कामदुधा रस पित्त को शांत करने वाली एक बेहतरीन दवा है, इसके इस्तेमाल से एसिडिटी, हाइपर एसिडिटी, पेप्टिक अल्सर, रक्तपित्त, शरीर की गर्मी और पित्त बढ़ने की वजह से होने वाले हर तरह के रोग दूर होते हैं
तो आईये जानते हैं कामदुधा रस के कम्पोजीशन, फायदे, डोज़ और इस्तेमाल की पूरी जानकारी
कामदुधा रस दो तरह का होता है कामदुधा रस मोती युक्त और कामदुधा रस साधारण
कामदुधा रस मोती युक्त के कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें मोती पिष्टी, प्रवाल पिष्टी, मुक्ताशुक्ति पिष्टी, कपर्दक भस्म, शंख भस्म, शुद्ध सोनागेरू और गिलोय सत्व सभी बराबर मात्रा में मिक्स कर खरलकर रखा जाता है. सोनागेरू के कारण यह हल्के लाल रंग का दीखता है
कामदुधा रस साधारण में सिर्फ़ मोती पिष्टी नहीं होती,बाक़ी कॉम्बिनेशन सेम रहता है
कामदुधा रस के गुण -
कामदुधा रस एक बेहतरीन नेचुरल Antacid है, एंटी एमेटिक, एंटी ऑक्सीडेंट, चक्कर, जलन, दाह और गर्मी और पित्त दोष को दूर करने वाले गुणों से भरपूर होता है
कामदुधा रस के फ़ायदे-
यह एक सौम्य या मातदिल दवा है, पित्त को शांत करती है, एसिडिटी और जलन को कम करती है. पित्त की अधिकता के कारन होने वाले सर दर्द, चक्कर आना, पेशाब की जलन, हाथ-पैर की जलन को दूर करता है
पेट में बहुत ज़्यादा एसिड बनना, खट्टी डकार आना, उल्टी, बदहज़मी, सीने की जलन, शरीर में कहीं से भी ब्लीडिंग होना, पित्ती निकलना, मुँह आना या माउथ अल्सर, पेप्टिक अल्सर जैसे रोगों को दूर करता है
गैस्ट्रिक, एसिडिटी, मुँह का स्वाद ख़राब होना जैसे लक्षणों में अच्छा फ़ायदा होता है
अल्कोहल या किसी अंग्रेज़ी दवा के साइड इफ़ेक्ट की वजह से पित्त बढ़ जाने या शरीर में गर्मी होने पर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है
कुल मिलाकर देखा जाये तो बढे हुवे पित्त को शांत करने और उसकी वजह से होने वाली हर तरह की प्रॉब्लम के लिए यह एक अच्छी दवा है जो बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के काम करती है
कामदुधा रस की मात्रा और सेवन विधि-
250 से 500 mg तक दिन में 2-3 बार तक लिया जा सकता है. इसे गुलकंद या शहद में मिला कर लेना चाहिए. बताई गयी मात्र व्यस्क व्यक्ति की है, बच्चों को कम डोज़ में देना चाहिए. इस दवा को आयुर्वेदिक दवा दुकान से या फिर ऑनलाइन खरीद सकते हैं
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