अश्वगंधादि चूर्ण पॉपुलर दवा है जिसके इस्तेमाल से कमज़ोरी, दुबलापन, पुरुष यौन रोग जैसे वीर्य विकार, धात गिरना, स्वप्नदोष, वीर्य का पतलापन, मर्दाना कमज़ोरी और मानसिक रोग भी दूर होते हैं, तो आईये जानते हैं अश्वगंधादि चूर्ण का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल-
अश्वगंधादि चूर्ण क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है, इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें अश्वगंधा और विधारा दोनों बराबर वज़न में लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बनाया जाता है. कई लोग इसमें पीसी हुयी मिश्री भी मिलाते हैं.
यहाँ एक बात क्लियर कर देना चाहूँगा कि "अश्वगंधा चूर्ण" और अश्वगंधादि चूर्ण में फर्क है. अश्वगंधा चूर्ण का मतलब सिर्फ असगंध का चूर्ण होता है जबकि अश्वगंधादि चूर्ण में असगंध और विधारा दो चीज़ मिलायी जाती है. सिर्फ असगंध का चूर्ण खाने से कब्ज़ हो सकता है जबकि अश्वगंधादि चूर्ण में विधारा भी मिला होने से कब्ज़ नहीं होने देता. असगंध को अश्वगंधा और असगंध नागौरी भी कहते हैं जबकि विधारा को निशोथ भी कहा जाता है.
अश्वगंधादि चूर्ण के गुण -
इसके गुणों की बात करें तो यह वात नाशक होता है, बल-वीर्य बढ़ाने वाला, बाजीकारक और मानसिक शांति देने वाले गुणों से भरपूर होता है.
अश्वगंधादि चूर्ण के फ़ायदे-
अश्वगंधादि चूर्ण इन रोगों में फ़ायदेमंद है जैसे - स्वप्नदोष या नाईट फॉल, वीर्य की कमी, वीर्य का पतलापन, धात गिरना, स्पर्म क्वालिटी और क्वांटिटी की कमी, शीघ्रपतन, नर्वस सिस्टम की कमजोरी, नींद की कमी, यादाश्त की कमी, दिल की कमज़ोरी, शारीरिक कमज़ोरी, दुबलापन-पतलापन वगैरह.
नवयुवकों या यंग ऐज के लड़कों में हस्तमैथुन से होने वाली कमज़ोरी, स्वप्नदोष, वीर्य का पतलापन और वीर्यविकार चाहे जैसा भी हो तो अश्वगंधादि चूर्ण का यूज़ करना चाहिए.
दुबले पतले लोग जो हेल्थ इम्प्रूव करना चाहते हैं, दूध के साथ कुछ महीने तक इसका इस्तेमाल कर हेल्दी बन सकते हैं, यह मसल्स बिल्ड करने में हेल्प करता है. साधारण होते हुवे भी यह एक हेल्थ सप्लीमेंट और टॉनिक की तरह काम करता है पर धीरे-धीरे. इसके इस्तेमाल से तुरन्त फ़ायदा नहीं होता. लॉन्ग टाइम तक यूज़ करने पर ही पूरा लाभ मिलता है.
तनाव, चिंता, स्ट्रेस, नींद की कमी, कंसंट्रेशन की कमी, मेमोरी लॉस जैसी मानसिक समस्या के लिए भी यह असरदार है. यह नर्वस सिस्टम की शक्ति देता है.
इन सब के अलावा जोड़ों का दर्द, वात रोग, हार्ट की कमज़ोरी में भी फ़ायदेमंद है. कुल मिलाकर देखा जाये तो यह यौन रोगों को दूर करने और हेल्थ इम्प्रूव करने की चीप एंड बेस्ट आयुर्वेदिक मेडिसिन है.
अश्वगंधादि चूर्ण का डोज़ -
एक चम्मच(3 ग्राम) सुबह शाम खाना खाने के बाद दूध के साथ लेना चाहिए. यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है. कमज़ोर पाचन शक्ति वाले लोगों को इसके इस्तेमाल से पेट भारी हो सकता है. पाचन शक्ति कमज़ोर हो तो कम डोज़ में लेना चाहिए. इसे तीन से छह महिना तक पुरुष महिला सभी यूज़ कर सकते हैं.
बैद्यनाथ, डाबर जैसी कई आयुर्वेदिक कंपनियां इसे बनाती हैं. इसे घर बैठे ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं निचे दिए लिंक से -
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