, दस्त, डायरिया, ब्लीडिंग और आँतों की इन्फेक्शन को दूर करती है, तो आईये जानते हैं कुटजघन वटी का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
कुटजघन वटी जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है इसका में इनग्रीडेंट कुटज की छाल का कंसंट्रेशन होता है. कुटज को कूड़े की छाल भी कहते हैं. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें कुटज की छाल का घन और अतीस या अतिविषा का मिश्रण होता है, जिसे पानी के साथ खरलकर गोलियाँ बनायी जाती है.
कुटजघन वटी के औषधीय गुण -
आयुर्वेदानुसार यह आमपाचक और ग्राही गुणों से भरपूर होती है. Antidiarrheal, Antidysentric और एंटी अमेबिक जैसे गुण पाए जाते हैं.
कुटजघन वटी के फ़ायदे -
दस्त, पेचिस और IBS जैसे रोगों में इसे प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है.
बुखार में होने वाले दस्त, आँतों की इन्फेक्शन, दस्त की वजह से होने वाले पेट का दर्द, पेट की ऐंठन जैसे रोग दूर होते हैं.
यह की आँव या म्यूकस को निकालता है और म्यूकस बनना रोकता है, सफ़ेद-लाल पेचिश और ब्लीडिंग वाले दस्त में फ़ायदेमंद है.
कुटजघन वटी की मात्रा और सेवनविधि -
तीन से चार टेबलेट तक दिन में तीन-चार बार तक गर्म पानी से लेना चाहिए. यह व्यस्क व्यक्ति की मात्रा है. बच्चों और ओल्ड ऐज के लोगों में कम डोज़ में देना चाहिए. यह बिल्कुल सेफ़ दवा है, किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है. इसे प्रेगनेंसी में भी यूज़ किया जा सकता है. बैद्याथ, डाबर, पतंजलि जैसी कम्पनियों की यह मिल जाती है, इसे ऑनलाइन भी ख़रीद सकते हैं निचे दिए लिंक से-
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