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20 मई 2017

अकीक पिष्टी/अकीक भस्म के फ़ायदे | Akik Pishti/Akik Bhasma Benefits in Hindi


यह दिल दिमाग, लीवर, किडनी और स्प्लीन जैसे बॉडी के मेन Organs पर असर करती है. अकीक भस्म या अकीक पिष्टी के इस्तेमाल से हार्ट की कमज़ोरी, बॉडी में बहुत ज़्यादा गर्मी महसूस होना, मानसिक रोग, आँखों की बीमारी, सामान्य कमज़ोरी, एसिडिटी, अल्सर और महिलाओं की अत्याधिक ब्लीडिंग जैसे रोग दूर होते हैं, तो आईये जानते हैं अकीक पिष्टी और अकीक भस्म के फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी जानकारी -

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अकीक एक तरह का खनिज है जो पत्थर के रूप में होता है और इसी पत्थर से अकीक भस्म और पिष्टी बनाई जाती है. अकीक एक Gemstone है जिसे अक्सर लोग अंगूठी में पहनते हैं, यह कई रंग का होता है. अंग्रेज़ी में इसे Quartz और Onyx कहते हैं. घृतकुमारी के रस, गुलाब जल और गाय के दूध की भावना देकर शुद्ध कर अकीक भस्म और पिष्टी बनाई जाती है. अकीक भस्म और अकीक पिष्टी दोनों के फ़ायदे एक जैसे ही होते हैं.


अकीक भस्म और पिष्टी के गुण - 

अकीक के गुणों की बात करें तो यह Antacid, बेहतरीन Cardio-protective, मानसिक तनाव, चिन्ता, अवसाद नाशक, हृदय और मस्तिष्क को बल देने वाले गुणों से भरपूर होता है

अकीक पिष्टी/अकीक भस्म के फ़ायदे- 

सामान्य कमज़ोरी, हार्ट की कमज़ोरी, मानसिक तनाव, चिंता, मानसिक थकावट, एसिडिटी, सिने की जलन, हर तरह का अल्सर, आँख, हाथ-पैर या शरीर में कहीं भी जलन होना, महिलाओं को अत्यधिक ब्लीडिंग होना जैसे रोगों में इसे अकेले या दूसरी दवाओं के साथ लेने से अच्छा लाभ होता है

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अकीक बेहतरीन हार्ट टॉनिक है, हृदय रोगों में अर्जुन की छाल के चूर्ण और मोती पिष्टी के साथ लेने से हृदय रोग दूर होते हैं

तनाव, चिंता और डिप्रेशन में इसे अभ्रक भस्म के साथ लिया जा सकता है
शरीर में कहीं से भी ब्लीडिंग होने पर गिलोय सत्व, कामदुधा रस या बोलबद्ध रस के साथ लेने से लाभ होता है. इसी तरह से कई रोगों में दूसरी दवाओं के साथ या फिर सही अनुपान के साथ लेना चाहिए


अकीक भस्म और पिष्टी का डोज़- 

125 mg से 250 mg तक दिन में 2 बार

अकीक भस्म और पिष्टी ऑलमोस्ट सेफ दवा है, सही डोज़ में लेने से किसी तरह कोई भी नुकसान नहीं होता है. तपेदिक या TB, अस्थमा और बलगमी खांसी के रोगी को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. प्रेगनेंसी और ब्रेस्टफीडिंग करने वाली महिलाओं को इसका इस्तेमाल कम से कम या फिर नहीं करना चाहिए





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