हरिद्राखण्ड क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो हर तरह की एलर्जी की मेन दवा है. खुजली, स्किन पर पित्ती होना, चकत्ते होना, एक्जिमा, कील-मुहाँसे और सोरायसिस जैसे रोगों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है, तो आईये जानते हैं हरिद्राखण्ड का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल-
हरिद्राखण्ड का मुख्य घटक हल्दी है. हरिद्राखण्ड के कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें हल्दी, निशोथ, हरीतकी, दारूहल्दी, नागरमोथा, अजवाइन, त्रिकटु और त्रिफला जैसी चीजों का मिश्रण होता है.
हरिद्राखण्ड के गुणों की बात करें तो यह एक बेहतरीन एंटी एलर्जिक है, एंटी इंफ्लेमेटरी यानि सुजन नाशक, Antihistaminic, एंटी ऑक्सीडेंट और रक्त शोधक या ब्लड प्योरीफायर गुणों से भरपूर होता है.
हरिद्राखण्ड के फ़ायदे-
हरिद्राखण्ड एलर्जी की जानी-मानी आयुर्वेदिक दवा है, इसके इस्तेमाल से Allergic Rhinitis, शरीर में पित्ती होना(Urticaria), एलर्जिक Bronchitis, एक्जिमा, कील-मुहाँसे और सोरायसिस जैसे रोग दूर होते हैं.
बॉडी में एलर्जी या खुजली होना, चकत्ते होना, सुजन हो जाना, खुजली से मवाद निकलना जैसी प्रॉब्लम में हरिद्राखण्ड का इस्तेमाल करना चाहिए.
सुबह-सुबह छींक आने की प्रॉब्लम(Allergic Rhinitis) में इसके इस्तेमाल से अच्छा फ़ायदा होता है.
सोरायसिस और एक्जिमा जैसे जटिल रोगों में इसके साथ में दूसरी दवा भी लेनी चाहिए जैसे कैशोर गुग्गुल, निम्बादी चूर्ण, मंजिष्ठारिष्ट वगैरह.
हरिद्राखण्ड एलर्जी और स्किन डिजीज की अच्छी दवा है जिसे कोई भी यूज़ कर फ़ायदा ले सकता है. हरिद्राखण्ड वृहत के नाम से मिलने वाली दवा नार्मल हरिद्राखण्ड से ज़्यादा असरदार है.
हरिद्राखण्ड की मात्रा और सेवन विधि-
3 से 6 ग्राम तक सुबह शाम पानी या दूध से या फिर रोगानुसार उचित अनुपान से. यह व्यस्क व्यक्ति का डोज़ है, बच्चों को कम डोज़ में देना चाहिए. बच्चे-बड़े सभी लोग यूज़ कर सकते हैं, पूरी तरह से सेफ़ दवा है किसी तरह का कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है, लॉन्ग टाइम तक यानि छह महिना से एक साल तक भी यूज़ कर सकते हैं. घर बैठे ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से-
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