यह एक धातु से बनी हुयी दवा है, सफ़ेद हिरनखुरी बंग से इसे बनाया जाता है
विज्ञान में इसे टिन या स्टेनम टिन (Stannum Tin ) कहते हैं, जबकि वंग इसका आयुर्वेदिक नाम है
आयुर्वेदिक भस्म निर्माण विधि शोधन-मारण जैसे प्रोसेस के बाद ही इसका निर्माण होता है
वंग भस्म मुत्र संस्थान और Re Productive system के रोगों की बेहद असरदार दवा है,
विज्ञान में इसे टिन या स्टेनम टिन (Stannum Tin ) कहते हैं, जबकि वंग इसका आयुर्वेदिक नाम है
आयुर्वेदिक भस्म निर्माण विधि शोधन-मारण जैसे प्रोसेस के बाद ही इसका निर्माण होता है
वंग भस्म मुत्र संस्थान और Re Productive system के रोगों की बेहद असरदार दवा है,
वंग भस्म पुरुष-महिला दोनों के Re Productive system के रोगों दूर करता है
इसके इस्तेमाल से स्वप्नदोष, अनचाहे वीर्य निकल जाना, टॉयलेट या यूरिन पास करते हुवे वीर्य निकल जाना, प्रमेह, शिघ्रपतन, नामर्दी इत्यादि समस्त पुरुष रोग दूर होते हैं
महिलाओं के रोग, हर तरह के ल्यूकोरिया और गर्भाशय के रोग को दूर कर गर्भधारण में मदद करता है
आईये अब जानते हैं वंग भस्म का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका -
वंग भस्म की मात्रा 125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम तक है, इसे शहद, गिलोय सत्त या रोगानुसार अनुपान के साथ लेना चाहिए
अनचाहे वीर्य निकल जाना, वीर्य का पतलापन और स्वप्नदोष के लिए वंग भस्म को मलाई के साथ लेना चाहिए
शीघ्रपतन और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए इसे धातुपौष्टिक चूर्ण या कामदेव चूर्ण के साथ ले सकते हैं
इसे सफ़ेद मुसली, असगंध या कौंच बीज के चूर्ण के साथ भी इसे ले सकते हैं
महिला रोग जैसे ल्युकोरिया और गर्भाशय की प्रॉब्लम के लिए पुष्यानुग चूर्ण के साथ लेना चाहिए
इसी तरह से इसे कई तरह रोगों में अलग-अलग दवाओं के साथ इसका इस्तेमाल कर फ़ायदा ले सकते हैं
वंग भस्म का इस्तेमाल आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए
कई सारी कंपनियां वंग भस्म का निर्माण करती हैं इसे आयुर्वेदिक मेडिकल से या ऑनलाइन खरीद सकते हैं. बैद्यनाथ वंग भस्म ख़रीदने के लिए यहाँ क्लिक करें अगर भारत में रहते हैं तो निचे दिए लिंक से खरीदें -
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