सुज़ाक जो है मर्दों की एक तकलीफ़देह बीमारी है जो इन्फेक्शन या दुसरे कारणों से हो जाती है. पेशाब करने में दिक्कत होना, पेशाब करने में दर्द होना, पेशाब में मवाद आना, पीला या गाढ़ा पेशाब होना जैसे लक्षण इस बीमारी में पाए जाते हैं. तो आईये जानते हैं इसके लिए कुछ आयुर्वेदिक प्रयोग-
यहाँ मैं कुछ आसान से नुस्खे बता रहा हूँ जिसे आप ख़ुद घर पर बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं-
प्रयोग नंबर एक -
बंशलोचन 20 ग्राम, कबाबचीनी 20 ग्राम, छोटी इलायची के बीज 10 ग्राम, गिलोय सत्व 5 ग्राम और सफ़ेद चन्दन का बुरादा 50 ग्राम लेना है
बंशलोचन, कबाबचीनी और छोटी इलायची को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें और इसमें गिलोय सत्व और चन्दन का बुरादा मिक्स कर रख लें. इस चूर्ण को 3-3 ग्राम सुबह शाम पानी या गोखुरू के काढ़े के साथ लेने से सुजाक की बीमारी दूर हो जाती है
प्रयोग नंबर दो -
सोना गेरू 20 ग्राम, सफ़ेद फिटकरी और लाल फिटकरी 5-5 ग्राम, मिश्री 125 ग्राम लेकर सभी को चूर्ण बनाकर मिक्स कर रख लेना है. 5 ग्राम इस चूर्ण को सुबह शाम दूध या मिश्री मिली हुयी लस्सी के साथ लेने से सुज़ाक में लाभ होता है
प्रयोग नंबर तीन -
ताज़ी गिलोय का रस एक कप में एक चम्मच शहद मिक्स कर सुबह शाम पिने से पेशाब की जलन और मवाद आना बंद होता है और सुज़ाक दूर हो जाता है
प्रयोग नंबर चार -
सत्यानाशी या स्वर्णक्षीरी की जड़ की छाल को पीसकर पिने से सुज़ाक में लाभ होता है और दस्त भी साफ़ होता है
तो ये सब थे कुछ आयुर्वेदिक प्रयोग जिनके इस्तेमाल से सुज़ाक में फ़ायदा होता है. चंद्रप्रभा वटी, स्फटिक भस्म, गोक्षुरादी गुग्गुल, चन्दनासव जैसी शास्त्रीय आयुर्वेदिक औषधियाँ भी इस रोग में इस्तेमाल की जाती हैं.
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