जी हाँ दोस्तों, गोंद कई तरह के होते हैं और इन्हें कई नामों से जाना जाता है
नार्मल गोंद जो है बबूल गोंद को कहते हैं और पलाश के गोंद को कमरकस भी कहा जाता है, इसी तरह से नीम का गोंद भी इस्तेमाल में आता है
तो आईये जानते हैं तरह तरह के गोंद के फ़ायदे के बारे में -
गोंद का इस्तेमाल दवाईओं में तो होता ही है साथ यह मिठाई बनाने के काम भी आता है
पलाश या ढ़ाक नाम के पेड़ से लाल रंग का गोंद निकलता है जिसे कमरकस और पलाश गोंद भी कहा जाता है
प्रसूता स्त्री को बच्चा पैदा होने के बाद की कमज़ोरी को दूर करने के इसे खिलाया जाता है, इसीलिए इसे कमरकस भी कहते हैं
कमरकस या पलाश के गोंद का इस्तेमाल ज़ख्म ठीक करने, दस्त बंद करने और मर्दाना कमज़ोरी या वीर्य विकार को दूर करने के लिए भी किया जाता है
नीम का गोंद खून की सफ़ाई करता है और ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है
नीम के गोंद के इस्तेमाल से किल मुहांसे और चर्म रोगों में फ़ायदा होता है
बबूल का गोंद भी बहुत प्रचलित है और इसका कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है, इसे कई नामों से जाना जाता है इसे बबूल गोंद, गोंद कीकर, अंग्रेज़ी में गम अकेशिया( Gum Acacia) कहा जाता है, इसे गम अराबिक भी कहते हैं जबकि नार्मल बोलचाल में सिर्फ़ गोंद कहा जाता है
इसके इस्तेमाल से चुस्ती फुर्ती और ताज़गी आती है, गर्मियों में इसके इस्तेमाल से लू लगने से बच सकते हैं
पुरुषों के लिए बबूल गोंद बहुत ही फायदेमंद दवा है, इसके इस्तेमाल से पौरुष बढ़ता है
महिलाओं के लिए भी गोंद का सेवन बहुत ही फायदेमंद है, अंदरूनी कमज़ोरी को दूर करता है और डिलीवरी के बाद भी फायदेमंद है
बकरी के दूध के साथ गोंद का इस्तेमाल करने से ब्लीडिंग रूकती है
पेशाब में जलन होना या पेशाब रुक रुक कर आने में गोंद का नियमित रूप से इस्तेमाल करने से फ़ायदा होता है
बबूल गोंद तासीर में ठण्डा होता है, इसलिए ठण्ड के दिनों में दूसरी दवाओं के साथ इसे मिलाकर इस्तेमाल करना चाहिए. ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से -
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