उलट कम्बल के इस्तेमाल से महिलाओं के गर्भाशय के रोग, Dysmenorrhea, जोड़ों का दर्द, गठिया और आमवात में भी फ़ायदा होता है, तो आईये जानते हैं इसके फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल-
उलट कम्बल को अंग्रेज़ी में Devil's Cotton कहते हैं जबकि इसका वानस्पतिक नाम Abroma Augusta है. हिंदी और संस्कृत में इसे उलट कम्बल ही कहा जाता है. इसकी जड़ और जड़ का छिल्का ही आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है.
उलट कम्बल के गुणों की बात करें तो यह मासिकस्राव बढ़ाने वाली(Emmenagogue), गर्भाशय टॉनिक, पीरियड को रेगुलर करने वाली, दर्द और सुजन नाशक गुणों से भरपूर होती है. इन्ही सब गुणों के कारन आयुर्वेद में जितनी भी पीरियड प्रॉब्लम की दवाएँ हैं लगभग सभी में इसका इस्तेमाल किया गया है.
उलट कम्बल के फ़ायदे -
बहुत कम पीरियड होना, इर्रेगुलर पीरियड होना, Dysmenorrhea, Premenstrual Syndrome(PMS), पीरियड प्रॉब्लम से कमर दर्द होना और रुमाटाइड आर्थराइटिस में इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है.
इसका सबसे ज़्यादा असर होता है महिलाओं के Reproductive System पर इसीलिए यह महिला रोगों की जानी-मानी जड़ी बूटी है.
दर्द और सुजन नाशक गुण होने से गठिया और आमवात में भी फ़ायदा होता है, पर इसे महिला रोगों के लिए ही अधिकतर प्रयोग किया जाता है.
पीरियड की प्रॉब्लम के लिए इसे इसकी जड़ की छाल का चूर्ण तीन ग्राम तक एक चुटकी काली मिर्च के साथ सुबह शाम लिया जा सकता है. इस की जड़ का काढ़ा बनाकर भी यूज़ किया जा सकता है. सिंगल रेमेडी के रूप में इसका प्रयोग कर सकते हैं, प्रॉब्लम ज़्यादा हो तो आयुर्वेदिक दवाएँ लेनी चाहिए.
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