आज मैं बता रहा हूँ इस्नोफिलिया के लिए बेहद असरदार आयुर्वेदिक योग के बारे में
जिन लोगों को खून में इस्नोफेलिया का परसेंट बढ़ा हुआ हो और अंग्रेज़ी दवा से ठीक नहीं हो रहा हो उनके लिए आज की जानकारी बड़े काम की है
जैसा कि आप सभी जानते ही हैं की रक्त में इस्नोफिलिया की मात्रा बढ़ने तरह तरह की प्रॉब्लम होती है
आज मैं जो नुस्खा बता रहा हूँ इसका नाम है
इस्नोफिलियाहर योग-
तो आईये जानते हैं इसके लिए क्या क्या चाहिए होगा -
समीर पन्नग रस- 10 ग्राम
अभ्रक भस्म - 10 ग्राम
श्वासकुठार रस - 20 ग्राम
पिप्पली चूर्ण - 20 ग्राम
सभी को खरल कर 60 मात्रा बना कर रख लें. 1-1 खुराक सुबह शाम मधु के साथ लेना है
इसके साथ हरिद्रादि चूर्ण भी 1-1 चम्मच सुबह शाम लिया जाये तो अच्छा है
कैसा भी इस्नोफिलिया हो और कितना भी पुराना हो इस योग के इस्तेमाल से छह महीने में रोग ठीक हो जाता है
नए रोगों में फ़ायदा जल्दी होता है
यहाँ मैं बताना चाहूँगा कि इसमें मिलायी जाने वाली औषधियाँ शास्त्रीय औषधियाँ है जो डाबर, बैद्यनाथ जैसी आयुर्वेदिक कंपनी की मिल जाती हैं. समीर पन्नग रस क्रिस्टल की तरह होता है, इसे अच्छी तरह से खरल कर प्रयोग करना चाहिए
अभ्रक भस्म तो पाउडर फॉर्म में ही होता है, जबकि श्वासकुठार रस टेबलेट या गोली बना होता है
पिप्पली को पंसारी के यहाँ से लेकर आसानी से चूर्ण बना सकते हैं और हरिद्रादि चूर्ण बना हुवा मिल जाता है
इसे घर पर भी बनाया जा सकता है, इसके लिए हल्दी को कूट पिस कर पाउडर बना लीजिये और घी मिलकर हल्का भून लीजिये
इसके बाद अगर 100 ग्राम हल्दी पाउडर है तो इसमें 50 ग्राम पीसी हुयी मिश्री मिलाकर रख लें, यही हरिद्रादि चूर्ण है
तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी इस्नोफिलिया के लिए रामबाण आयुर्वेदिक योग के बारे में जिसका इस्तेमाल कर इस्नोफिलिया से छूटकारा पा सकते हैं
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