आरोग्यवर्धिनी वटी आयुर्वेद की बहुत ही पोपुलर दवा है जिसके इस्तेमाल से लीवर-स्प्लीन के रोग, जौंडिस, पीलिया, चर्मरोग, किडनी की प्रॉब्लम, पुरानी बुखार, हार्ट डिजीज, जलोदर और गर्भाशय के रोग दूर होते हैं, इसके इस्तेमाल से कई तरह की बीमारियाँ दूर होती हैं
जैसा कि इसका नाम है आरोग्यवर्धिनी यानी बीमारियों को दूर कर स्वास्थ को बढ़ाने वाली. इसे आरोग्यवर्धिनी वटी, आरोग्यवर्धिनी गुटिका, आरोग्यवर्धिनी रस और सिर्फ आरोग्यवर्धिनी के नाम से भी जाना जाता है
अगर आरोग्यवर्धिनी वटी के घटक या कम्पोजीशन की बात करें तो इसका कम्पोजीशन भी बेहतरीन है, आईये एक नज़र डालते हैं इसके कम्पोजीशन पर-
इसे शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, लौह भस्म, अभ्रक भस्म, ताम्र भस्म, हर्रे, बहेड़ा, आँवला, शुद्ध शिलाजीत, शुद्ध गुग्गुल, एरण्ड, चित्रकमूल, और कुटकी के मिश्रण में नीम के पत्तों के रस भी भावना देकर खरल कर 250 मिलीग्राम की गोलियां बनायी जाती हैं
आरोग्यवर्धिनी वटी के गुणों की बात करें तो यह वात-कफ़ दोष को बैलेंस करने वाली, बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट, शरीर के विषाक्त तत्वों या टोक्सिंस को बाहर निकालने वाली, हार्ट की कमज़ोरी को दूर करने वाली और भूख बढ़ाने वाली है.
यह लीवर पर सबसे ज्यादा असर करती है, जब लीवर सही से काम नहीं करता तो Digestion ख़राब रहता है, खून नहीं बनता और बॉडी का रंग पिला होने लगता है और जौंडिस भी हो जाता है, ऐसी कंडीशन में यह लीवर के फंक्शन को ठीक करती है और सारी प्रॉब्लम दूर हो जाती है
आरोग्यवर्धिनी वटी के फ़ायदे-
इसके इस्तेमाल से लीवर का फंक्शन ठीक होता है, लीवर को प्रोटेक्ट करती है, जौंडिस, हेपेटाइटिस, लीवर सिरोसिस में फ़ायदा करती है, बढ़े हुवे लीवर को नार्मल करती है
कोलेस्ट्रॉल और बढ़े हुवे ट्राईग्लिसराइड को कम करती है, LDL को कम कर HDL को बढ़ाती है.
फैटी लीवर को नार्मल करती है, न सिर्फ फैटी लीवर को बल्कि पुरे शरीर के एक्स्ट्रा फैट को भी कम करती है. वज़न कम करने के लिए भी अच्छी दवा है
इसके इस्तेमाल से बॉडी के इम्पोर्टेन्ट ऑर्गन जैसे लीवर, स्प्लीन, किडनी, हार्ट और आँतों के लिए टॉनिक की तरह भी काम करती है, फ्री रेडिकल्स का बनना कम करती है
रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाकर बीमारियों से बचाती है
आंतों को ताक़त और मूवमेंट देकर कब्ज़ को दूर करती है, शरीर को पोषण देकर शारीरिक शक्ति को भी बढ़ाती है
हॉर्मोन की कमी से औरत मर्दों के यौन अंगों(लिंग,स्तन,अंडकोष)का ग्रोथ अगर सही नहीं हुवा हो तो इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है
इसके इस्तेमाल से स्किन प्रॉब्लम या चर्मरोगों में भी फ़ायदा होता है, एक्जिमा, सोरायसीस, रुखी त्वचा, चकत्ते होना इत्यादि दूर होते हैं.
शरीर की सुजन और खून की कमी को भी दूर करती है, शरीर की गन्दगी को बाहर निकालती है और मूत्र रोगों को भी दूर करती है
कुल मिलाकर देखा जाये तो यह एक बेहतरीन दवा है जिसके इस्तेमाल कई सारे रोग दूर होते हैं, ऐसे ही नहीं सैंकड़ों सालों से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है
आरोग्यवर्धिनी वटी का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका-
1 से 2 गोली या 250 से 500 मिलीग्राम तक दिन में दो बार सुबह शाम पुनर्नवारिष्ट, पुनर्नवा क्वाथ, कुमार्यासव या त्रिफला हिम के साथ या फिर डॉक्टर की सलाह के मुताबिक रोगानुसार अनुपान से लेना चाहिए
लीवर की प्रॉब्लम के लिए लॉन्ग टाइम तक यूज़ किया जा सकता है, प्रेगनेंसी, बॉडी की जलन या पित्त की अधिकता में इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. भारत में ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से -
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