जवाहर मोहरा क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो दिल, दिमाग और नस नाड़ियों को पोषण देती है. दिल के मरीज़ों के यह बेहतरीन दवा है. दिल का ज़्यादा धड़कना, हार्ट फ़ैल, दिल का साइज़ बढ़ जाना और एनजाइना पेक्टोरिस में असरदार है.
इन सब के अलावा यह न्यूरोलॉजिकल और Psychological रोगों जैसे डिप्रेशन, चिंता, तनाव, नींद नहीं आना, शिज़ोफ्रेनिया, बेचैनी और मानसिक अवसाद में भी लाभकारी है, तो आईये जानते हैं जवाहर मोहरा का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल-
जवाहर मोहरा और जहर मोहरा दोनों थोड़ा मिलते जुलते नाम हैं पर दोनों अलग-अलग दवा है, यहाँ मैं बात कर रहा हूँ जवाहर मोहरा की.
जवाहर मोहरा के कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें बहुत ही कीमती चीज़ों का मिश्रण होता है, इसमें स्वर्ण भस्म और रजत भस्म एक-एक भाग, कस्तूरी, अम्बर दो-दो भाग, माणिक्य पिष्टी, पन्ना पिष्टी, मोती पिष्टी, कहरवा पिष्टी, आबेरेशम, जदबार प्रत्येक 4-4 भाग, प्रवाल पिष्टी, श्रृंग भस्म, संगेयशब पिष्टी प्रत्येक 8-8 भाग लेकर गुलाब जल में खरल कर सुखाकर रख लिया जाता है.
जवाहर मोहरा के गुण -
यह त्रिदोष नाशक है, तासीर में ठंडा, दिल और दिमाग को पोषण देने वाले गुणों से भरपूर होता है. यह एक बेहतरीन Cardio-protective, Antianginal, Anti-hypertensive, Anti-depressive, Antioxidant, Antacid, Calcium Rich और टॉनिक है.
जवाहर मोहरा के फ़ायदे-
जैसा कि शुरू में ही बताया गया है यह दिल, दिमाग के लिए बेहतरीन दवा और टॉनिक है. दिल का दर्द(Angina Pain), दिल का बढ़ जाना(Heart Enlargement), दिल का ज़्यादा धड़कना(Heart Palpitation), Tachycardia जैसे दिल के रोगों के लिए यह बेस्ट दवा है. यह दिल के मसल्स को ताक़त देती है और दिल के फंक्शन को नार्मल करती है.
- मानसिक रोग जैसे - चिंता, तनाव, डिप्रेशन, मानसिक थकान, मेमोरी लॉस, नींद नहीं आना, Schizophrenia, ज़रा सी बात पर इमोशनल हो जाना(Emotional Trauma) जैसे रोगों में बेहद असरदार है.
- चिडचिडापन, ज़रा सी बात पर गुस्सा हो जाना, बहुत ज्यादा सोचना और चिंता करना, दिमाग शांत नहीं होना जैसी प्रॉब्लम भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
- यह बेहतरीन Antacid भी है, एसिडिटी, अल्सर को दूर करता है. पाचन शक्ति को ठीक करता है.
- इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाता है, इसमें Anticancer गुण भी है.
सोना, चाँदी, मोती, माणिक्य जैसे चीज़ों से बनी यह दवा महँगी तो है पर बेहद असरदार भी है. कुल मिलाकर देखा जाये तो यह दिल दिमाग के रोगों के लिए बेस्ट दवाओं में से एक है.
जवाहर मोहरा की मात्रा और सेवन विधि-
125 mg से 250 mg तक सुबह शाम भोजन के बाद. यह व्यस्क व्यक्ति की मात्रा है. बच्चे और बूढों को कम डोज़ में देना चाहिए.
हार्ट के रोगों में अर्जुन की छाल के चूर्ण के साथ शहद में मिक्स कर. मानसिक रोगों में अश्वगंधा चूर्ण के साथ लेना चाहिए. या फिर आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से. हमदर्द, बैद्यनाथ, डाबर जैसी कंपनियां इसे बनाती हैं. जवाहर मोहरा बैद्यनाथ कंपनी का जवाहर मोहरा नंबर - 1 के नाम से मिलता है. इसे आयुर्वेदिक दवा दुकान से या फिर यहाँ निचे दिए गए लिंक से ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं-
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