प्रवाल पिष्टी जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है यह प्रवाल से बनायी जाने वाली दवा है, प्रवाल को आम बोलचाल में मूँगा के नाम से जाना जाता है, अंग्रेज़ी में इसे Coral Calcium कहते हैं. इसके इस्तेमाल से शरीर से कहीं से भी खून बहने, कैल्शियम की कमी, सुखी खांसी, कमज़ोरी, सर दर्द, जलन, एसिडिटी, गैस्ट्रिक, अल्सर, अल्सरेटिव कोलाइटिस, हेपेटाइटिस, जौंडिस, आँखों का लाल होना और पेशाब की जलन जैसे रोग दूर होते हैं
तो आईये जानते हैं प्रवाल पिष्टी के गुण, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी जानकारी -
प्रवाल या मूँगा के इस्तेमाल से पिष्टी और भस्म भी बनाया जाता है, भस्म बनाने के लिए इसे शुद्ध करने के बाद अग्नि दी जाती है जबकि पिष्टी बनाने के लिए गुलाब जल में खरलकर फाइन पाउडर बनाया जाता है
प्रवाल पिष्टी और प्रवाल भस्म के गुण लगभग एक जैसे होते हैं. अगर इसके गुणों की बात करें तो यह कैल्शियम से भरपूर एक बेहतरीन Antacid, पाचक, दर्द और सुजन कम करने वाले गुणों से भरपूर होता है
प्रवाल पिष्टी के फ़ायदे-
प्रवाल पिष्टी को कैल्शियम की कमी और एसिडिटी के अलावा भी कई दुसरे रोगों में इस्तेमाल किया जाता है
इसके प्रयोग से सामान्य कमज़ोरी, डिप्रेशन, तनाव, चिंता, बेचैनी, दिल का ज़्यादा धड़कना, सुखी, खाँसी, अल्सर, अल्सरेटिव कोलाइटिस, ब्लीडिंग पाइल्स, हड्डियों की कमज़ोरी, Osteoporosis, पेशाब की जलन, बॉडी की जलन, पीरियड के दर्द, Heavy Menstrual Bleeding जैसे रोगों में दूसरी दवाओं के साथ इस्तेमाल किया जाता है
बुखार में इसके इस्तेमाल से अच्छा लाभ मिलता है, बुखार में इसे गोदंती भस्म के साथ लेना चाहिए. यह बॉडी Temperature को कम करता है और कमज़ोरी नहीं होने देता
पुरानी बुखार या किसी पुरानी बीमारी के बाद भी कमज़ोरी और थकावट दूर करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है
प्रवाल पिष्टी की मात्रा और सेवन विधि -
125 mg से 250 mg तक दिन में दो से तीन बार तक शहद या गुलकंद के साथ लेना चाहिए. यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है, सही डोज़ में लेने से किसी तरह का कोई भी नुकसान नहीं होता है. कई सारी कंपनियाँ इसे बनाती हैं, आयुर्वेदिक मेडिकल से या ऑनलाइन ख़रीदा जा सकता है.
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें