ऐमिल फार्मा की नीरी नाम की यह पेटेंट आयुर्वेदिक दवा है जो किडनी और ब्लैडर की पत्थरी, किडनी सिस्ट, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, पेशाब की जलन और प्रोस्टेट जैसे रोगों को दूर करती है, तो आईये जानते हैं इसका कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
यह पूरी तरह से आयुर्वेदिक दवा है जिसमे जड़ी-बूटी, क्षार और भस्मों का मिश्रण है. इसका कम्पोजीशन बेजोड़ है. इसे पाषाणभेद, पलाश पुष्प, श्वेत पर्पटी, अपामार्ग पञ्चांग, वरुण, शुद्ध शिलाजीत, पुनर्नवा, हजरुल यहूद भस्म, सहदेवी, गोखरू, लज्जालु मूल और यावाक्षार का मिश्रण होता है.
इसमें मिलाई गई पाषाणभेद, श्वेत पर्पटी और हजरुल यहूद भस्म जैसी औषधियां पत्थरी को घुलाकर निकालने की जानी-मानी औषधियां हैं.
नीरी के गुण -
इसके गुणों की बात करें तो यह मूत्रल यानि Diuretic, Alkalizer, Anti-spasmodic, सुजन दूर करने वाली(Anti-inflammatory), एंटी ऑक्सीडेंट और Nephro-protective गुणों से भरपूर होती है.
नीरी टेबलेट/सिरप के फ़ायदे -
नीरी जो है किडनी, और ब्लैडर की पत्थरी को नेचुरल तरीके से फ्लश कर निकालने की अच्छी दवा है, पत्थरी को दूर करना इसका मेन काम है और मूत्र संक्रमण या UTI को भी दूर करती है.
पत्थरी और इसकी वजह से होने वाली प्रॉब्लम जैसे दर्द, पेशाब में तकलीफ़, पेशाब की जलन, पेशाब कम आना, पेशाब में खून आना, पेशाब पिला होना जैसी प्रॉब्लम दूर करती है.
पत्थरी बनने की टेड़ेंसी और पत्थरी के कारण को दूर कर किडनी और ब्लैडर के फंक्शन को सही करती है.
नीरी के इस्तेमाल से बढ़ा हुआ प्रोस्टेट ग्लैंड और इस से रिलेटेड प्रॉब्लम में भी फ़ायदा होता है.
नीरी टेबलेट और सिरप दोनों रूप में मिलती है, दोनों के फ़ायदे एक जैसे ही हैं.
नीरी का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका -
दो टेबलेट रोज़ दो से तीन बार तक, यह व्यस्क व्यक्ति की मात्रा है, बच्चों को कम डोज़ में देना चाहिए. इसका सिरप एक से दो स्पून रोज़ दो-तिन बार ले सकते हैं. इसे खाना खाने के बाद ही लेना चाहिए इसका यूज़ करते हुवे पानी ख़ूब पीना चाहिए. कम से कम दो-तिन महिना या पत्थरी की साइज़ के अनुसार लॉन्ग टाइम तक भी लिया जा सकता है. इसे आयुर्वेदिक मेडिकल से या निचे दिए गए लिंक से ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं.
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