शुक्र वल्लभ रस स्वर्णयुक्त औषधि है जिसे शक्र वल्लभ रस के नाम से भी जाना जाता है. इसके इस्तेमाल से पुरुषों की बहुत ही कॉमन बीमारी Premature Ejaculation और इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसे पुरुष यौन रोग दूर होते हैं, तो आईये जानते हैं शुक्र वल्लभ रस का कम्पोजीशन फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
शुक्र वल्लभ रस जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है यह एक रसायन औषधि है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, लौह भस्म, स्वर्ण भस्म, रौप्य भस्म, अभ्रक भस्म, स्वर्णमाक्षिक भस्म, तुगाक्षीरी और विजयाबीज के मिश्रण से बनाया जाता है. सोना, चाँदी, लौह, अभ्रक जैसी औषधियों के मिश्रण से यह दवा बेहद असरदार बन जाती है.
त्रिदोष पर इसका असर होता है, वात को बैलेंस करता है. पावरफुल यौनशक्ति वर्धक और कामोत्तेजना बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर होता है.
शुक्र वल्लभ रस के फ़ायदे -
जैसा कि शुरु में ही बताया गया यह शीघ्रपतन और इरेक्टाइल डिसफंक्शन की बेहद असरदार दवा है.
यह एक नेचुरल यौनशक्ति वर्धक औषधि है जिसके प्रयोग से रोम रोम फड़कने लगता है. शारीरिक कमज़ोरी को दूर करता है और कामशक्ति को बढ़ा देता है.
शक्ति, स्टैमिना और एनर्जी को बढ़ाता है, ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाकर प्रॉपर इरेक्शन में मदद करता है.
शुक्र वल्लभ रस की मात्रा और सेवन विधि -
एक से दो गोली सुबह शाम भोजन के बाद दूध से लेना चाहिए, या फिर आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से. इसे आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही यूज़ करना चाहिए. ज़्यादा डोज़ या लॉन्ग टाइम तक यूज़ करने से नुकसान भी हो सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह से ही यूज़ करें.
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