तालमखाना एक औषधिय पौधा है जिसके बीजों का इस्तेमाल सबसे ज़्यादा किया जाता है, यह एक कंटीला पौधा होता है जो नदी, तालाब के किनारे और गीली मिट्टी वाली जगहों पर पैदा होता है. इसे यौन शक्ति बढ़ाने, पुरुष यौन रोगों को दूर करने, किडनी की पत्थरी, Gallstone और जौंडिस जैसे रोगों को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. तो आईये जानते हैं इसकी पूरी डिटेल-
तालमखाना और मखाना दोनों अलग चीज़ हैं, मखाना के बारे में पहले ही बता चूका हूँ. तालमखाना को कई नामों से जाना जाता है. हिंदी में गोकुला कांटा और तालमखाना और उर्दू में इसे तालमखाना ही कहते हैं जबकि संस्कृत और आयुर्वेद में इसे कोकिलाक्षा और इक्षुर के नाम से जाना जाता है. अंग्रेज़ी में Hydrophilia Spinosa, बंगाली में कुलियाखारा, मराठी में तालीखाना जैसे नामों से जाना जाता है
तालमखाना के गुण -
तालमखाना के गुणों की बात करें तो यह यौन शक्ति और कामोत्तेजना बढ़ाने वाला, मूत्रल यानि पेशाब साफ़ लाने वाला, एंटी बायोटिक और पोषक गुणों से भरपूर होता है
तालमखाना के फ़ायदे-
वीर्य विकार, वीर्य का पतलापन, शुक्राणुओं की कम संख्या, शीघ्रपतन, नामर्दी, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, स्वप्नदोष, जौंडिस, पत्थरी जैसे रोगों में इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है
यह शारीरिक कमज़ोरी को दूर कर बल-वीर्य बढ़ाता है और शक्ति देता है. यौन शक्तिवर्धक आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं में इसका इस्तेमाल किया जाता है
इसके बीजों का चूर्ण बनाकर अकेले या दूसरी दवाओं के साथ मिलाकर ले सकते हैं. तीन से छह ग्राम तक इसके बीजों के चूर्ण को सुबह-शाम दूध या पानी से लेना चाहिए. यह सुरक्षित दवा है इसके इस्तेमाल से किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है. पंसारी की दुकान से इसे खरीद सकते हैं. तालमखाना बीज पाउडर निचे दिए गए लिंक से ऑनलाइन खरीद सकते हैं- तालमखाना ऑनलाइन ख़रीदें
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