यह एक रसायन औषधि है जिसके इस्तेमाल से शारीरिक और मानसिक कमज़ोरी दूर होती है, बल बढ़ाता है, चुस्ती-फुर्ती लाता है. दिमागी ताक़त बढ़ाना, यादाश्त तेज़ करना, असमय बालों को सफ़ेद होने से बचाना, नवयौवन लाने और दीर्घायु होने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. तो आईये जानते हैं ब्रह्म रसायन का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल-
ब्रह्म रसायन एक तरह का अवलेह या हलवा होता है, ठीक वैसा ही जैसा कि च्यवनप्राश होता है. इसे कई तरह की जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया जाता है. आयुर्वेदिक ग्रन्थ चरक संहिता का यह योग है. इसमें मिलायी जानी वाली चीज़ों को तीन केटेगरी में रख सकते हैं जैसे -
क्वाथ द्रव्य (यानि जिनका काढ़ा बनाकर इस्तेमाल किया जाता है)
पिष्टी द्रव्य (यानि जिसे चटनी की तरह पीसकर मिलाया जाता है)
प्रक्षेप द्रव्य (इसे सबसे आख़िर में मिलाया जाता है)
स्नेह द्रव्य (भूनने और चिकनाई लेन के लिए)
क्वाथ द्रव्य-
शालपर्णी, प्रिश्नपर्णी, छोटी कटेरी, बड़ी कटेरी, गोखुरू, बेल की छाल, श्योनका, गम्भारी छाल, पटाला, पुनर्नवा, माषपर्णी, मुदगपर्णी, बला, एरण्डमूल, जीवक, ऋषभक, मेदा, जीवन्ति, शतावर, शरा, इक्षुमूल, कुश मूल, शाली मूल सभी 50-50 ग्राम
पिष्टी द्रव्य-
हरीतकी या बड़ी हरी ताज़ी एक किलो और ताज़ा पुष्ट पका हुवा आँवला एक किलो
प्रक्षेप द्रव्य -
मंडूकपर्णी, पिप्पली, शंखपुष्पी, मुस्तक, नागरमोथा, वायविडंग, सफ़ेद चन्दन, अगर, यष्टिमधु, हल्दी, नागकेशर, इलायची, दालचीनी प्रत्येक 15-15 ग्राम, मिश्री चार किलो
स्नेह द्रव्य में तिल का तेल या घी का इस्तेमाल किया जाता है
ब्रह्म रसायन बनाने का तरीका -
सबसे पहले हर्रे और आँवला को पानी में डालकर सॉफ्ट होने तक उबाल लेना है. इसके बाद क्वाथ द्रव्य को मोटा-मोटा कूट कर उसके वज़न के आठ गुना पानी में उबालना है. हर्रे और आँवला वाला पानी उसमे मिला सकते हैं. जब एक चौथाई पानी बच जाये तो ठंडा होने पर मसल कर छान लेना है.
इसे भी जानिए - च्यवनप्राश के फ़ायदे और इसे कैसे बनाते हैं?
उबले हुवे आँवला और हर्रे की गुठली निकाल कर चटनी की तरह पिस लेना है.
प्रक्षेप द्रव्य की औषधियों को भी कूट-पिसकर बारीक पाउडर बनाकर रख लेना है.
अब ताम्बे के बरतन या स्टील की कड़ाही में क्वाथ जो बनाया है उसे डालना है और उसमे आँवला और हर्रे की चटनी भी मिक्स कर उबालना है. धीमी आँच पर जब उबलते हुवे गाढ़ा हो जाये तो उसमे 250 ग्राम घी या तिल का तेल डालें और पीसी हुयी मिश्री मिलाकर अच्छी तरह हलवे की तरह भून लिया जाता है. जब हलवे से घी छूटने लगे तो आंच से उतार लें और ठंडा होने पर प्रक्षेप द्रव्य वाले चूर्ण को अच्छी तरह से मिक्स कर लें. बस ब्रह्म रसायन तैयार है. ब्रह्म रसायन बनाना आसान काम नहीं है और सब के बस की बात नहीं. बना बनाया मार्केट से लेकर यूज़ कर सकते हैं.
ब्रह्म रसायन के गुण-
ब्रह्म रसायन त्रिदोष नाशक है. बेहतरीन एंटी-ऑक्सीडेंट, नवयौवन लाने वाला, Nervine Tonic, मेमोरी बूस्टर, दिल-दिमाग की रक्षा करने वाला, ताक़त और स्टैमिना बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर होता है
ब्रह्म रसायन के फ़ायदे-
शरीर को नवयौवन प्रदान करने की यह एक अच्छी आयुर्वेदिक दवा है जो पुरे बॉडी पर असर करती है. शारीरिक शक्ति, बल और स्टैमिना को बढ़ाती है. ब्रेन, हार्ट और लंग्स को ताकत देती है, पेट और Digestive System को मज़बूत बनाती है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाकर बीमारियों से बचाती है.
दीमाग को तेज़ कर, यादाश्त बढ़ाना और हमेशा जवान रखने में मदद करना इसका मेन काम है.
कंसंट्रेशन की कमी, भूलने की बीमारी, मानसिक थकान, चिंता, डिप्रेशन, नींद नहीं आना, तनाव, सर्द दर्द, माईग्रेन, अल्झाइमर, बाल गिरना, समय से पहले बाल सफ़ेद होना, समय से पहले बुढ़ापे के लक्षण दिखना जैसे रोगों में इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है.
ब्रह्म रसायन की मात्रा और सेवन विधि -
एक चम्मच या दस ग्राम सुबह ख़ाली पेट रोज़ एक बार लेना चाहिए. बच्चे, बड़े सभी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, उनकी आयु के अनुसार इसका डोज़ लेना चाहिए. यह बिल्कुल सेफ़ दवा है, आयु के अनुसार सही डोज़ लेने पर किसी भी तरह का कोई नुकसान या साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है. कई सारी आयुर्वेदिक कम्पनियां इसे बनाती हैं, आयुर्वेदिक मेडिकल से या ऑनलाइन इसे खरीद सकते हैं.
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