उदरामृत वटी उदर रोगों या पेट की बीमारियों को दूर करने वाली एक असरदार दवा है जिसके इस्तेमाल से पेट के रोग, लीवर के रोग, खून कमी, पुराना बुखार और कब्ज़ जैसी प्रॉब्लम दूर होती है
यह गोली या टेबलेट के रूप में आती है, जैसा कि इसका नाम है उदरामृत यानी पेट के लिए अमृत के सामान गुणकारी औषधि
उदरामृत वटी में कई सारी जड़ी-बूटियों के अलावा भस्मों का मिश्रण होता है, तो आईये सबसे पहले एक नज़र डाल लेते हैं इसके कम्पोजीशन पर -
इसमें भूमि आंवला, पुनर्नवा, मकोय, चित्रक, आंवला, छोटी हर्रे, बहेड़ा, सौंफ, तुलसी, निशोथ, कुटकी, अतीस, आम, बेल, पुदीना, अजवाइन, लौह भस्म, मंडूर भस्म, कपर्दक भस्म, मुक्ता शुक्ति भस्म, शंख भस्म और कसीस भस्म प्रत्येक एक भाग
घृतकुमारी 2 भाग, अतिबला और गिलोय 6 भाग और सनाय पत्ती 12 भाग मिले होते हैं, इसे घृतकुमारी के गुदे में खरलकर 500 मिलीग्राम की गोलियां बनायीं जाती हैं
उदरामृत वटी के फ़ायदे-
इसके इस्तेमाल से हर तरह के पेट के रोग दूर होते हैं जैसे पेट का दर्द, गैस, भूख नहीं लगना, मन्दाग्नि, अपच होना इत्यादि
उदरामृत वटी लीवर की बीमारी, जौंडिस और लीवर बढ़ने में भी फ़ायदा करती है
इसके इस्तेमाल से कब्ज़, खून की कमी, दस्त और पुरानी बुखार भी दूर होती है
कुल मिलाकर देखा जाये तो दिव्य उदरामृत वटी पेट की बीमारियों की लिए अच्छा कम्पोजीशन है जिसका इस्तेमाल कर पेट की बीमारियों को दूर किया जा सकता है
दिव्य उदरामृत वटी का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका-
1 से 2 गोली तक दिन में 2 बार खाना खाने के बाद गुनगुने पानी से लेना चाहिए
इसका इस्तेमाल करते हुवे खट्टी चीजें, मिर्च मसाला और देर से पचने वाले भोजन से परहेज़ करना चाहिए
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