कई लोग अक्सर पूछते रहते हैं कि यूरिक एसिड को कम करने की कोई आयुर्वेदिक दवा बताई जाये जिस से यूरिक एसिड कम हो और साथ में कोई नुकसान भी न हो
यूरिक एसिड को कम करने के लिए चोपचिन्यादी चूर्ण एक अच्छी दवा है जो धीरे धीरे असर करती है और यूरिक एसिड की वजह से होने वाली प्रॉब्लम को दूर कर देती है
आयुर्वेद के अनुसार जब वात रक्त में मिल जाता है तो यूरिक एसिड जैसी प्रॉब्लम उतपन्न हो जाती है और इसे ही आयुर्वेद में वातरक्त कहते हैं
इसकी वजह से जोड़ों का दर्द, जकड़न, जोड़ों की सुजन जैसी प्रॉब्लम होने लगती है
इन सारी प्रॉब्लम को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक चोपचिन्यादी चूर्ण का इस्तेमाल करते हैं
आईये सबसे पहले एक नज़र डालते हैं इसके कम्पोजीशन पर -
जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है इसका मुख्य घटक चोपचीनी नाम की एक जड़ी है इसके अलावा इसमें त्रिफला, पिपलामुल, काली मिर्च, लौंग, अकरकरा, खुरासानी अजवाइन, मिश्री, सोंठ, विडंग और दालचीनी का मिश्रण होता है
चोपचिन्यादी चूर्ण के फ़ायदे -
रक्त दुष्टि और वात रक्त को दूर करता है
यूरिक एसिड को कम करता है
जोड़ों का दर्द, गठिया, जोड़ों की सुजन, आमवात के लिए असरदार दवा है
चर्म रोगों को भी दूर करता है और सिफलिस में फायदेमंद है
चोपचिन्यादी चूर्ण की मात्रा और सेवन विधि-
1 चम्मच (4-5 ग्राम तक) दिन में दो बार गर्म पानी के साथ लेना चाहिए
पूरी तरह से सुरक्षित आयुर्वेदिक दवा है लम्बे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है
वातरक्त या गठिया और रक्त विकारों में इसके साथ कैशोर गुगुल और महा मंजिष्ठारिष्ट लेने से अच्छा लाभ मिलता है.
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तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी आयुर्वेदिक दवा चोपचिन्यादी चूर्ण के फ़ायदे और इस्तेमाल के बारे में
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