रसराज रस स्वर्णयुक्त आयुर्वेदिक औषधि है जो त्रिदोष को दूर करती है और वात को बैलेंस करती है
इसके इस्तेमाल से नर्व और मसल्स को बल मिलता है और हर तरह वात व्याधि दूर होती है जैसे लकवा, पारालायसिस, फेसिअल पारालायसिस, पक्षाघात, जबड़े लॉक होना, कम सुनाई देना, चक्कर आना जैसे प्रॉब्लम दूर होते हैं, हार्ट की प्रॉब्लम के लिए भी यह बहुत असरदार है
इसके अलावा इसे पुरुषों के वीर्य विकार और शीघ्रपतन जैसी प्रॉब्लम के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, त्रिदोष दूर करने के गुण होने के कारन कई रोगों में इसका प्रयोग किया जाता है
यहाँ देखें - मन्मथ रस के फ़ायदे
आयुर्वेद में जितनी भी रसायन औषधियां हैं उनमे से यह सबसे बेस्ट होने की वजह से इसे रसों को राजा यानि 'रसराज रस' कहा गया है
रसराज रस में स्वर्ण भस्म के अलावा कई सारे दुसरे भस्म और जड़ी-बूटियां मिलाई जाती हैं, तो आईये एक नज़र डाल लेते हैं इसके कम्पोजीशन पर-
रस सिन्दूर, अभ्रक भस्म, स्वर्ण भस्म, मोती पिष्टी, लौह भस्म, रजत भस्म, वंग भस्म, प्रवाल भस्म, असगंध, लौंग, जायफल, जावित्री, क्षीरकाकोली, घृतकुमारी जैसी औषधियों के मिश्रण से 125 मिलीग्राम की टेबलेट या गोली के रूप में बनाया जाता है, इसकी टेबलेट लाल रंग की होती है
रसराज रस के फ़ायदे-
वात रोगों के लिए यह महान दवाओं में से एक है, यह एक बेहतरीन नेचुरल एनर्जी सप्लीमेंट है, इसके इस्तेमाल से न्यूरो मस्कुलर कंडीशन में बहुत तेज़ी से फ़ायदा होता है, इसका असर वात वाहिनी नाड़ियों और मांसपेशियों पर होता है
हार्ट को ताक़त देता है और हार्ट बीट को नार्मल करता है, ब्लड प्रेशर को नार्मल करता है, हर तरह के कार्डियक प्रॉब्लम में फायदेमंद है
लकवा, पक्षाघात या पारालायसिस के अटैक के बाद इसका इस्तेमाल करने से १००% लाभ होता है
हर तरह के सर दर्द और माईग्रेन भी असरदार है
अर्धांग वात, फेसिअल पारालायसिस, हाथ पैर का कांपना, वात के कारन कान से कम सुनाई देना इत्यादि ठीक होते हैं
गठिया, अर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द में भी दूसरी सहायक दवाओं के साथ इसे लेने से फ़ायदा होता है
पुरुषों के वीर्य विकार, शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, शुक्राणुओं की संख्या कम होना और इम्पोटेंन्सी जैसी प्रॉब्लम में भी यह बहुत असरदार दवा है, इसे कम से कम लगातार 40 दिनों तक इस्तेमाल करना चाहिए
शरीर को ताक़त देता है और शक्ति बढ़ाता है, रेस्पिरेटरी सिस्टम के रोगों में भी फायदेमंद है
किडनी की बीमारियों में भी दूसरी दवाओं के साथ देना चाहिए
कुल मिलाकर देखा जाये तो यह एक बहुत ही पावरफुल दवा है जिसका सावधानीपूर्वक इस्तेमाल कर कई रोगों को दूर किया जाता है
रसराज रस का डोज़ -
1 गोली दिन में 2 बार शहद के साथ लेकर ऊपर से दूध पीना चाहिए या फिर आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से रोगानुसार उचित अनुपान के साथ लेना चाहिए. घर बैठे ऑनलाइन खरीदें-
नोट- डॉक्टर की सलाह के बिना इसका इस्तेमाल नहीं करें, वर्ना नुकसान भी हो सकता है
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