जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है यह दर्द दूर करने वाला तेल है जिसकी मालिश से कई तरह के दर्द में आराम मिलता है
आईये सबसे पहले जानते हैं कि इस तेल को किन चीजों के मिश्रण से बनाया गया है -
इसमें वत्सनाभ, पिपरामूल, सेंधा नमक, वासा, गजपीपल, जटामांसी, नागकेशर, हल्दी, दारू हल्दी, तेजपात, भृंगराज, मजीठ, पलाश मूल, पुष्कर मूल, सुगंधबाला, शतावर, सोंठ, शतपुष्पा, चित्रकमूल, सौंफ, एरण्डमूल, आक की जड़, धतुरा, अजमोद, ज्योतिष्मती, कुचला, गंधप्रसारिणी, रास्ना, निर्गुन्डी, लहसुन, गाय का दूध, दही और गौमूत्र इत्यादि के मिश्रण को तिल के तेल में तेल पाक विधि से बनाया गया है
इस तरह से यह तेल काफी असरदार बन जाता है
दिव्य पीड़ान्तक तेल के फ़ायदे -
दर्द वाली जगह पर इसकी मालिश करने से ब्लड फ्लो बढ़ता है गर्मी देता है
मसल्स और जोड़ों ताक़त देता है और मज़बूत बनाता है
दर्द, जोड़ों की जकड़न और सुजन को दूर करता है, जोड़ों के नार्मल मूवमेंट में मदद करता है
गठिया, Arthritis, कमर दर्द, पीठ दर्द, साइटिका का दर्द, मांशपेशियों का दर्द या कैसा भी दर्द हो इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है
स्लिप डिस्क, Spondylitis, Cervical Spondylitis इत्यादि में भी फ़ायदा होता है
पीड़ान्तक तेल सिर्फ एक्सटर्नल यूज़ के लिए है, पीड़ित स्थान पर इसकी मालिश करनी चाहिए
मालिश के बाद हाथों को साबुन से ज़रूर धोना चाहिए, क्योंकि यह तेल थोड़ा ज़हरीला होता है
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