कासामृत हर्बल कफ़ सिरप खाँसी, सर्दी-जुकाम, गले की ख़राश, अस्थमा, Bronchitis, नाक बंद होना जैसी प्रॉब्लम के लिए एक बेहतरीन दवा है, तो आईये जानते हैं कासामृत हर्बल कफ़ सिरप का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
कासामृत यानि खाँसी के लिए अमृत के समान गुणकारी यह कफ़ सिरप पूरी तरह से आयुर्वेदिक औषधि है, इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें टंकण भस्म, सोंठ, मिर्च, पीपल, तगर, नागरमोथा, कंटकारी, तुलसी, तालीसपत्र, दालचीनी, अपामार्ग, गनियारी, बच और सोमलता का मिश्रण होता है जिसे शुगर बेस पर सिरप फॉर्म में बनाया गया है.
इसमें मिलायी जाने वाली जड़ी-बूटियाँ खाँसी और इस से रिलेटेड प्रॉब्लम में बेहद असरदार हैं.
टंकण भस्म सर्दी-खांसी और अस्थमा के लिए जानी-मानी आयुर्वेदिक औषधि है. त्रिकटू या सोंठ, मिर्च, पीपल अपने गुणों में बेजोड़ है जबकि कंटकारी, तालीस पत्र और अपामार्ग जैसी चीज़ें इसे बेहद असरदार बना देती हैं. सोमलता जो है साँस की तकलीफ़ और रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए इफेक्टिव है. कुल मिलाकर देखा जाये तो इसका बेहतरीन कम्पोजीशन है.
कासामृत हर्बल कफ़ सिरप के गुण-
यह कफ़ नाशक, Anti-allergic, Anti-asthmatic, Anti-biotic, Anti-inflammatory और Expectorant जैसे गुणों से भरपूर होता है.
कासामृत हर्बल कफ़ सिरप के फ़ायदे-
यह खाँसी-सर्दी और इस से रिलेटेड प्रॉब्लम में असरदार है. सुखी या गीली खांसी, नयी पुरानी Bronchitis, अस्थमा वाली खाँसी, नाक बहना, नाक बंद होना, छींक आना, हूपिंग कफ़, Singer's cough, Smoker's cough और Respiratory Tract Infection में इसका इस्तेमाल करना चाहिए.
कासामृत हर्बल कफ़ सिरप कफ़ बनना रोकता है और जमे हुवे कफ़ को पतला कर बाहर निकालता है.
सिने की जकड़न, गले की ख़राश, साँस लेने में तकलीफ़ होना जैसी प्रॉब्लम दूर करता है.
सर्दी-खाँसी और इस से जुड़ी समस्याओं में इसका प्रयोग कर लाभ ले सकते हैं.
कासामृत हर्बल कफ़ सिरप का डोज़-
1 स्पून रोज़ तीन-चार लेना चाहिए. बच्चों को कम डोज़ में देना चाहिए. बच्चे-बड़े सभी लोग इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है. इस से नींद या उबासी नहीं आती है, प्रेगनेंसी में भी प्रयोग कर सकते हैं. 200 ML की क़ीमत 125 रुपया के क़रीब है. इसे घर बैठे ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से -
इसे भी जानिए-
अश्वगंधारिष्ट एक तरह की टॉनिक है जो दिल-दिमाग और बॉडी को ताक़त देकर चुस्ती-फुर्ती लाता है. मानसिक रोग, वात रोग, वीर्य विकार, मर्दाना कमज़ोरी जैसे पुरुष रोगों के अलावा कई दुसरे रोगों में भी बेहद असरदार है, तो आईये जानते हैं अश्वगंधारिष्ट का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
अश्वगंधारिष्ट जो है लिक्विड या सिरप होता है और जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है इसका मेन इनग्रीडेंट अश्वगंधा है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें कई तरह की जड़ी-बूटियाँ मिली होती हैं जैसे -
असगंध 2400 ग्राम
सफ़ेद मूसली 960 ग्राम
मजीठ 480 ग्राम
हरड़ 480 ग्राम
हल्दी 480 ग्राम
दारुहल्दी 480 ग्राम
मुलहठी 480 ग्राम
रास्ना 480 ग्राम
विदारीकंद 480 ग्राम
अर्जुन की छाल 480 ग्राम
नागरमोथा 480 ग्राम
निसोत 480 ग्राम
अनंतमूल सफ़ेद 384 ग्राम
अनंतमूल काला 384 ग्राम
सफ़ेद चन्दन 384 ग्राम
लाल चन्दन 384 ग्राम
बच 384 ग्राम
चीते की छाल 384 ग्राम
पानी लगभग 100 लीटर
धाय के फूल 768 ग्राम
शहद 9.6 किलो
सोंठ 96 ग्राम
मिर्च 96 ग्राम
पीपल 96 ग्राम
दालचीनी 192 ग्राम
तेजपत्ता 192 ग्राम
इलायची 192 ग्राम
नागकेशर 96 ग्राम
प्रियंगु 192 ग्राम
इसे आयुर्वेदिक प्रोसेस आसव-अरिष्ट निर्माण विधि से इसका रिष्ट या सिरप बनाया जाता है.
अश्वगंधारिष्ट के गुण -
अश्वगंधारिष्ट वात नाशक होता है. इसमें कई तरह के गुण पाए जाते हैं जैसे - आक्षेप नाशक(Anticonvulsant), नींद लाने वाला, मेमोरी पॉवर बढ़ाने वाला, ह्रदय को शक्ति देने वाला, पाचक, एंटी इंफ्लेमेटरी या सुजन नाशक, बल, वीर्य, शुक्राणु वर्धक, बजिकारक और रसायन जैसे गुण पाए जाते हैं.
अश्वगंधारिष्ट के फ़ायदे-
अश्वगंधारिष्ट कई बीमारियों में इस्तेमाल की जाती है मानसिक कमज़ोरी, मेमोरी लॉस, पागलपन, चिंता, तनाव, नींद की कमी, वात रोग, जोड़ों का दर्द, आर्थराइटिस, मिर्गी, आक्षेप, दौरे पड़ना, हार्ट की कमजोरी, स्वप्नदोष, वीर्य विकार, नामर्दी, शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, कमज़ोरी वगैरह
चूँकि अश्वगंधारिष्ट कई तरह के गुणों से भरपूर दवा है, पर तीन चार कैटेगरी के रोगों में इसका सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है जैसे -
मानसिक रोगों में - नींद की कमी, डिप्रेशन, चिंता तनाव, मेमोरी लॉस, हिस्टीरिया, मृगी या Epilepsy या दौरे पड़ने वाले रोगों में इसका प्रयोग करना चाहिए.
वात रोगों में - जोड़ों का दर्द, गठिया, अर्थराइटिस, कमर दर्द जैसे दर्द वाले रोगों में इसका इस्तेमाल करें.
मर्दाना कमज़ोरी और यौन रोगों में - वीर्य विकार, स्वप्नदोष, धात गिरना, शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, स्पर्म काउंट की कमी, नामर्दी जैसे रोगों में बेहद असरदार है.
अश्वगंधारिष्ट एक तरह का टॉनिक या रसायन है जो पाचन शक्ति को ठीक कर बॉडी को एनर्जी देता है और ताकत बढ़ाता है, इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाकर रोगों से बचाता है. इस लिए इसे जनरल टॉनिक की तरह भी यूज़ कर सकते हैं.
अश्वगंधारिष्ट की मात्रा और सेवन विधि -
30 ML सुबह शाम खाना खाने के बाद बराबर मात्रा में पानी मिक्स लेना चाहिए. यह व्यस्क व्यक्ति का डोज़ है, बच्चों को 10-15 ML या उनकी एज के मुताबिक़ देना चाहिए. बच्चे-बड़े और बूढ़े सभी लोग इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. बिल्कुल सेफ दवा है, किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है, तीन से छह महिना या ज्यादा टाइम तक भी यूज़ कर सकते हैं. डाबर अश्वगंधारिष्ट ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं, निचे दिए लिंक से-
अश्वगंधारिष्ट 450 ml अश्वगंधारिष्ट 680 ml
इसे भी जानिए-
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माजून हमल जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है हमल या प्रेगनेंसी में इस्तेमाल की जाने वाली दवा है. यह उन महिलाओं के लिए उपयोगी है जिन्हें मिसकैरेज या गर्भपात हो जाता है, तो आईये जानते हैं माजून हमल का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
माजून हमल अम्बरी का पूरा नाम माजून हमल अम्बरी अल्वीखानी है यह जड़ी-बूटी और मिनरल्स से बनी यूनानी दवा है इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें वर्क तिला, वर्क नुकरा, मरवारीद, कहरुबा, बुसुद मोहराक, संदल सफ़ेद, संदल सुर्ख, तबाशीर सफ़ेद, माजू, दरुनाज अकरबी, उद सलीब, आबे रेशम, अंजबार, गिले अरमानी, तुख्म खुर्फा, मगज़ तुख्म पेठा, अम्बर, शहद, शर्बत अँगूर और चीनी का मिश्रण होता है. यह माजून या हलवे की तरह की दवा है
माजून हमल के फ़ायदे-
मिसकैरेज की प्रॉब्लम झेलने वाली महिलाओं के लिए यह एक बेहतरीन दवा है. यह युटेरस को ताक़त देकर मज़बूत बनाती है और मिसकैरेज नहीं होने देती.
कमज़ोरी की वजह से कमज़ोर और अविकसित बच्चे होने की समस्या में भी इस से फ़ायदा होता है.
इसके इस्तेमाल से गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु का भी स्वास्थ ठीक रहता है और हेल्दी बच्चे का जन्म होता है.
माजून हमल का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका -
5 ग्राम या 1 स्पून सुबह नाश्ते के पहले एक गिलास दूध के साथ रोज़ एक बार लेना चाहिए. इसे प्रेगनेंसी के तीसरे महीने से लेकर सातवें महीने तक लेना चाहिए. यह बिल्कुल सेफ़ दवा है, किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है.
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हिमालया वृक्षमला कैप्सूल को ख़ासकर मोटापा दूर करने या वज़न कम करने के लिए यूज़ किया जाता है. फैट किलर और वेट लॉस करने वाले गुणों के कारन मोटापा दूर करने वाली दवाओं में भी इसे इस्तेमाल किया जाता है, तो आईये जानते हैं हिमालया वृक्षमला का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
हिमालया वृक्षमला कैप्सूल के कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें वृक्षमला नामक औषधि का कंसंट्रेशन होता है, हर टेबलेट या कैप्सूल में 350 mg. वृक्षमला एक तरह फल होता है जिसके पेड़ भारत के पश्चिम में पाए जाते हैं. साउथ इंडिया में इसके फलों को मसाले के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. केरल में इसे मालाबार इमली भी कहते हैं. इसका अंग्रेज़ी नाम Garcinia Cambogia है, जबकि संस्कृत में इसे वृक्षमला और कंकुष्ट भी कहा जाता है.
हिमालया वृक्षमला के फ़ायदे-
यह भूख को दबाता है या कम करता है, इसके इस्तेमाल से भूख कम लगती है. फैट को कम करता है और बॉडी में एक्स्ट्रा फैट को जमने नहीं देता और शरीर के एक्स्ट्रा फैट को कम कर वेट लॉस में मदद करता है इसमें पाए जाने वाले Hydroxy Citric Acid के कारन. बॉडी की एक्स्ट्रा फैट या चर्बी को कम करने की यह एक असरदार दवा है.
हिमालया वृक्षमला कैप्सूल कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है. LDL और Trilgyceride लेवल को नार्मल करता है.
यह पेट की प्रॉब्लम, जोड़ों का दर्द और आर्थराइटिस में भी फायदेमंद है. कुल मिलाकर देखा जाये तो हिमालया वृक्षमला वज़न कम करने का एक असरदार आप्शन है.
हिमालया वृक्षमला का डोज़-
एक से दो कैप्सूल तक सुबह शाम खाना खाने के बाद लेना चाहिए. इसका कैप्सूल और टेबलेट दोनों एक जैसा ही काम करता है. यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है सही डोज़ लेने से किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है, प्रेगनेंसी में इसका इस्तेमाल न करें, कोई दूसरी दवा ले रहे हों तो इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए. हिमालया वृक्षमला घर बैठे ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से -
डीमार्क मुसली प्रो कैप्सूल यौन कमज़ोरी और पुरुष रोगों की आयुर्वेदिक दवा है. पॉवर, स्टैमिना बढ़ाने और शीघ्रपतन को दूर करने में यह असरदार है, तो आईये जानते हैं इसका कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
मुसली प्रो कैप्सूल जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बना आयुर्वेदिक कैप्सूल है जिसमे यौन शक्ति बढ़ाने वाली जानी-मानी जड़ी-बूटियाँ मिली होती हैं इसका मेन इनग्रीडेंट मुसली है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें -
मुसली - 50 mg
जायफल - 50 mg
शुद्ध शिलाजीत- 100 mg
अश्वगंधा- 200 mg
विदारी एक्सट्रेक्ट- 125 mg
कौंच बीज एक्सट्रेक्ट- 125 mg
उटंगन एक्सट्रेक्ट- 125 mg
गंगिरण एक्सट्रेक्ट- 125 mg
बीजबंद एक्सट्रेक्ट- 125 mg
वराही एक्सट्रेक्ट- 125 mg का मिश्रण होता है.
मुसली प्रो कैप्सूल के फ़ायदे-
ताक़त, स्टैमिना की कमी, यौनेक्षा की कमी, लीबीडो की कमी, शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी पुरुषों की प्रॉब्लम में असरदार है.
मुसली प्रो के इस्तेमाल से चिन्ता, तनाव, डिप्रेशन दूर होता है और अच्छी नीन्द लाने में मदद करता है.
कुल मिलाकर देखा जाये तो मुसली प्रो एक अच्छा नार्मल कम्पोजीशन है जो यौन रोगों में असरदार है जो मैरिड लाइफ को ख़ुशहाल बनाने में हेल्प करता है.
मुसली प्रो कैप्सूल का डोज़-
दो कैप्सूल रोज़ खाना खाने के बाद दूध के साथ लेना चाहिए. इसे महिलायें भी यूज़ कर सकती हैं. यह बिल्कुल सेफ़ फ़ॉर्मूला है, किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है, इसे लॉन्ग टाइम तक भी यूज़ कर सकते हैं. इसके 30 कैप्सूल की क़ीमत 850 रुपया है, इसे घर बैठे ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं निचे दिए गए लिंक से-
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अनन्त सालसा आयुर्वेदिक दवा का कंपनी बैद्यनाथ का ब्रांड है जो खून साफ़ करने की एक बेहतरीन दवा है जो कील-मुहाँसे, पिम्पल्स, दाग़ और झाइयाँ को दूर करता है और आपको सुन्दर बनाने और रूप निखारने में मदद करता है, तो आईये जानते हैं अनन्त सालसा का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
अनन्त सालसा जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बना पूरी तरह से आयुर्वेदिक सिरप है इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें अनंतमूल, नागरमोथा, लोध्र छाल, वट छाल, पीपल छाल, कचूर, पद्मकाष्ठ, सुगंधबाला, पाठा, गिलोय, सफ़ेद चन्दन, रक्त चन्दन, खस, कुटकी, कुठ, सनाय, हरीतकी और आँवला जैसी जड़ी बूटियों का मिश्रण होता है. इसमें मिलाई गयी सारी जड़ी-बूटियाँ खून साफ़ करने और स्किन प्रॉब्लम को दूर स्किन को टोन कर रूप निखारने की जानी-मानी औषधियां हैं.
अनन्त सालसा के फ़ायदे-
अनन्त सालसा को रक्तशोधक या खून साफ़ करने वाली दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. आयुर्वेदानुसार स्किन प्रॉब्लम ब्लड इम्पुरिटी से होती है और यह दवा ब्लड इम्पुरिटी को दूर कर देती है.
पिम्पल्स, झाईयां, दाग़-धब्बे, डार्क सर्कल्स जैसी चेहरे की प्रॉब्लम दूर होती है.
शरीर में पित्ती होना, फोड़े-फुंसी, एक्जिमा, सोरायसिस जैसे चर्मरोगों में भी इस से फ़ायदा होता है.
कुल मिलाकर देखा जाये तो स्किन प्रॉब्लम दूर करने और खून साफ़ कर रूप निखारने की यह एक अच्छी दवा है. ऐसी ही फ़ायदा करने वाली यूनानी दवा हमदर्द की 'साफ़ी' है जिसकी जानकारी पहले ही दी जा चुकी है.
अनन्त सालसा की मात्रा और सेवन विधि -
दो स्पून दिन में दो बार खाना खाने के बाद लेना चाहिए. चर्म रोगों में इसके साथ कैशोर गुग्गुल, निम्बादी चूर्ण जैसी दवाएँ भी ली जा सकती हैं. यह पूरी तरह से सेफ़ दवा है, किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है. लॉन्ग टाइम तक इसे यूज़ कर सकते हैं. इसके 450 ML के पैक की क़ीमत 119 रुपया है, इसे आयुर्वेदिक दवा दुकान से या फिर घर बैठे ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं निचे दिए गए लिंक से -
आमलकी रसायन आँवला के गुणों से भरपूर दवा है जो ख़ासकर पित्त दोष को कम करती है, इसके इस्तेमाल से एसिडिटी, शरीर की गर्मी और Digestion की प्रॉब्लम दूर होती है. बॉडी की ताक़त और स्टैमिना को बढ़ाता है. सर दर्द, आँखों की प्रॉब्लम, लीवर की कमज़ोरी के अलावा कई सारे रोगों में फ़ायदेमंद है, तो आईये जानते हैं आमलकी रसायन का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल-
आमलकी रसायन एक तरह की रसायन औषधि है जिसका मेन इनग्रीडेंट आँवला होता है, इसके कम्पोजीशन की बात करें तो आँवला के चूर्ण में आँवला के रस की भावना देकर इसे बनाया जाता है. यही इसका मेन कम्पोजीशन है, वैसे आमलकी रसायन टोटल तीन तरह से बनाया जाता है जिनमे आँवला के जूस के अलावा पिप्पली, घी, चीनी और शहद भी मिलाया जाता है.
आमलकी रसायन के गुण -
आयुर्वेदानुसार यह पित्त दोष को दूर करता है, तासीर में ठंडा होता है. यह विटामिन C रिच और कई सारे गुणों से भरपूर होता है. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजिंग, रसायन या टॉनिक, Antacid, Digestive, Heamatinic, एंटी कैंसर, लीवर-स्प्लीन प्रोटेक्टिव और यौनेक्षा बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं.
आमलकी रसायन के फ़ायदे -
नेचुरल विटामिन C से भरपूर होने से बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी एजिंग का काम करता है, शरीर को फ्रीरैडिकल डैमेज से बचाता है. इम्युनिटी पॉवर या रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर जल्दी बीमार होने से बचाता है.
रसायन या टॉनिक वाले गुण होने से शरीर को ताक़त देता है, बल-वीर्य बढ़ाता है और चुस्ती-फुर्ती देता है.
एसिडिटी को दूर कर Digestive system को मज़बूत बनाता है, पित्त को कम कर हाजमा ठीक करने में मदद करता है, कब्ज़ में भी फ़ायदा करता है.
आँखों के लिए भी फ़ायदेमंद है, दिमाग को ताक़त देता है, आँखों को हेल्दी रखने और रौशनी बढ़ाने में मदद करता है.
आँवला हेयर हेल्थ या बालों के लिए भी बेहद असरदार है, बालों को घना, लम्बा, काला और मज़बूत बनाता है. कुल मिलाकर देखा जाये तो आमलकी रसायन आँवला के गुणों से भरपूर एक बेहतरीन दवा है.
आमलकी रसायन की मात्रा और सेवन विधि -
एक से तीन ग्राम तक सुबह शाम पानी से. इसे घी और शहद के साथ भी लिया जा सकता है. कई लोग दूध के साथ लेने की सलाह भी देते हैं, पर दूध के साथ लेना ज़्यादा ठीक नहीं रहता. यह ऑलमोस्ट सेफ़ है, सही डोज़ में लेने से किसी तरह का कोई नुकसान या साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है. डाबर, बैद्यनाथ, पतंजलि जैसी कई सारी कम्पनियों का यह मिल जाता है. इसे ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं निचे दिए लिंक से-
उच्च गुणवत्ता वाला आमलकी रसायन सिर्फ़ 155 रुपया में ऑनलाइन खरीदें- https://www.lakhaipur.in/product/amalki-rasayan/
महा भृंगराज तेल एक क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो बालों की हर प्रॉब्लम के लिए बेस्ट तेल है. बालों का गिरना रोकता है, रुसी या Dandruff को दूर करता है, समय से पहले बाल सफ़ेद होने से बचाता है और सफ़ेद हो चुके बालों को काला करने में मदद करता है. महा भृंगराज तेल एक बेजोड़ तेल है, तो आईये जानते हैं इसका कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल-
महा भृंगराज तेल का मेन इनग्रीडेंट भृंगराज नाम की जड़ी-बूटी है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें भृंगराज, मंजीठ, पद्मकाष्ठ, लोध्र, लाल चन्दन, गैरिक, खरैटी पंचांग, हल्दी, दारू हल्दी, नागकेशर, प्रियंगु, मुलेठी, कमल फूल और अनंतमूल जैसी जड़ी-बूटियाँ मिली होती है, इसे तिल तेल के बेस बनाया जाता है.
इसमें मिलायी जाने वाली जड़ी-बूटियाँ बालों को उचित पोषण देने और बालों की हर तरह की समस्या को दूर करने में बेहद असरदार हैं. भृंगराज तो बालों के लिए वरदान जैसा है, यह बालों को सफ़ेद होने से रोकता है और असमय सफ़ेद हो चुके बालों को काला करने की शक्ति रखता है.
महा भृंगराज तेल के फ़ायदे-
अगर मैं कहूँ कि महा भृंगराज तेल बालों के लिए सबसे बेस्ट तेल है तो ग़लत न होगा. मैंने अब तक जितने भी लोगों को इसे यूज़ करने की सलाह दी है, सभी को फ़ायदा हुआ है.
यह बालों का गिरना कम करता है, बालों की जड़ों को मज़बूत बनाता है, बालों को घना बनाने और बढ़ने में मदद करता है. बालों को सॉफ्ट, सिल्की और काला बनाता है.
महा भृंगराज तेल न सिर्फ बालों का तेल है बल्कि एक बेहतरीन आयुर्वेदिक दवा है जो आयुर्वेदानुसार बालों की हर तरह की प्रॉब्लम को दूर कर देता है.
बालों में रुसी या Dandruff को दूर करता है और बालों उचित पोषण देता है. समय से पहले अगर बाल सफ़ेद हो रहे हैं तो इसका इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए.
सर दर्द को दूर कर अच्छी नींद लाने में मदद करता है. सर में होने वाली फुन्सियों को भी दूर करता है.
महा भृंगराज तेल को यूज़ कैसे करें?
हेयर आयल की तरह बालों की जड़ों में उँगलियों से अच्छी तरह से मालिश करनी चाहिए और पुरे बालों में भी लगाना चाहिए. बालों को किसी हर्बल शैम्पू से धोने के बाद या नहाने के बाद इसे लगायें और कुछ ही दिनों में फ़ायदा देख सकते हैं. इसका हमेशा यूज़ कर आप बालों को काला बनाये रख सकते हैं. मार्केट में मिलने वाले किसी भी केमिकल वाले या सिंथेटिक तेलों से आपको नुकसान हो सकता है पर महा भृंगराज तेल 100% आयुर्वेदिक तेल है जिसका किसी तरह का कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं है. इसे घर बैठे ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से-
इसे भी जानिए-
अश्वगंधादि लेह्य दुबलापन और कमज़ोरी को दूर कर हेल्थ इम्प्रूव करने वाली एक बेहतरीन दवा है. इसके और भी कई सारे फ़ायदे हैं, तो आईये जानते हैं इसका कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
अश्वगंधादि लेह हलवे या च्यवनप्राश के तरह की दवा है जिसका मेन इन्ग्रीडेंट अश्वगंधा है, इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें-
अश्वगंधा - 192 gram
शारिवा- 192 gram
जीरा - 192 gram
चोपचीनी- 192 gram
द्राक्षा- 192 gram
छोटी इलायची- 24 gram
घी- 226 gram
शहद- 452 gram
चीनी- 1.35 kg मिश्रण होता है.
अश्वगंधादि लेह निर्माण विधि -
इसे बनाने का तरीका यह है कि अश्वगंधा, शारिवा, जीरा, चोपचीनी और द्राक्षा को जौकुट कर यानि मोटा-मोटा कूटकर क़रीब चार लीटर पानी में स्लो आँच पर उबालें. जब एक लीटर पानी बचे तो ठण्डा होने पर मसल कर छान लें.
अब इस छने हुवे पानी या काढ़े को कलईदार बर्तन या स्टील की कढ़ाही में डालकर गाढ़ा होने तक उबालना है और उसके बाद घी और चीनी मिलाकर स्लो आंच में पकाएं. जब हलवे की तरह बन जाये तो आंच से उतार लें और छोटी इलायची का पाउडर मिक्स कर दें और ठण्डा होने दें. जब पूरी तरह से ठंडा हो जाये तो इसमें शहद अच्छी तरह से मिक्स कर डब्बे के पैक कर रख लें. अश्वगंधादि लेह तैयार है.
अश्वगंधादि लेह के गुण -
यह वात दोष पर असर करता है, तासीर में नार्मल होता है. एंटी ऑक्सीडेंट, रसायन या टॉनिक, कमज़ोरी दूर करने वाला, एंटी डिप्रेसिव, ताक़त, स्टैमिना और बढ़ाने वाला, दर्द और सुजन नाशक गुणों से भरपूर होता है.
अश्वगंधादि लेह के फ़ायदे-
जो लोग वज़न बढ़ाना चाहते हैं, मसल्स बिल्ड करना चाहते हैं, ताक़त और स्टैमिना बढ़ाना चाहते हैं उनके लिए यह एक बेहतरीन दवा और टॉनिक है. इसे कम से कम तीन महिना तक दूध से लेना चाहिए.
दुबले पतले लोगों के लिए और जो लोग बॉडी बिल्डिंग करना चाहते हैं उनके लिए भी यह एक असरदार टॉनिक और हेल्थ सप्लीमेंट है.
चिंता, तनाव, थकान, थोड़े से काम से ही थक जाना, कमज़ोरी, हड्डियों की कमजोरी जैसी प्रॉब्लम को दूर करता है. तनाव, स्ट्रेस दूर कर अच्छी नींद लाने में मदद करता है.
उम्र बढ़ने पर होने वाले जोड़ों के दर्द, अर्थराइटिस, कमर दर्द, मसल्स का दर्द, पुरुषों की यौन कमजोरी, शीघ्रपतन, मेल ऑर्गन का ढीलापन, वीर्य विकार जैसी प्रॉब्लम में भी असरदार है.
अश्वगंधादि लेह का डोज़-
एक चम्मच(10-15 ग्राम) सुबह शाम दूध के साथ खाना के एक घंटा पहले या खाने के दो घंटे बाद लेना चाहिए. यह व्यस्क व्यक्ति का डोज़ है. बच्चों को बहुत कम डोज़ में देना चाहिए उनकी उम्र के मुताबिक. छोटे बच्चे से लेकर बड़े-बूढ़े सभी लोग यूज़ कर सकते हैं. यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है. तीन से छह महिना या ज्यादा टाइम तक भी यूज़ कर सकते हैं. चीनी और शहद मिला होने से डायबिटीज वाले यूज़ न करें. इसे घर बैठे ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से-
जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है यह स्ट्रेस यानि चिंता, तनाव जैसे मानसिक प्रॉब्लम को दूर करता है और साथ में बल, वीर्य और ओज को बढ़ाकर आपको हमेशा एक्टिव और फिट रखने में मदद करता है, तो आईये जानते हैं डाबर स्ट्रेसकॉम का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
डाबर स्ट्रेसकॉम के कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें अश्वगंधा का कंसंट्रेशन होता है. अश्वगंधा एक ऐसी औषधि है जो अपने गुणों के कारन पोपुलर है यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ के लिए बेजोड़ दवा है.
डाबर स्ट्रेसकॉम के फ़ायदे -
चिंता, तनाव, थकान, Chronic Fatigue Syndrome और डिप्रेशन जैसी प्रॉब्लम में इसका इस्तेमाल करना चाहिए, यह स्ट्रेस को दूर कर चिंतामुक्त बनाती है.
यह दीमाग को शांति देता है, यादाश्त या मेमोरी पॉवर को बढ़ाता है सर दर्द और तनाव दूर कर अच्छी नींद लाने में मदद करता है.
डाबर स्ट्रेसकॉम का मुख्य घटक अश्वगंधा है, यह टॉनिक की तरह भी काम करता है और कमज़ोरी को दूर करता है.
यौन कमज़ोरी के लिए अश्वगंधा जानी-मानी दवा है, इसके इस्तेमाल से वीर्य गाढ़ा होता है, धात गिरना जैसी प्रॉब्लम दूर होती है, स्पर्म क्वालिटी में सुधार होता है, यौनेक्षा और जोश को बढ़ाता है और बाजीकारक गुणों से भरपूर होता है. अंडकोष पर भी इसका असर होता है. स्त्री-पुरुष दोनों के प्रजनन अंगों या Reproductive हेल्थ को इम्प्रूव करता है.
इन सब के अलावा जोड़ों का दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मसल्स का दर्द, सुजन जैसे रोगों में भी इस से फ़ायदा होता है. कुल मिलाकर देखा जाये तो डाबर स्ट्रेसकॉम के वही फ़ायदे हैं तो अश्वगंधा के होते हैं क्यूंकि डाबर स्ट्रेसकॉम अश्वगंधा का ही कंसंट्रेशन है.
डाबर स्ट्रेसकॉम का डोज़-
एक कैप्सूल सुबह शाम खाना खाने के बाद दूध या पानी से. यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है, किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है. अगर इसके इस्तेमाल से किसी को कब्ज़ हो तो त्रिफला चूर्ण भी यूज़ करना चाहिए. इसका इस्तेमाल करते हुवे हल्का सुपाच्य भोजन करें, पेट साफ़ रहे इसका ध्यान रखें. डाबर स्ट्रेसकॉम ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से-
खदिरादि वटी को खदिरादि गुटिका के नाम से भी जाना जाता है, यह एक क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो गले की ख़राश, आवाज़ बैठना, मुँह के छाले या मुंह आना, माउथ अल्सर, खाना गले में अटकना और खांसी जैसी बीमारियों को दूर करती है, तो आईये जानते हैं खदिरादि वटी का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
खदिरादि वटी जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है वटी या टेबलेट है जिसका मेन इन्ग्रीडेंट खदिरसार या कत्था होता है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें खदिरसार चार भाग, जावित्री, कंकोल, भीमसेनी कपूर और सुपारी का मिश्रण होता है. यही इसका मेन फ़ॉर्मूला है, कुछ अलग ग्रंथों में इसका कम्पोजीशन थोड़ा अलग होता है पर सब के काम एक जैसे ही हैं और नाम भी सेम होता है.
खदिरादि वटी के फ़ायदे -
इसके इस्तेमाल से मुँह, गला, तालू, ज़बान और होंठ के रोगों में फ़ायदा होता है. इन सब रोगों में इसका इस्तेमाल करना चाहिए जैसे -
गले की ख़राश(Sore Throat)
टॉन्सिल्स बढ़ जाना(Tonsillitis)
आवाज़ बैठ जाना(Hoarsness)
मुँह के छाले(Gingivitis), माउथ अल्सर
मुँह सुखना, खाना गले में अटकना
जीभ और तालू के विकार
खाँसी, सुर सूरी होना गले की ख़राश से
दांत दर्द, मसूड़ों के दर्द में भी फ़ायदा होता है.
खदिरादि वटी की प्रयोग विधि-
एक गोली दिन में पांच छह बार तक मुँह में रखकर चुसना चाहिए. बच्चों को एक गोली रोज़ दो-तीन बार तक दे सकते हैं. यह लोजेंस की तरह मुँह में रखकर चूसने की दवा है.
यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है, कपूर मिला होने से बहुत ज़्यादा यूज़ कर लेने पर पेट दर्द, उल्टी और बेचैनी जैसे लक्षण हो सकते हैं. इसीलिए बहुत ज़्यादा यूज़ न करें. डाबर, बैद्यनाथ, झंडू जैसी कई सारी कंपनियाँ इसे बनाती हैं. ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से-
व्हीट ग्रास का जूस और पाउडर दोनों तरह से इस्तेमाल किया जाता है. व्हीट ग्रास उगाने के लिए गेहूँ के बीजों को भीगाकर आर्गेनिक मिटटी में बोया जाता है और जब इसके अंकुर होकर घास की तरह उग जाते हैं तो हरे रंग के इस घास या ज्वारे को काटकर जूस बनाकर यूज़ कर सकते हैं या फिर सुखाकर इसका पाउडर भी बनाया जाता है.
गेहूँ के ज्वारे में कलोरोफिल, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, आयोडीन, सेलेनियम और आयरन जैसे मिनरल्स और विटामिन्स पाए जाते हैं. यह एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी एजिंग, Detoxifying यानि शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने वाले गुणों से भरपूर होता है.
आईये अब जानते हैं कि व्हीट ग्रास किन रोगों में फ़ायदेमंद है -
कब्ज़ के लिए -
गेहूँ ज्वारा फाइबर रिच होने से कब्ज़ के अच्छा माना जाता है, बोवेल मूवमेंट को ठीक कर कब्ज़ को दूर करता है और ब्लीडिंग पाइल्स में इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है.
स्किन डिजीज और ब्लड इम्पुरिटी के लिए -
Detoxifying गुण होने यह शरीर से विषाक्त तत्वों और इम्पुरिटी को बाहर निकालता है जिस से खून साफ़ होता है तो स्किन डिजीज में फ़ायदा होता है.
हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट के लिए -
व्हीट ग्रास जूस के इस्तेमाल से RBC बढ़ता है, खून की कमी दूर होती है और ब्लड प्रेशर को नार्मल रखने में मदद करता है. हार्ट को प्रोटेक्ट करता है और ह्रदय रोगों से बचाता है.
एसिडिटी के लिए -
सीने की जलन और एसिडिटी की प्रॉब्लम में भी यह असरदार है. नेचुरल क्षारीय गुण होने से एसिड को कम कर पेट की प्रॉब्लम में राहत देता है.
एंटी एजिंग है, जवान बनाये रखे-
एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजिंग गुण होने और क्लोरोफिल से भरपूर होने से यह एजिंग को स्लो कर देता है. यह बुढ़ापे के लक्षणों को रोकता है और आपको हमेशा जवान बनाये रखने में मदद करता है.
वज़न कम करने के लिए -
कई सारे रिसर्च यह कहते हैं कि अगर गेहूँ ज्वारा को अपनी डाइट में शामिल किया जाये तो वेट लॉस करने में मदद करता है. जंक फ़ूड से होने वाली ओबेसिटी में इस से फ़ायदा होता है.
मुँह की बदबू और दांत-मसूड़ों के लिए -
मुँह से बदबू या दुर्गन्ध आने पर गेहूँ ज्वारा को सुबह-शाम चबाया करें, इस से न सिर्फ बदबू दूर होगी बल्कि दांत और मसूड़ों को भी हेल्दी बनाता है.
कैंसर के लिए -
हर तरह के कैंसर में व्हीट ग्रास जूस से फ़ायदा होते हुवे देखा गया है. कैंसर के रोगी को इसका इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए.
यह सब तो हो गए व्हीट ग्रास के फ़ायदे, अब जानते हैं इस से होने वाले नुकसान और साइड इफ़ेक्ट के बारे में -
यह तो ऑलमोस्ट सेफ़ होता है पर कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए
व्हीट ग्रास जूस ज्यादा यूज़ करने पर उल्टी, सर दर्द और दस्त भी हो सकते हैं, इसलिए कम मात्रा में ही शुरू करें और अपनी पाचन शक्ति के अनुसार डोज़ लेना चाहिए.
कुछ लोगों को इस से एलर्जी भी हो सकती है, अगर इसे लेने से किसी तरह की एलर्जी हो तो इसका यूज़ नहीं करना चाहिए.
व्हीट ग्रास का डोज़ -
इसका जूस 25 ML से 50 ML सुबह शाम ले सकते हैं, ख़ाली पेट ज़्यादा असर करता है. अपनी उम्र और पाचन शक्ति के अनुसार डोज़ लेना चाहिए.
इसका पाउडर आधा से एक चम्मच तक सुबह शाम ले सकते हैं. व्हीट ग्रास जूस और पाउडर ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं निचे दिए लिंक से -
इसे भी जानिए -
हरिद्राखण्ड क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो हर तरह की एलर्जी की मेन दवा है. खुजली, स्किन पर पित्ती होना, चकत्ते होना, एक्जिमा, कील-मुहाँसे और सोरायसिस जैसे रोगों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है, तो आईये जानते हैं हरिद्राखण्ड का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल-
हरिद्राखण्ड का मुख्य घटक हल्दी है. हरिद्राखण्ड के कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें हल्दी, निशोथ, हरीतकी, दारूहल्दी, नागरमोथा, अजवाइन, त्रिकटु और त्रिफला जैसी चीजों का मिश्रण होता है.
हरिद्राखण्ड के गुणों की बात करें तो यह एक बेहतरीन एंटी एलर्जिक है, एंटी इंफ्लेमेटरी यानि सुजन नाशक, Antihistaminic, एंटी ऑक्सीडेंट और रक्त शोधक या ब्लड प्योरीफायर गुणों से भरपूर होता है.
हरिद्राखण्ड के फ़ायदे-
हरिद्राखण्ड एलर्जी की जानी-मानी आयुर्वेदिक दवा है, इसके इस्तेमाल से Allergic Rhinitis, शरीर में पित्ती होना(Urticaria), एलर्जिक Bronchitis, एक्जिमा, कील-मुहाँसे और सोरायसिस जैसे रोग दूर होते हैं.
बॉडी में एलर्जी या खुजली होना, चकत्ते होना, सुजन हो जाना, खुजली से मवाद निकलना जैसी प्रॉब्लम में हरिद्राखण्ड का इस्तेमाल करना चाहिए.
सुबह-सुबह छींक आने की प्रॉब्लम(Allergic Rhinitis) में इसके इस्तेमाल से अच्छा फ़ायदा होता है.
सोरायसिस और एक्जिमा जैसे जटिल रोगों में इसके साथ में दूसरी दवा भी लेनी चाहिए जैसे कैशोर गुग्गुल, निम्बादी चूर्ण, मंजिष्ठारिष्ट वगैरह.
हरिद्राखण्ड एलर्जी और स्किन डिजीज की अच्छी दवा है जिसे कोई भी यूज़ कर फ़ायदा ले सकता है. हरिद्राखण्ड वृहत के नाम से मिलने वाली दवा नार्मल हरिद्राखण्ड से ज़्यादा असरदार है.
हरिद्राखण्ड की मात्रा और सेवन विधि-
3 से 6 ग्राम तक सुबह शाम पानी या दूध से या फिर रोगानुसार उचित अनुपान से. यह व्यस्क व्यक्ति का डोज़ है, बच्चों को कम डोज़ में देना चाहिए. बच्चे-बड़े सभी लोग यूज़ कर सकते हैं, पूरी तरह से सेफ़ दवा है किसी तरह का कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है, लॉन्ग टाइम तक यानि छह महिना से एक साल तक भी यूज़ कर सकते हैं. घर बैठे ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से-
इसे भी जानिए -
केसरी कल्प रॉयल, बैद्यनाथ का एक क्वालिटी प्रोडक्ट है जो शारीरिक और मानसिक कमज़ोरी को दूर कर चुस्ती-फुर्ती लाने और एक्टिव बनाकर जीवन का भरपूर आनंद लेने में मदद करता है, तो आईये जानते हैं इसका कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
केसरी कल्प एक तरह का रॉयल च्यवनप्राश है जिस बैद्यनाथ रिसर्च फाउंडेशन ने डेवलप किया है, इसके सोना, चाँदी, केसर जैसी 52 तरह की जड़ी-बूटियों और मिनरल्स का मिश्रण है. यह अपने Category का एक बेहतरीन हेल्थ टॉनिक है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें स्वर्ण भस्म, अभ्रक भस्म, चाँदी का वर्क, मुक्ताशुक्ति भस्म, कौंच बीज, गोखुरू, अकरकरा, सफ़ेद मुस्ली, आँवला, बला, चन्दन, मुनक्का, गुडूची, हरीतकी, जायफल, कंटकारी, लौंग, मोथा, मुलेठी, पीपल, सोंठ, दालचीनी, तेजपात, बिल्व, पुनर्नवा, श्योनका, अग्निमंथा, शालपर्णी, पृषनपर्णी, माषपर्णी, पाटला, गम्भारी, शतावरी, विदारीकन्द, वृकशामला, बादाम, उत्पल, इलायची, जीवंती, अगर, केसर, भूमि आमला, काकड़ासिंगी, काजू, पिस्ता के अलावा घी और चीनी का मिश्रण होता है.
च्यवनप्राश तो अपने गुणों के कारन पूरी दुनिया में जाना जाता है और केसरी कल्प साधारण च्यवनप्राश से कई गुना बेहतर एक तरह का रॉयल च्यवनप्राश है जो अपने आप में बेजोड़ है.
बैद्यनाथ केसरी कल्प के फ़ायदे -
यह एक बेहतरीन आयुर्वेदिक टॉनिक है जो एंटी एजिंग और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है, इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाकर बीमारियों से बचाता है.
समय से पहले बुढ़ापा, झुर्रियाँ और सफ़ेद बाल होने से बचाता है और यंग और एक्टिव रखने में मदद करता है. चेहरे की चमक और रंग को निखारता है, काले धब्बे दूर करता है.
कमज़ोरी, शारीरिक, मानसिक थकान को दूर करता है और स्टैमिना को बढ़ाता है. विटामिन्स और मिनरल्स की कमी को पूरा कर हेल्थ इम्प्रूव करता है.
दिल, दिमाग और फेफड़ों को मजबूत बनता है, सर्दी, जुकाम, खांसी, दमा से बचाता है.
नस, नाड़ियों और नर्व को ताक़त देता है, कोलेस्ट्रॉल को कम करता है.
स्वर्ण भस्म, कौंच बीज और सफ़ेद मुसली जैसी चीजें मिला होने से मर्दाना कमज़ोरी को भी दूर करता है और यूरिन इन्फेक्शन में भी फ़ायदेमंद है.
कुल मिलाकर देखा जाये तो यह एक बेहतरीन आयुर्वेदिक टॉनिक है जो बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के काम करता है और हर उम्र के लोग इसे यूज़ कर सकते हैं.
बैद्यनाथ केसरी कल्प का डोज़-
एक चम्मच सुबह शाम दूध से खाना खाने के बाद लेना चाहिए. यह बिलकुल सेफ़ दवा है, स्त्री-पुरुष सभी लोग लॉन्ग टाइम तक यूज़ कर सकते हैं. चीनी मिला होने से डायबिटीज वाले सावधानीपूर्वक इसका इस्तेमाल करें. घर बैठे ऑनलाइन खरीदें, निचे दिए लिंक से -
इसे भी जानिए-