हेमपुष्पा का नाम आपने सुना ही होगा, यह महिलाओं के इर्रेगुलर पीरियड, चिडचिडापन, कमर दर्द, हाथ-पैर की जलन और कमज़ोरी के लिए जानी मानी आयुर्वेदिक दवा है. यह गर्भाशय की प्रॉब्लम को दूर महिलाओं के पुरे स्वास्थ को ठीक करती है
हेमपुष्पा के कम्पोजीशन की बात करें तो इसे कई सारी जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया गया है इसमें लोध्र, मंजीठ, अनंतमूल, बला, गोखुरू, शंखपुष्पी, मुसली, पुनर्नवा, अश्वगंधा, बच, धायफूल, दारुहल्दी, गंभारी, नागरमोथा और शतावरी का मिश्रण होता है
आईये अब जानते हैं हेमपुष्पा के फ़ायदे-
हेमपुष्पा महिलाओं के लिए एक बेहतरीन हर्बल टॉनिक है. यह पीरियड की हर तरह की प्रॉब्लम को दूर करती है और खून भी साफ़ करती है जिस से त्वचा में निखार भी आता है
इर्रेगुलर पीरियड्स, समय पर पीरियड नहीं होना, कम-ज्यादा पीरियड होना, पीरियड में दर्द होना जैसी हर तरह की पीरियड की प्रॉब्लम दूर होती है, पीरियड के दिनों में हाथ-पैर की जलन, पेडू कर दर्द, उल्टी इत्यादि में फ़ायदा होता है
हार्मोनल इमबैलेंस, सुजन, पेट का इन्फेक्शन और मेनोपॉज में फ़ायदेमंद है
Digestion को ठीक करती है भूख बढ़ाती है, नया खून बनाती है और खून की कमी को दूर करती है. थकान कमज़ोरी, किसी काम में मन नहीं लगना, चिडचिडापन इत्यादि दूर करती है
हेमपुष्पा का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका-
7 ML दिन में दो बार सुबह और शाम खाना खाने के बाद लेना चाहिए
डॉक्टर की सलाह से पीरियड और प्रेगनेंसी में भी लिया जा सकता है, पूरी तरह से सुरक्षित आयुर्वेदिक दवा है. हेमपुष्पा के साथ में हेमटैब नाम की टेबलेट भी इस्तेमाल किया जा सकता है. पीरियड्स की प्रॉब्लम के लिए इसके साथ में योगराज गुग्गुल और रजः प्रवर्तिनी वटी भी यूज़ किया जा सकता है.
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