अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी बूटी है जो अपने चमत्कारी गुणों के कारण जानी जाती है इसे अश्वगंधा, असगंध, असगंध नागौरी इत्यादि नामों से जाना जाता है अंग्रेज़ी में इसे Withania Somnifera कहा जाता है
यह एक तरह का पौधा होता है जिसका जड़ वाला हिस्सा दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है
सुखी हुयी जड़ का चूर्ण बनाकर इस्तेमाल किया जाता है, पतंजलि जैसी आयुर्वेदिक कंपनी इसका कैप्सूल भी बनाती हैं
अश्वगंधा कैप्सूल में अश्वगंधा के चूर्ण के साथ इसका घनसत्व या कंसंट्रेशन भी मिला होता है, जबकि अश्वगंधा का चूर्ण डायरेक्ट इसका पाउडर होता है
तो आईये जानते हैं कि अश्वगंधा कैप्सूल या चूर्ण खाने के क्या क्या फ़ायदे हैं -
इसके इस्तेमाल से थकावट, सामान्य कमज़ोरी, तनाव, चिंता और जोड़ों का दर्द दूर होता है
पुरुषों की यौन क्षमता और स्टैमिना को बढ़ाता है और शरीर को अन्दर से मजबूत बनाता है, वीर्य को गाढ़ा करता है
धात की प्रॉब्लम को दूर करता है
स्वसन तंत्र या रेस्पिरेटरी System के रोगों जैसे अस्थमा, Bronchitis और टीबी इत्यादि में भी फायदेमंद है
दिमाग को ताक़त देता है, टेंशन को दूर करता है और अच्छी नींद लाने में मदद करता है
कुल मिलाकर देखा जाये तो अश्वगंधा एक बेहतरीन औषधि है जो कई तरह के रोगों को दूर कर शरीर को स्वस्थ बनाती है
अश्वगंधा का डोज़ और सेवन विधि-
पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल को 1-1 सुबह शाम दूध के साथ लेना चाहिए
अगर आप अश्वगंधा चूर्ण लेना चाहें तो इसे 1-1 चम्मच सुबह शाम दूध के साथ ले सकते हैं
यहाँ मैं एक बात बता देना चाहूँगा कि अश्वगंधा के इस्तेमाल कब्ज़ की समस्या हो सकती है ख़ासकर उनलोगों को जिनको पहले से ही थोड़ा बहुत कब्ज़ की प्रॉब्लम हो
कब्ज़ को दूर करने के लिए रात में सोने से पहले त्रिफला चूर्ण लिया जा सकता है
सिर्फ़ अश्वगंधा के चूर्ण लेने से अच्छा होगा अगर शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवा 'अश्वगंधादी चूर्ण' का प्रयोग करें, इस से कब्ज़ नहीं होता क्यूंकि इसमें अश्वगंधा और विधारा दो तरह की जड़ी बूटियां मिलायी जाती हैं
वैसे अश्वगंधा का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है, लम्बे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है
पंसारी की दुकान से अश्वगंधा नाम की जड़ी लाकर कूट पीस कर चूर्ण बना कर इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर पतंजलि का अश्वगंधा कैप्सूल या चूर्ण का प्रयोग करें. ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से-
loading...
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें