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30 अगस्त 2017

अश्वगंधारिष्ट के फ़ायदे | Ashwagandharishta Benefits, Dosage & Indication


अश्वगंधारिष्ट एक तरह की टॉनिक है जो दिल-दिमाग और बॉडी को ताक़त देकर चुस्ती-फुर्ती लाता है. मानसिक रोग, वात रोग, वीर्य विकार, मर्दाना कमज़ोरी जैसे पुरुष रोगों के अलावा कई दुसरे रोगों में भी बेहद असरदार है, तो आईये जानते हैं अश्वगंधारिष्ट का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल - 

अश्वगंधारिष्ट जो है लिक्विड या सिरप होता है और जैसा  कि इसके नाम से ही पता चलता है इसका मेन इनग्रीडेंट अश्वगंधा है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें कई तरह की जड़ी-बूटियाँ मिली होती हैं जैसे - 

असगंध 2400 ग्राम
सफ़ेद मूसली 960 ग्राम
मजीठ 480 ग्राम
हरड़ 480 ग्राम
हल्दी 480 ग्राम
दारुहल्दी 480 ग्राम
मुलहठी 480 ग्राम
रास्ना 480 ग्राम
विदारीकंद 480 ग्राम
अर्जुन की छाल 480 ग्राम
नागरमोथा 480 ग्राम
निसोत 480 ग्राम
अनंतमूल सफ़ेद 384 ग्राम
अनंतमूल काला 384 ग्राम
सफ़ेद चन्दन 384 ग्राम
लाल चन्दन 384 ग्राम
बच 384 ग्राम
चीते की छाल 384 ग्राम
पानी लगभग 100 लीटर
धाय के फूल 768 ग्राम
शहद 9.6 किलो
सोंठ     96 ग्राम
मिर्च   96 ग्राम
पीपल 96 ग्राम
दालचीनी 192 ग्राम
तेजपत्ता 192 ग्राम
इलायची 192 ग्राम
नागकेशर 96 ग्राम
प्रियंगु 192 ग्राम

इसे आयुर्वेदिक प्रोसेस आसव-अरिष्ट निर्माण विधि से इसका रिष्ट या सिरप बनाया जाता है. 


अश्वगंधारिष्ट के गुण - 

अश्वगंधारिष्ट वात नाशक होता है. इसमें कई तरह के गुण पाए जाते हैं जैसे - आक्षेप नाशक(Anticonvulsant), नींद लाने वाला, मेमोरी पॉवर बढ़ाने वाला, ह्रदय को शक्ति देने वाला, पाचक, एंटी इंफ्लेमेटरी या सुजन नाशक, बल, वीर्य, शुक्राणु वर्धक, बजिकारक और रसायन जैसे गुण पाए जाते हैं. 


अश्वगंधारिष्ट के फ़ायदे- 

अश्वगंधारिष्ट कई बीमारियों में इस्तेमाल की जाती है मानसिक कमज़ोरी, मेमोरी लॉस, पागलपन, चिंता, तनाव, नींद की कमी, वात रोग, जोड़ों का दर्द, आर्थराइटिस, मिर्गी, आक्षेप, दौरे पड़ना, हार्ट की कमजोरी, स्वप्नदोष, वीर्य विकार, नामर्दी, शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, कमज़ोरी वगैरह 

चूँकि अश्वगंधारिष्ट कई तरह के गुणों से भरपूर दवा है, पर तीन चार कैटेगरी के रोगों में इसका सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है जैसे -

मानसिक रोगों में - नींद की कमी, डिप्रेशन, चिंता तनाव, मेमोरी लॉस, हिस्टीरिया, मृगी या Epilepsy या दौरे पड़ने वाले रोगों में इसका प्रयोग करना चाहिए. 

वात रोगों में - जोड़ों का दर्द, गठिया, अर्थराइटिस, कमर दर्द जैसे दर्द वाले रोगों में इसका इस्तेमाल करें.

मर्दाना कमज़ोरी और यौन रोगों  में - वीर्य विकार, स्वप्नदोष, धात गिरना, शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, स्पर्म काउंट की कमी, नामर्दी जैसे रोगों में बेहद असरदार है. 

अश्वगंधारिष्ट एक तरह का टॉनिक या रसायन है जो पाचन शक्ति को ठीक कर बॉडी को एनर्जी देता है और ताकत बढ़ाता है, इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाकर रोगों से बचाता है. इस लिए इसे जनरल टॉनिक की तरह भी यूज़ कर सकते हैं. 


अश्वगंधारिष्ट की मात्रा और सेवन विधि - 

30 ML सुबह शाम खाना खाने के बाद बराबर मात्रा में पानी मिक्स लेना चाहिए. यह व्यस्क व्यक्ति का डोज़ है, बच्चों को 10-15 ML या उनकी एज के मुताबिक़ देना चाहिए. बच्चे-बड़े और बूढ़े सभी लोग इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. बिल्कुल सेफ दवा है, किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है, तीन से छह महिना या ज्यादा टाइम तक भी यूज़ कर सकते हैं. डाबर अश्वगंधारिष्ट ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं, निचे दिए लिंक से- 

अश्वगंधारिष्ट 450 ml   अश्वगंधारिष्ट 680 ml 





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