एरण्ड तेल के कई सारे फ़ायदे होते हैं यह स्किन की प्रॉब्लम, बालों की प्रॉब्लम, कब्ज़ और जोड़ों के दर्द जैसे रोगों में असरदार है, तो आईये जानते हैं इसके फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
एरण्ड तेल को अरंडी का तेल, रेड़ी का तेल और अंग्रेज़ी में Castor Oil कहा जाता है. इसे एरण्ड या अरंडी के बीजों से निकाला जाता है. इसके बीज और तेल का आयुर्वेद में बड़ा महत्त्व है. क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. एरण्ड पाक नाम की क्लासिकल आयुर्वेदिक दवा का मेन इनग्रीडेंट एरण्ड बीज होता है. इसके अलावा दूसरी कई दवाओं में एरण्ड तेल का इस्तेमाल किया जाता है.
अरंडी का तेल या Castor Oil वैसे तो गाढ़ा और चिपचिपा होता है पर कई सारे गुणों से भरपूर होता है. आईये अब जानते हैं कि कौन-कौन सी बीमारियों में इसका इस्तेमाल कर फ़ायदा लिया जा सकता है.
जोड़ों का दर्द, गठिया, अर्थराइटिस और कब्ज़ के लिए-
वात नाशक गुण होने से यह जोड़ों के दर्द में बेहद असरदार है. जोड़ों के दर्द में इसकी मालिश कर सिकाई करनी चाहिए. और एक-दो स्पून रात में सोने से पहले गुनगुने दूध में मिक्स कर पीना भी चाहिए. यह कब्ज़ को दूर करता है और दर्द में राहत देता है.
त्वचा विकार या Skin Problem के लिए -
पिम्पल्स और कील-मुहाँसो में एरंड तेल को रात में लगाकर सोना चाहिए, एरण्ड तेल लगाने से पहले चेहरे को हल्के गर्म पानी से धो लें और उसके बाद एरण्ड तेल लगाना चाहिए. एरण्ड तेल स्किन को स्मूथ बनाता है. ब्लैक स्पॉट, खुरदुरी-रुखी त्वचा में इसे लगाना चाहिए. स्किन पर लगाने से यह रिंकल्स को मिटाता है. Skin Cleansing के लिए यह एक अच्छा आप्शन है.
तिल(Moles) को हटाने के लिए एरण्ड तेल में बेकिंग सोडा मिलाकर लगाना चाहिए. एरण्ड तेल के इस्तेमाल से स्ट्रेच मार्क्स भी दूर होते हैं.
बालों की समस्या के लिए(For Hair Problems)-
बालों में लगाने बालों की जड़ों में इसकी मालिश से कई सारे फ़ायदे होते हैं जैसे - बालों को बढ़ने में मदद करता है, बालों को घना बनाता है, पोषण देता है और बालों को चमकदार बनाता है, बालों का गिरना रोकता है और रुसी(Dandruff) को दूर करता है.
नाखून के लिए(For Nails Problem)-
हाथ-पैर के नाखून पर इसे लगाने से यह नाखून को यह स्मूथ और चमकदार बनाता है, रूखापन दूर करता है.
कब्ज़ और बवासीर के लिए -
एरण्ड तेल पिने से कब्ज़ दूर होता है, यही बड़ी आंत को चिकनाई देकर मल को ढीला करता है. हार्ड स्टूल के लिए भी यह बेहतरीन दवा है. कब्ज़ दूर होने से बवासीर में फ़ायदा होता है, ख़ूनी बवासीर में इसे एक्सटर्नल यूज़ भी कर सकते हैं.
फटी एड़ियों के लिए(For Crack Heals)-
फटी ऐड़ियों में एरण्ड तेल लगाने से प्रॉब्लम दूर होती है. पहले गाँव के लोग पैर में एरण्ड तेल लगाकर चमड़े का चमरखानी जूता पहना करते थे जिस से उनके पैर सॉफ्ट और नाखून अच्छे रहते थे.
तो दोस्तों, ये सब हैं एरण्ड तेल के फ़ायदे. एरण्ड तेल यूज़ करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि यह ओरिजिनल हो, मिलावटी तेल से नुकसान हो सकता है. डाबर और कुछ दूसरी कंपनियों का एरण्ड तेल ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं निचे दिए लिंक से -
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