ईवकेयर महिलाओं के गर्भाशय टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, इसके इस्तेमाल से पीरियड के पहले की तकलीफ़, पीरियड में दर्द होना, Irregular period और अधीक ब्लीडिंग होने जैसी प्रोब्लेम्स में लाभ होता है. तो आईये जानते हैं ईवकेयर का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
ईवकेयर कैप्सूल और सीरप दोनों फॉर्म में मिलता है, इसके कम्पोजीशन की बात की जाये तो दोनों का कम्पोजीशन लगभग सेम होता है, ईवकेयर कैप्सूल में अशोक, दशमूल, गिलोय, काकमाची, पुनर्नवा, शतावर, घृतकुमारी, चन्दन, मोथा, बाकस, त्रिफला, त्रिकटु, सेमल के अलावा कासीस गोदन्ती भस्म और यशद भस्म का मिश्रण होता है
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जबकि इसके सीरप में अशोक, दशमूल, लोध्र, गिलोय, काकमाची, पुनर्नवा, शतावर, नारियल, घृतकुमारी, चन्दन, बबूल, मोथा, अनन्तमूल, बाकस, त्रिफला, त्रिकटू, मंजीठ, सेमल और शुद्ध शिलाजीत का मिश्रण होता है
ईवकेयर के फ़ायदे-
पीरियड के पहले की तकलीफ़, पीरियड में दर्द होना, Irregular period, पीरियड में बहुत ज़्यादा ब्लीडिंग होना, बहुत कम पीरियड होना जैसे रोगों में इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है. इनफर्टिलिटी के लिए इसे सहायक औषधि के रूप में लिया जा सकता है, इस से कंसीव होने में मदद मिलती है.
ईवकेयर का डोज़-
साधारण केस में एक कैप्सूल दिन में दो बार, समस्या अधीक हो तो दो कैप्सूल रोज़ दो बार लेना चाहिए
सिरप को एक से दो स्पून तक दिन में दो बार लेना चाहिए. इसका सिरप या कैप्सूल कोई एक ही यूज़ करें. पूरा लाभ के लिए कम से कम तीन महिना तक प्रयोग करें. यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है, कोई नुकसान नहीं होता. हैवी ब्लीडिंग या Dysmenorrhea में इसके साथ दूसरी दवा या कारणों की जाँच कर ही ट्रीटमेंट लेना चाहिए. ईवकेयर को डॉक्टर की सलाह से लेना ही ठीक रहता है. इस से मिलती जुलती दवाएँ हैं अशोकारिष्ट, M2 Tone, हेमपुष्पा इत्यादि.
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