शंख वटी Digestive सिस्टम से रिलेटेड रोगों के लिए एक बेहतरीन दवा है, यह गुल्म, पेट दर्द, अपच, गैस और पेट में जलन जैसे रोगों को दूर करती है, तो आईये जानते हैं इसका कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
शंख वटी क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो आयुर्वेदिक ग्रन्थ भैषज्यरत्नावली(अग्निमान्ध रोगाधिकार) में वर्णित है. इसका मेन इनग्रीडेंट शंख भस्म है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें ये सब जड़ी-बूटियाँ और भस्म मिलाये गए हैं -
शंख भस्म, हिंग, सोंठ, मिर्च, पीपल, इमली क्षार, पञ्चलवण(पाँच तरह के नमक जैसे- सैंधव लवण, सौवर्च लवण, समुद्र लवण, विड लवण, रोमक लवण), शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, शुद्ध बछनाग और जम्बीरी निम्बू का रस.
सभी के चूर्ण को निम्बू के रस में खरलकर 250 mg की टेबलेट बनाकर सुखाकर रख लिया जाता है. यह वात और पित्त को बैलेंस करती है.
शंख वटी के फ़ायदे-
पेट के रोगों और Digestion की प्रॉब्लम की असरदार दवा है. पेट दर्द, गैस, अपच, हाजमा की कमज़ोरी, भूख नहीं लगना, गुल्म, पेट की जलन जैसे रोगों में इसका इस्तेमाल करना चाहिए. अपच की वजह से होने वाले लूज़ मोशन में भी इस से फ़ायदा होता है.
शंख वटी का डोज़-
एक से दो गोली रोज़ तीन बार नार्मल या गुनगुने पानी से लेना चाहिए. खाना खाने के पहले या बाद डॉक्टर की सलाह से लेना चाहिए. नमक की मात्रा होने से हाई BP वाले सावधानी से यूज़ करें, प्रेगनेंसी में इसका इस्तेमाल न करें.
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