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30 दिसंबर 2016

यूरिक एसिड की आयुर्वेदिक दवा चोपचिन्यादी चूर्ण | Chopchinyadi Churna Herbal Medicine for Uric Acid


कई लोग अक्सर पूछते रहते हैं कि यूरिक एसिड को कम करने की कोई आयुर्वेदिक दवा बताई जाये जिस से यूरिक एसिड कम हो और साथ में कोई नुकसान भी न हो

यूरिक एसिड को कम करने के लिए चोपचिन्यादी चूर्ण एक अच्छी दवा है जो धीरे धीरे असर करती है और यूरिक एसिड की वजह से होने वाली प्रॉब्लम को दूर कर देती है

आयुर्वेद के अनुसार जब वात रक्त में मिल जाता है तो यूरिक एसिड जैसी प्रॉब्लम उतपन्न हो जाती है और इसे ही आयुर्वेद में वातरक्त कहते हैं

इसकी वजह से जोड़ों का दर्द, जकड़न, जोड़ों की सुजन जैसी प्रॉब्लम होने लगती है
इन सारी प्रॉब्लम को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक चोपचिन्यादी चूर्ण का इस्तेमाल करते हैं

आईये सबसे पहले एक नज़र डालते हैं इसके कम्पोजीशन पर -

जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है इसका मुख्य घटक चोपचीनी नाम की एक जड़ी है इसके अलावा इसमें त्रिफला, पिपलामुल, काली मिर्च, लौंग, अकरकरा, खुरासानी अजवाइन, मिश्री, सोंठ, विडंग और दालचीनी का मिश्रण होता है

चोपचिन्यादी चूर्ण के फ़ायदे - 

रक्त दुष्टि और वात रक्त को दूर करता है

यूरिक एसिड को कम करता है

जोड़ों का दर्द, गठिया, जोड़ों की सुजन, आमवात के लिए असरदार दवा है

चर्म रोगों को भी दूर करता है और  सिफलिस में फायदेमंद है

चोपचिन्यादी चूर्ण की मात्रा और सेवन विधि-

1 चम्मच (4-5 ग्राम तक) दिन में दो बार गर्म पानी के साथ लेना चाहिए

पूरी तरह से सुरक्षित आयुर्वेदिक दवा है लम्बे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है

वातरक्त या गठिया और रक्त विकारों में इसके साथ कैशोर गुगुल और महा मंजिष्ठारिष्ट लेने से अच्छा लाभ मिलता है.

 बेस्ट क्वालिटी का चोपचिन्यादि चूर्ण उचित मूल्य में ऑनलाइन ख़रीदें हमारे स्टोर lakhaipur.in से - चोपचिन्यादि चूर्ण 100 ग्राम 

चोपचिन्यादी चूर्ण आयुर्वेदिक मेडिकल में डाबर और बैद्यनाथ कंपनी का मिल जाता है, इसे ऑनलाइन भी ख़रीदा जा सकता है. ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से-



यूरिक एसिड को कम करने में हिमालया की सिसटोन भी कुछ हद तक काम करती है
तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी आयुर्वेदिक दवा चोपचिन्यादी चूर्ण के फ़ायदे और इस्तेमाल के बारे में


 इसे भी जानिए - 





24 दिसंबर 2016

बादाम पाक के फ़ायदे दिमाग और शरीर के लिए | Benefits of Badam Pak for Mind and Body


हेल्थ ठीक कर शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए बादाम पाक का इस्तेमाल किया जाता है, यह एक बेहतरीन स्वादिष्ट और पौष्टिक दवा है जिसका इस्तेमाल बच्चे से लेकर बड़े सभी लोग कर सकते हैं

बादाम पाक के इस्तेमाल से हेल्थ ठीक होता है, दिमाग तेज़ होता है और बल वीर्य की वृद्धि कर पुरुष रोगों में भी फ़ायदा करता है

बादाम पाक में बादाम के अलावा गाय का घी, मिश्री, वंग भस्म, प्रवाल पिष्टी, जायफल जावित्री, छोटी इलायची, दालचीनी, तेजपत्ता, विदारीकन्द, कौंच बीज और सफ़ेद मुसली इत्यादि का मिश्रण होता है

बादाम पाक मुख्य घटक बादाम या Almond है जो दिमागी ताक़त को बढ़ाने और शरीर को पुष्टि देने के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है


बादाम पाक के फ़ायदे - 

यह एक बेहतरीन टॉनिक की तरह काम करता है, दिमाग तेज़ करता है और शरीर को एनर्जी देता है

आज की भाग दौड़ भरी बिज़ी लाइफ स्टाइल में अगर आप सही से खाना नहीं खा पाते हैं तो रोज़ एक चम्मच बादाम पाक दूध के साथ लेने शरीर को आवश्यक पोषण मिल जाता है

दिमाग को तेज़ करता है, टेंशन दूर करता है आलस्य मिटाकर शरीर में चुस्ती फुर्ती लाता है

पढ़ाई करने वाले बच्चों को भी दूध में हॉर्लिक्स की तरह घोल कर दिया जा सकता है

इसके इस्तेमाल से शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है और शरीर को पुष्टि मिलती है

पुरुषों का यौवन और पौरुष बनाये रखता है, यौन समस्याओं में भी इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है


बादाम पाक की मात्रा और सेवन विधि-

1 से 2 चम्मच तक दिन में एक से दो बार दूध के साथ

बच्चों को कम मात्रा में उनकी आयु के अनुसार दूध में घोलकर देना चाहिए

मिश्री या चीनी की मात्रा मिला होने की वजह से डायबिटीज के रोगियों को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए

पतंजलि का बादाम पाक आजकल काफी प्रचलित है, इसके अलावा डाबर, बैद्यनाथ जैसी दूसरी आयुर्वेदिक कंपनियां भी इसका निर्माण करती हैं

पतंजलि स्टोर से, आयुर्वेदिक मेडिकल से या ऑनलाइन भी इसे ख़रीदा जा सकता है. निचे दिए लिंक से घर बैठे ऑनलाइन खरीदें -


 

तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी बादाम पाक के फ़ायदे और इस्तेमाल के बारे में



Patanjali Peedantak Vati Review | पतंजलि पीड़ान्तक वटी दर्द की आयुर्वेदिक दवा


पीड़ान्तक वटी आयुर्वेदिक दवा है जिसके इस्तेमाल से जोड़ों का दर्द, मांशपेशियों का दर्द, कमर दर्द, गठिया Arthritis जैसे हर तरह के दर्द में फ़ायदा होता है

पीड़ान्तक जैसा इसका नाम है, इसका मतलब होता है दर्द का अंत करने वाला

आईये सबसे पहले जानते हैं कि इसका कम्पोजीशन क्या है -

इसमें दर्द दूर करने वाली जानी मानी जड़ी बूटियों के अलावा शास्त्रीय औषधियाँ भी मिलाई गयी हैं जैसे -

अजवाइन, निर्गुन्डी, सुरंजान, अश्वगंधा,  रास्ना, मोथा, महावातविध्वंसन रस, प्रवाल पिष्टी, शिलाजीत, मुक्ता पिष्टी, शुद्ध कुचला, दशमूल, अमृता, योगराज गुगुल, मंडूर भस्म और स्वर्णमाक्षिक भस्म इत्यादि


पतंजलि पीड़ान्तक वटी के फ़ायदे - 

यह एक बेहतरीन रसायन औषधि है वात और पित्त दोष को कम करती है सुजन और दर्द को कम करती है

जोड़ों के दर्द, गठिया, अर्थराइटिस और कमर दर्द को ठीक करती  है

जोड़ों की जकड़न और सुजन में फायदेमंद है, हड्डियों को शक्ति देकर जोड़ों को मजबूत बनाती  है

इसे भी देखें - जोड़ों के दर्द और गठिया की आयुर्वेदिक दवा अलार्सिन आर कंपाउंड 

स्पोंडीलाइटिस में भी इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है

मांशपेशियों के दर्द को भी दूर करता है, मसल्स में कहीं भी दर्द हो तो इस से फ़ायदा होता है

शरीर की सुजन को कम करती है

एनिमिया या खून की कमी को दूर करती  है

पाचन शक्ति तो ठीक करता है और बवासीर में भी इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है


पीड़ान्तक वटी की मात्रा और सेवन विधि-

1 से 2 गोली तक दिन में दो बार भोजन के बाद दूध या गर्म पानी से लेना चाहिए

पूरी तरह सुरक्षित आयुर्वेदिक दवा है कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है, लम्बे समय तक लिया जा सकता है

अगर आपको किसी तरह का दर्द है तो इसे डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए
इसे आप पतंजलि स्टोर से या ऑनलाइन खरीद सकते हैं

पतंजलि का पीड़ान्तक तेल और पीड़ान्तक ऑइंटमेंट भी हैं जो दर्द के लिए लगाने के काम आते हैं. ऑनलाइन ख़रीदने के लिए यहाँ क्लिक करें. अगर आप भारत में हैं तो ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से - 



तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी पतंजलि पीड़ान्तक वटी के फ़ायदे और इस्तेमाल के बारे में.




23 दिसंबर 2016

Patanjali Youvan Gold Plus Capsule | पतंजलि यौवन गोल्ड प्लस कैप्सूल शीघ्रपतन और पुरुष रोगों के लिए


यौवन गोल्ड प्लस कैप्सूल पुरुषों की हर तरह की सेक्सुअल प्रॉब्लम को दूर कर चुस्ती फुर्ती और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है

इसके इस्तेमाल से पुरुषों की बहुत ही कॉमन प्रॉब्लम शीघ्रपतन या जल्द डिस्चार्ज हो जाना, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, स्वप्नदोष, स्टैमिना की कमी, सेक्स कमज़ोरी, यौनेक्षा की कमी, नपुंसकता, नसों की कमज़ोरी, लिंग में तनाव की कमी, ढीलापन इत्यादि दूर होते हैं और शरीर में बल वीर्य की वृद्धि होती है

सोना, चाँदी और हीरे मोती जैसी कीमती चीज़ों के मिश्रण से बनी यह दवा बेहद असरदार है, तो आईये सबसे पहले एक नज़र डालते हैं इसके कम्पोजीशन पर -
इसमें मिलाया गया है

स्वर्ण भस्म - शरीर को शक्ति देने वाला, बल वीर्य बढ़ाने वाला, सेक्सुअल प्रॉब्लम दूर करने वाली औषधि स्वर्ण भस्म एक रसायन औषधि है जो अपने बेजोड़ गुणों के कारण विख्यात है

हीरक भस्म - हीरा या डायमंड का भस्म. आयुर्वेद में हीरा को हीरक कहते हैं और इसकी शुद्धि कर आयुर्वेदिक प्रोसेस से इसका भस्म बनाया जाता है. हीरक भस्म मिला होने से यह दवा बेजोड़ बन जाती है. हीरक भस्म जो है आयुर्वेद की महान दवाओं में से एक है. पुरुषों की सेक्सुअल प्रॉब्लम को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक औषधियों में इसका सर्वोच्च स्थान है और बेस्ट औषधि है

हीरक भस्म नसों की कमज़ोरी दूर करता है और स्टैमिना बढ़ाता है और लिंग को हीरे की तरह कठोर बनाने में मदद करता है

मोती पिष्टी - मोती या पर्ल जो असली मोती होती उसे शोधित कर गुलाब जल में खरल कर बारीक़ पॉवर बनाया जाता है, इसे मोती पिष्टी कहते हैं. मोती पिष्टी शरीर में टॉनिक की तरह काम करती है, दिमाग को शांति देने वाली, कैल्शियम की कमी को पूरा कर हड्डियों को मजबूत बनाने वाली और नर्वस System को शक्ति देकर सेक्सुअल प्रॉब्लम को दूर करती है

पतंजलि यौवानामृत वटी, शीघ्रपतन और पुरुष रोगों की औषधि 

रजत भस्म - आयुर्वेद में चाँदी को रजत कहते हैं और इसके भस्म को रजत भस्म. यह शरीर को शक्ति देता है, पित्त को शांत करता है और स्टैमिना बढ़ाने में मदद करता है

इसके अलावा यौवन गोल्ड प्लस कैप्सूल में मकरध्वज, प्रवाल पिष्टी, कहरवा पिष्टी, अभ्रक भस्म, लौह भस्म, त्रिवंग भस्म, केशर, सफ़ेद मुसली, अकरकरा, सालब मिश्री, तालमखाना, कपूर, कुचला, जायफल, जावित्री, अजवायन, कनक बीज, बला, शिलाजीत, असगंध, कौंच बीज, सर्पगंधा, रूमी मस्तंगी, विधारा, छोटी इलायची, बहमन सफ़ेद, मालकांगनी जैसी जड़ी बूटियां और खनिज मिलाये गए हैं

इसमें पान का रस, एलो वेरा, खसखस और विजयपत्र की भावना भी दी जाती है जिसकी वजह से यह बेजोड़ पावरफुल दवा बन जाती है


पतंजलि यौवन गोल्ड प्लस के फ़ायदे- 

शरीर को पुष्टि प्रदान कर ताक़त और स्टैमिना को बढ़ाता है

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है

शीघ्रपतन या जल्द डिस्चार्ज हो जाने की प्रॉब्लम को दूर कर टाइमिंग को बढ़ाता है और परफॉरमेंस को बेहतर बनाता है

रसेन्द्र चूड़ामणि रस शीघ्रपतन का महाकाल 

वीर्य दोष को मिटाता है, वीर्य को गाढ़ा करता है और शुक्राणुओं की संख्या या Sperm count को बढ़ाता है जिस से Infertility में भी फ़ायदा होता है

सेक्स कमज़ोरी, सेक्स की इच्छा न होना, जाने अनजाने में वीर्य निकल जाना, स्वप्नदोष जैसी प्रॉब्लम को दूर करता है

नपुंसकता या Impotency को दूर करता है

कुल मिलाकर देखा जाये तो यह दवा पुरुषों की हर तरह की प्रॉब्लम को दूर करने के लिए बेजोड़ औषधि है


यौवन गोल्ड प्लस कैप्सूल का डोज़ और सेवन विधि -

1-1 कैप्सूल सुबह शाम दूध के साथ भोजन के बाद लेना चाहिए

पूरी तरह से सुरक्षित आयुर्वेदिक दवा है, लम्बे समय तक भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, इस्तेमाल करते हुवे पहले महीने से ही इसका असर दिखने लगता है

पतंजलि स्टोर से या ऑनलाइन भी इसे ख़रीदा जा सकता है, लिंक निचे दिया जा रहा है -



तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी पतंजलि यौवन गोल्ड प्लस कैप्सूल के फ़ायदे और इस्तेमाल के बारे में.


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22 दिसंबर 2016

Maha Manjishtharista for Psoriasis | महा मंजिष्ठारिष्ट सोरायसिस और चर्म रोगों की आयुर्वेदिक दवा


आयुर्वेद में चर्म रोगों का सफल ईलाज है, आयुर्वेद मतानुसार चर्मरोग रक्त दुष्टि या खून की खराबी की वजह से होते हैं, इसलिए चर्मरोगों में रक्त शोधक या खून को साफ़ करने वाली दवाएं दी जाती हैं

महा मंजिष्ठारिष्ट खून साफ़ कर रक्त विकारों को दूर करने वाली आयुर्वेद की महान दवाओं में से एक है

यहाँ मैं बता देना चाहूँगा कि इसकी कई वैरायटी है जैसे महा मंजिष्ठारिष्ट, महा मंजिष्ठा काढ़ा और महा मंजिष्ठादी क्वाथ

ये सभी का कम्पोजीशन लगभग सेम है और फ़ायदा भी. बस निर्माण विधि में फर्क होता है

महा मंजिष्ठारिष्ट का मुख्य घटक मंजिष्ठा या मंजीठ नाम की जड़ी है और इसके अलावा इसमें 40 से ज़्यादा तरह की रक्तशोधक जड़ी-बूटियों का मिश्रण है


आईये जानते हैं महा मंजिष्ठारिष्ट के फ़ायदे के बारे में - 

यह पूरी तरह से आयुर्वेदिक दवा है जिसके इस्तेमाल से खून साफ़ होकर हर तरह के चर्मरोग या स्किन डिजीज ठीक हो जाते हैं

फोड़ा-फुंसी, दाद, एक्जिमा से लेकर सोरायसिस जैसे जटिल रोग में भी इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है

चेहरे पर होने वाले दाग धब्बे और किल मुहांसों को दूर करता है और त्वचा को नर्म और मुलायम बनाता है

पित्त दोष को शांत करता है, शरीर में होने वाली जलन, हथेली और तलवों में होने वाली जलन को दूर करता है

छोटे से छोटे चर्म रोगों से लेकर बड़े चर्मरोग जैसे कुष्ठरोग तक में इसका प्रयोग किया जाता है


महा मंजिष्ठारिष्ट की मात्रा और सेवन विधि- 

2 से 4 चम्मच तक एक कप पानी मिलाकर खाना खाने के बाद दिन में दो बार लेना चाहिए, यह एक व्यस्क व्यक्ति की मात्रा है, बच्चों को कम मात्रा में देना चाहिए

महा मंजिष्ठारिष्ट, महा मंजिष्ठा काढ़ा या महा मंजिष्ठा क्वाथ जो भी मिल जाये यूज़ कर सकते हैं, सभी का फ़ायदा सेम है

 महा मंजिष्ठारिष्ट के साथ कैशोर गुगुल और पंचनिम्बादी चूर्ण साथ से लेने चर्म रोगों में अच्छा फ़ायदा होता है

महा मंजिष्ठारिष्ट पूरी तरह से सुरक्षित आयुर्वेदिक दवा है, किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है, लम्बे समय तक प्रयोग कर सकते हैं, कठिन चर्मरोगों में इसे 6 महिना से एक साल तक प्रयोग करना चाहीये


तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी रक्त शोधक आयुर्वेदिक दवा महा मंजिष्ठारिष्ट के फ़ायदे और इस्तेमाल के बारे में




21 दिसंबर 2016

डाबर शिलाजीत गोल्ड कैप्सूल इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए | Dabur Shilajit Gold Capsule Benefits


जानी मानी कंपनी डाबर का शिलाजीत गोल्ड कैप्सूल इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसे पुरुष रोगों के लिए एक बेहद असरदार आयुर्वेदिक दवा है 

शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, स्वप्नदोष और स्टैमिना की कमी जैसे हर तरह के पुरुष रोगों में इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है
 

जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है इसमें शुद्ध शिलाजीत और स्वर्ण भस्म मिला हुवा है इसके अलावा केशर, अश्वगंधा और सफ़ेद मुसली जैसी पावरफुल जड़ी बूटियों के मिश्रण से इसे बनाया गया है 


आज की तनाव भरी बिज़ी लाइफ में पुरुषों में सेक्सुअल प्रॉब्लम बहुत ही कॉमन है और हर तरह की सेक्सुअल प्रॉब्लम में शिलाजीत गोल्ड कैप्सूल के इस्तेमाल से फ़ायदा होता है 

सोना यानि स्वर्ण भस्म, शिलाजीत और केशर के अलावा दूसरी पावरफुल जड़ी बूटियां जो हैं पॉवर बूस्टर का काम करती हैं और यौनेच्छा को जागते हुवे बेहतर इरेक्शन में मदद करती हैं, जिस से हर तरह की सेक्सुअल प्रॉब्लम दूर होती है 

स्वर्ण भस्म नम्बर वन पॉवर बूस्टर है और शरीर को अन्दर से शक्ति देता है, शिलाजीत का गुण तो आप जानते ही हैं और केशर जो है एक नेचुरल टॉनिक है ब्लड फ्लो को बढ़ाता है 

असगंध और सफ़ेद मुसली तो पुरुष रोगों के लिए जानी मानी औषधियाँ हैं 

शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन या किसी भी सेक्सुअल प्रॉब्लम के लिए अगर आप कोई भी अंग्रेज़ी दवा लेते हैं तो उसका कोई न कोई साइड इफ़ेक्ट ज़रूर होता है 


जबकि शिलाजीत गोल्ड कैप्सूल का कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं है पूरी तरह से सुरक्षित दवा है 



डाबर शिलाजीत गोल्ड कैप्सूल का डोज़ और सेवन विधि- 

1 से 2 कैप्सूल तक रोज़ एक बार दूध के साथ लेना चाहिए 

यह कैप्सूल लगभग हर जगह मिल जाता है, इसे ऑनलाइन भी ख़रीदा जा सकता है. 10 कैप्सूल का एक पैक 165 रुपया में आता है. घर बैठे ऑनलाइन खरीदिये निचे दिए गए लिंक से -  


 
तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी डाबर शिलाजीत गोल्ड कैप्सूल के फ़ायदे के बारे में. 





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20 दिसंबर 2016

अरविन्दासव बच्चों के लिए बेहतरीन आयुर्वेदिक टॉनिक | Arvindasava Best Herbal Tonic for Children


अरविन्दासव बच्चों के एक बेहतरीन शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवा है जो बच्चों का स्वास्थ सुधारती है, ग्रोथ में मदद करती है और बच्चों की हर तरह की बीमारीओं को दूर करती है

आईये सबसे पहले जानते हैं कि इसमें कौन कौन सी जड़ी बूटी मिलाई जाती है-

अरविंद या कमल के फूल, उशीर, गंभारी, उत्पल, मंजिठ, बला, जटामांसी, छोटी इलायची, मोथा, शारिवा, त्रिफला, बच, साठी, त्रिवृत, नील, पटोल, परपता, अर्जुन, महुआ, मुलेठी, मुर, द्राक्षा, धातकी और शहद के मिश्रण से इसे बनाया जाता है


अरविन्दासव के फ़ायदे-

यह एक हर्बल टॉनिक है जो बच्चों के सभी रोगों को दूर कर उन्हें स्वस्थ बनाता है
यह बच्चों के विकास या ग्रोथ को बढ़ावा देता है

भूख बढ़ाता है और पाचन शक्ति को ठीक करता है, लीवर की प्रॉब्लम को दूर करता है
कमज़ोरी को दूर करता है, खून की कमी को दूर करता है

हड्डियों को मजबूत बनाता है और शरीर में हर तरह के विटामिन की कमी को पूरा करता है

बच्चों के सुखा रोग में भी फायदेमंद है

दुबले पतले और कमज़ोर बच्चे इसके इस्तेमाल से Healthy हो जाते हैं


अरविन्दासव का डोज़ और सेवन विधि-

1 साल से कम उम्र के बच्चों को 10-20 बून्द दिन में दो बार देना चाहिए

1 साल से बड़े बच्चों को आधा चम्मच दिन में दो बार भोजन के बाद पानी मिलाकर देना चाहिए

बड़े बच्चों को उनकी आयु के अनुसार डोज़ बढ़ाकर दे सकते हैं
पूरी तरह से सुरक्षित आयुर्वेदिक दवा है, बेफिक्र होकर इस्तेमाल करें और इसका फ़ायदा देखें

बैद्यनाथ, डाबर जैसी कई सारी आयुर्वेदिक कंपनियां इसका निर्माण करती हैं, आयुर्वेदिक मेडिकल में हर जगह मिल जाता है. ऑनलाइन ख़रीदें घर बैठे निचे दिये लिंक से -



तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी बच्चों के लिए एक बेहतरीन दवा अरविन्दासव के फ़ायदे और इस्तेमाल के बारे में

अगर आपका बच्चा कमज़ोर है, भूख नहीं लगती और ग्रोथ कम हो तो इसका इस्तेमाल कीजिये और फ़ायदा उठाईये



19 दिसंबर 2016

Patanjali Ashwashila Capsule Benefits | पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के फ़ायदे


जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है अश्वशिला यानि अश्वगंधा और शिलाजीत दो नामों को मिक्स कर नया शब्द बना कर इसका नाम रखा गया है अश्वशिला

इसमें अश्वगंधा और शुद्ध शिलाजीत दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर बनाया गया है
अश्वशिला कैप्सूल के फ़ायदे वही होते हैं जो असगंध और शिलाजीत के होते हैं

तो आईये जानते हैं कि अश्वशिला कैप्सूल के क्या-क्या फ़ायदे हैं -

पुरुषों के यौन रोग जैसे शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, यौनेच्छा की कमी और स्वप्नदोष इत्यादि में फायदेमंद है

शरीर में बल की वृद्धि करता है और स्टैमिना बढ़ाता है

तनाव और थकावट को दूर करने में मदद करता है, नर्वस सिस्टम की कमज़ोरी को दूर कर मानसिक एकाग्रता लाता है

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर को रोगों से बचाता है

जोड़ों का दर्द, कमर दर्द, गठिया, अर्थराइटिस में फायदेमंद है

असगंध शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करता है, हड्डियों को मज़बूत बनाता है


असगंध के साथ शिलाजीत मिला होने से यह एंटी ऑक्सीडेंट का भी काम करता है, शिलाजीत एक नेचुरल टॉनिक है. शिलाजीत के बारे में डिटेल जानकारी आप हमारे चैनल पर या इस विडियो की डिस्क्रिप्शन में देख सकते हैं

खांसी, अस्थमा, अलर्जी और मूत्र रोगों में भी इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है
महिलाएं भी सामान्य कमज़ोरी में इसका इस्तेमाल कर सकती हैं, सिर्फ़ प्रेगनेंसी में इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए

अधीक उम्र के लोगों और डायबिटीज के रोगियों को इसके इस्तेमाल से बहुत फ़ायदा होता है


कुल मिलाकर देखा जाये तो असगंध और शिलाजीत के मिश्रण से बना अश्वशिला कैप्सूल एक अच्छा कॉम्बिनेशन है जिसके इस्तेमाल से कई बीमारियों में फ़ायदा होता है

व्यस्क व्यक्ति इसे 1 से 2  कैप्सूल दूध या पानी से ले सकते हैं  खाना खाने के बाद रोज़ एक बार

इसे 1-1 कैप्सूल सुबह शाम भी लिया जा सकता है, अगर इसके इस्तेमाल से
Constipation की प्रॉब्लम हो तो रात में सोने से पहले त्रिफला चूर्ण लेना चाहिए

तो दोस्तों ये थी आज की जानकारी पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के फ़ायदे और इस्तेमाल के बारे में. इसे ऑनलाइन ख़रीदने के लिए यहाँ क्लिक करें या निचे दिए लिंक से खरीदें -

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18 दिसंबर 2016

सोना चाँदी च्यवनप्राश के फ़ायदे | Sona Chandi Chyawanprash Benefits


च्यवनप्राश किसी परिचय का मोहताज नहीं है, सभी लोग इसके बारे में जानते हैं और अगर यूज़ नहीं भी किया हो तो कम से कम इसका नाम तो ज़रूर सुना होगा 

जैसा की आप जानते ही होंगे कि च्यवनप्राश का मेन इनग्रीडेंट ताज़ा आँवला होता है और इसके अलावा इसमें 50 तरह की जड़ी बूटियां भी मिलाई जाती हैं 

च्यवनप्राश बनाने की विधि के बारे में मैं एक विडियो में जानकारी दे चूका हूँ 

सोना चाँदी च्यवनप्राश में नार्मल च्यवनप्राश में पड़ने वाले घटकों के अलावा स्वर्ण भस्म और चाँदी का वर्क मिलाया जाता है जिसकी वजह से यह नार्मल च्यवनप्राश से ज़्यादा असरदार बन जाता है 


सोना चाँदी च्यवनप्राश के फ़ायदे - 

सोना चाँदी च्यवनप्राश एक बेहतरीन जनरल टॉनिक है जो शक्ति देता है और इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाकर बीमारियों से बचाता है 

सोना या स्वर्ण भस्म मिला होने से यह पावरफुल बन जाता है और शरीर को मज़बूत बनाता है 

चाँदी जो है दिमाग को तेज़ बनाती है और दिमाग को ताक़त देती है, दिमाग को शांत बनाती है और कंसंट्रेशन में मदद करती है, मानसिक तनाव दूर करती है 

पढाई करने वाले बच्चों को अगर सोना चाँदी च्यवनप्राश खिलाया जाये तो उनका स्वस्थ ठीक होने के साथ साथ दिमाग भी तेज़ होता है 


यह बच्चों से लेकर बूढों तक सभी के लिए फायदेमंद है, खांसी और कफ़ की प्रॉब्लम में भी इस से फ़ायदा होता है 

शरीर को एक्टिव बनाता है और चुस्ती फुर्ती लाने में मदद करता है 

आँवला के गुणों से भरपूर होने के कारण बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट है, पाचन शक्ति को ठीक करता है, हार्ट, ब्लड प्रेशर, लीवर, किडनी सभी के लिए फायदेमंद  है 

सोना चाँदी च्यवनप्राश को 1-1 चम्मच सुबह शाम ऐसी ही या दूध के साथ खाना चाहिए 

जाड़े के इस मौसम के सोना चाँदी च्यवनप्राश का इस्तेमाल कर आप कई बीमारीओं से बच सकते हैं 


तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी सोना चाँदी च्यवनप्राश के फ़ायदे के बारे में 

17 दिसंबर 2016

वीटा एक्स मसाज आयल ढ़ीलापन और नसों की कमज़ोरी दूर करे | Vita Ex Massage Oil For Men


आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली जानी मानी कंपनी बैद्यनाथ का प्रोडक्ट वीटा एक्स मसाज आयल मालिश करने का ऐसा तेल है जिसके इस्तेमाल से लिंग का ढ़ीलापन, टेढ़ापन, नसों की कमज़ोरी और दूसरी सारी प्रॉब्लम दूर होती है

सबसे पहले जान लेते हैं कि इसमें कौन-कौन सा तेल मिलाया गया है

चार तरह के तेल के मिश्रण से इसे बनाया जाता है -

मल्ल तेल- शास्त्रीय आयुर्वेदिक तेल है जो ताक़त को बढ़ाता है, ब्लड फ्लो को बढ़ाता है और मांशपेशियों को स्ट्रोंग बनाता है. लिंग में कड़ापान लाकर भरपूर तनाव देता है

मालकांगनी तेल- मांशपेशियों को ताक़त देता है यौनेच्छा को बढ़ाता है

श्रीगोपाल तेल - श्रीगोपाल तेल जो है एक बेहद असरदार शास्त्रीय आयुर्वेदिक तेल है जो कई सारी जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया जाता है. लिंग की कमज़ोरी को दूर कर लिंग के सारे विकार को दूर कर देता है, मसल्स को ताक़त देता है और कमज़ोरी को दूर करता है. शीघ्रपतन को दूर कर इरेक्शन में मदद करता है और टाइमिंग बढ़ाता है

चन्दन तेल - मांशपेशियों को ताक़त देता है और कड़ापन लाने में मदद करता है
इन चार तरह के तेलों के मिश्रण से यह दवा बेजोड़ बन जाती है, मार्केट में मिलने वाले किसी दुसरे तेल से यह अच्छा असर करता है और किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट नहीं होता


वीटा एक्स मसाज आयल के फ़ायदे - 

किसी भी कारण से होने वाली कमज़ोरी, ढीलापन, टेढ़ापन को दूर करता है
लिंग की कमज़ोरी के कारण होने वाले शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर कर टाइमिंग को बढ़ाता है

इसकी मालिश से ब्लड फ्लो बढ़ता है, जिस से भरपूर तनाव और कड़ापन आता है
आत्मविश्वास को बढ़ाता है और भरपूर आनंद देता है

कुल मिलाकर देखा जाये तो वीटा एक्स मसाज आयल एक बेहतरीन तेल है जो पुरुषों के लिए बेजोड़ है

अगर आप तरह-तरह के तेल आज़मा कर थक चुके हैं तो भी एक बार इस तेल का इस्तेमाल कर देखिये


इस्तेमाल कैसे करना है?

5-6 बून्द इस तेल को लेकर अगला हिस्सा छोड़ कर मालिश करें, प्यूबिक रीजन में भी इसकी मालिश करें

प्रॉब्लम अधीक हो तो इसकी मालिश सुबह शाम कर सकते हैं, नहीं तो सिर्फ़ एक बार मालिश करें सम्भोग से एक घंटा पहले

यह पूरी तरह से सुरक्षित आयुर्वेदिक तेल है जिसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है

आयुर्वेदिक मेडिकल में यह तेल मिल जाता है और आप इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं



तो दोस्तों ये थी आज की जानकारी बैद्यनाथ वीटा एक्स मसाज आयल के फ़ायदे और इस्तेमाल के बारे में.

तरंग गोल्ड मसाज आयल लिंग को बड़ा, मोटा और कड़ा बनाने का तेल 



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15 दिसंबर 2016

एरण्ड पाक गठिया, अर्थराइटिस और वात रोगों की बेजोड़ दवा | Erand Pak for Arthritis, Joint Pain and Lumbago



एरण्ड पाक वात रोगों के लिए महान आयुर्वेदिक दवा है इसके इस्तेमाल से गठिया, जोड़ों का दर्द, अर्थराइटिस, जोड़ों की सुजन, जकड़न, कमरदर्द, लकवा, पक्षाघात जैसे हर तरह के वात रोग दूर होते हैं

जैसा कि आप जानते ही होंगे वात रोग जल्दी ठीक नहीं होते, और ठीक होते हैं तो सिर्फ़ आयुर्वेदिक दवाओं से ही

आयुर्वेद में वात रोगों को हाथी के जैसा बताया गया है और उस हाथी जैसे रोग को दूर करने के लिए एरण्ड पाक बेहद असरदार दवा है

पुराने से पुराने दर्द वाले वात रोगों को सिर्फ़ एरण्ड पाक ठीक करने की क्षमता रखता है अगर इसे निरंतर इस्तेमाल किया जाये

जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है एरण्ड पाक का मुख्य घटक एरण्ड या रेड़ी है इसके अलावा इसमें दूध, घी, चीनी और त्रिकटु, त्रिजात, असगंध, सोया, पिप्लामूल, रेनुकाबिज, शतावर, पुनर्नवा, काली निशोथ, लौह भस्म, अभ्रक भस्म, जावित्री जैसी कई सारी जड़ी बूटियों के मिश्रण से पाक निर्माण विधि द्वारा इसका पाक बनाया जाता है


एरण्ड पाक के फ़ायदे - 

यह हर तरह के वात रोगों के लिए असरदार दवा है

जोड़ों की सुजन, जकड़न, गठिया, आमवात, साइटिका, कमर दर्द, फेसिअल पारालायसिस, रुमाटाइड Arthritis  या कोई भी वात रोग हो उसमे इस से फ़ायदा होता है
शरीर की सुजन को कम करता है और कब्ज़ या Constipation को दूर करता है

एरण्ड पाक की मात्रा और सेवन विधि-

1 से 2 चम्मच तक दिन में एक से दो बार दूध या हलके गर्म पानी से भोजन के बाद लेना चाहिए

यह पूरी तरह से सुरक्षित आयुर्वेदिक दवा है, इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है
सैंकड़ों रोगियों पर प्रयोग कर हमने बेहद असरदार पाया है, इसका इस्तेमाल लम्बे समय तक करना चाहिए


अगर आप जोड़ों के दर्द या किसी भी तरह के वात रोगों के लिए अब तक इसका प्रयोग नहीं किया है तो इसे ज़रूर आजमाईये, तुरंत फ़ायदा तो नहीं दीखता पर पर लगातार इस्तेमाल करने से समस्या दूर होती है

बैद्यनाथ कंपनी का यह हर जगह आयुर्वेदिक मेडिकल में मिल जाता है, इसे ऑनलाइन भी ख़रीदा जा सकता है, ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए गए लिंक से-






दोस्तों अगर आपको साइटिका, लकवा, पक्षाघात, जोड़ों का दर्द, arthritis, कमर दर्द, Spondylosis जैसे किसी भी तरह के वातरोग से परेशान हैं तो इस विडियो को देखें और बनी-बनाई दवा भी मंगा सकते हैं. 100% इफेक्टिव, पूरी डिटेल्स यहाँ देखें
अगर दवा चाहिए तो यहाँ से आर्डर करें ऑनलाइन -वातरोग नाशक योग



14 दिसंबर 2016

दिव्य यौवनामृत वटी शीघ्रपतन और पुरुष रोगों की आयुर्वेदिक दवा | Divya Yauvanamrit Vati for Premature Ejaculation and Erectile Dysfunction



पतंजलि दिव्य फार्मेसी की बनी यौवनामृत वटी जड़ी बूटियों से बनी स्वर्णयुक्त आयुर्वेदिक दवा है जिसका इस्तेमाल पुरुषों के हर तरह के यौन रोगों में किया जाता है

यौवनामृत वटी पौष्टिक, शक्ति को बढ़ाने वाली और बॉडी को एक्टिव करने वाले गुणों से भरपूर है

हार्ट और दिमाग को मज़बूती देती है, यौन इच्छा और शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाने वाली बेहतरीन कामोद्दीपक और बाजीकारक औषधि है

आईये सबसे पहले एक नज़र डालते हैं इसमें मिलायी जाने वाली जड़ी बूटियों और खनिज लवण पर-

इसमें मिलाया गया है स्वर्ण भस्म, वंग भस्म और इसके अलावा जायफल, शुद्ध कुचला, सफ़ेद मुसली, बबुल गोंद, बला, अकरकरा, शिलाजीत, प्रवाल पिष्टी, जावित्री, शतावर, कौंच बीज और असगंध में पान के रस की भावना देकर बनाया गया है

125 मिलीग्राम की छोटी-छोटी गोलियों का 5 ग्राम का डब्बा मिलता है


दिव्य यौवनामृत वटी के फ़ायदे - 

शरीर की कमज़ोरी को दूर कर शरीर को ताक़त देती है

शीघ्रपतन या Premature Ejaculation और इरेक्टाइल डिसफंक्शन को ठीक करती है

शुक्राणुओं को स्वस्थ बनाती है और इनकी संख्या में वृद्धि करती है

स्वप्नदोष या नाईट फॉल और नपुंसकता में इस से फ़ायदा होता है

शरीर में चुस्ती, फुर्ती लाती है और नवयौवन का एहसास दिलाती है


यौवनामृत वटी का डोज़ और सेवन विधि-

1 से 2 गोली तक दिन में दो बार सुबह शाम मिश्री मिले गर्म दूध के साथ लेना चाहिए भोजन के बाद

पूरी तरह से आयुर्वेदिक दवा है जिसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता. इसे ऑनलाइन खरीद सकते हैं निचे दिए लिंक से - यौवनामृत वटी ऑनलाइन ख़रीदें 




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13 दिसंबर 2016

सिंघाड़ा या पानीफल के चमत्कारी फ़ायदे | Benefits of Water Chestnut of Singhara


पानी में उगने वाला यह फल सिंघाड़ा के नाम से जाना जाता है जिसे पानीफल भी कहते हैं इसे अंग्रेज़ी में वाटर चेस्टनट(Water chestnut) या  वाटर कैलट्राप(Water Caltrop) भी कहा जाता है

सिंघाड़ा गुणों से भरपूर एक बहुत ही पौष्टिक फल है जिसे आप कच्चा भी खा सकते हैं, उबाल कर भी खा सकते हैं, इसके सूखे फल का चूर्ण बना कर भी इस्तेमाल किया जाता है
इस से कई तरह के पकवान और मिठाईयां भी बनायी जाती हैं

मीठे पानी में उगने वाले फल सिंघाड़ा में विटामिन C, प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट, फॉस्फोरस, आयरन, कैल्शियम, और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं

सिंघाड़ा खाने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है और कई तरह के रोग दूर होते हैं, यह एक तरह का चीप एंड बेस्ट फल है जो अपने आप में बेजोड़ है


तो आईये जानते हैं कि सिंघाड़ा के क्या-क्या फ़ायदे हैं- 

बल वीर्य बढ़ाने, शीघ्रपतन, स्वप्नदोष दूर कर मर्दाना ताक़त बढ़ाने के लिए सूखे हुवे सिंघाड़े को कूट पीसकर चूर्ण बना लें और एक चम्मच खाकर ऊपर से मिश्री मिला हुवा दूध पीना चाहिए, इसे सुबह शाम लें कुछ दिनों में इसका चमत्कारी फ़ायदा दिखेगा

महिलाओं के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है. इसके इस्तेमाल से पीरियड्स की समस्या, ल्यूकोरिया या धात की प्रॉब्लम, गर्भाशय की प्रॉब्लम दूर होती है. कैल्शियम की कमी को पूरा करता है, महिलाओं को होने वाले कमर दर्द को दूर करता है. इसके लिए इसका पाउडर दूध के साथ खाना चाहिए या फिर हलवा बना कर

सूखे हुवे सिंघाड़े के पाउडर को सिंघाड़ा का आटा भी कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है

सिंघारा पाउडर या सिंघाड़े के आटे को घी में भून कर चीनी मिलकर हलवा बनाया जाता है, यह हलवा स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है, जाड़े के इस मौसम में इसे खाने से बहुत फ़ायदा होता है


यह शरीर की गर्मी को शांत करता है, एसिडिटी और पित्त की अधिकता को कम करता है, नाक से खून गिरना या शरीर में कहीं से भी ब्लीडिंग हो तो इस से फ़ायदा होता है

यह एक बेहतरीन पौष्टिक फल है, सूखे सिंघाड़े के पाउडर का हलवा बना कर खाने से दुबले पतले लोगों का स्वस्थ ठीक होता है और वज़न बढ़ जाता है

गले और टोंसिल की प्रॉब्लम से बचने के लिए सिंघाड़ा खाना चाहिए

जिनको घबराहट और दिल की धड़कन तेज़ रहती हो उनको सिंघाड़ा फल ज़रूर खाना चाहिए

यह एक बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट है और शरीर से विषाक्त तत्वों या टोक्सिनस को बाहर निकालता है

सिंघाड़े के छिलके को पीसकर सुजन वाली जगह पर लेप करने से सुजन में फ़ायदा होता है

सिंघाड़ा को निम्बू के रस के साथ पीसकर लेप करने से दाद, खाज खुजली और चर्म रोगों में फ़ायदा होता है

सिंघाड़ा का इस्तेमाल करते हुवे कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए जैसे -

सिंघाड़ा खाकर तुरंत पानी न पियें, अपनी पाचन क्षमता के अनुसार ही खाएं, लगातार इस्तेमाल से वज़न बढ्ता है तो मोटे लोग इसका इस्तेमाल लगातार न करें, कब्ज़ की समस्या हो तो इसका इस्तेमाल न करें.


तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी पानीफल सिंघाड़ा के फ़ायदे और इस्तेमाल के बारे में




12 दिसंबर 2016

धातुपौष्टिक चूर्ण वीर्य विकार और शीघ्रपतन की आयुर्वेदिक दवा | Dhatupaushtik Churna Benefits and Use




धातुपौष्टिक चूर्ण पुरुष रोगों के लिए बेहद असरदार दवा और टॉनिक है इसके इस्तेमाल से शरीर की कमज़ोरी दूर होकर बल और धातु की वृद्धि होती है

यह पुरुष प्रजनन तंत्र या रि प्रोडक्टिव सिस्टम को मजबूत बनाता है इरेक्टाइल डिसफंक्शन, शीघ्रपतन, वीर्य विकार, स्वप्नदोष और नपुंसकता जैसे पुरुष रोगों को दूर करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है

धातुपौष्टिक चूर्ण का कम्पोजीशन -

शतावर, गोखुरू, बीजबन्द, बंशलोचन, कबाब चीनी, चोपचीनी, कौंच बीज, सफ़ेद मुसली, काली मुसली, सोंठ, मिर्च, पीपल, सालब मिश्री, विदारीकन्द, असगंध, निशोथ और मिश्री के मिश्रण से इस चूर्ण को बनाया जाता है

जैसा कि आपने अभी जाना इसमें मिलायी जाने वाली सारी जड़ी बूटियां पुरुष रोगों के लिए बेहद असरदार हैं, जो इस दवा को प्रभावशाली बना देती हैं


आईये अब जानते हैं धातुपौष्टिक चूर्ण के फ़ायदे के बारे में - 

यह दवा बल और धातु को बढ़ाती है जिस से शरीर में ताक़त आती है और कमज़ोरी दूर होती है

वीर्य विकार को दूर कर वीर्य को गाढ़ा बनाती है और sperm count या शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाती है

नसों की कमज़ोरी को दूर कर भरपूर तनाव लाने में मदद करती है, कामोद्दीपक है यानि सेक्स इच्छा बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर है और नपुंसकता को दूर करती है

अनजाने में वीर्य निकल जाना, स्वप्नदोष, शीघ्रपतन और इरेक्टाइल डिसफंक्शन में इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है

कब्ज़ या Constipation को दूर कर पेट साफ़ करने में मदद करती है


धातुपौष्टिक चूर्ण का डोज़- 

3 से 5 ग्राम तक सुबह शाम दूध के साथ खाना खाने के बाद लेना चाहिए

यहाँ मैं बताना चाहूँगा कि जिनकी पाचन शक्ति कमज़ोर हो या पाचन की प्रॉब्लम हो उनको इसका इस्तेमाल करने से पहले पाचन शक्ति ठीक कर लेनी चाहिए

क्योंकि कमज़ोर पाचन शक्ति होने पर यह दवा पचेगी नहीं और फिर इसका सही लाभ नहीं मिल पायेगा

वैसे यह सुरक्षित दवा है, किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट नहीं होता. लम्बे समय तक प्रयोग किया जा सकता है


तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी पुरुष रोगों की दवा और टॉनिक धातुपौष्टिक चूर्ण के फ़ायदे के बारे में




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11 दिसंबर 2016

सितोपलादि चूर्ण सर्दी खांसी और कफ़ रोगों की चमत्कारी दवा | Sitopaladi Churna Benefits and Use


सितोपलादि चूर्ण कफ़ और पेट के रोगों के लिए बेहद असरदार दवा है जिसका इस्तेमाल हजारों सालों से किया जा रहा है 

इसके इस्तेमाल से सुखी, गीली खांसी, गले की ख़राश, साइनस, अस्थमा, सर्दी, कफ़, बुखार, साँस की तकलीफ और Bronchitis जैसे रोग दूर होते हैं 

आईये सबसे पहले जानते हैं कि इसे कैसे बनाया जाता है -

सितोपलादि चूर्ण शारंगधर संहिता का शास्त्रीय योग है इसमें दालचीनी एक भाग, छोटी इलायची के बीज दो भाग, पिप्पली चार भाग, बंशलोचन आठ भाग और मिश्री सोलह भाग लेकर कूट पिस कर बारीक़ चूर्ण बनाया जाता है 

यह चूर्ण बना बनाया मार्केट में भी मिल जाता है कई सारी आयुर्वेदिक कंपनियां इसका निर्माण करती हैं 


सितोपलादि चूर्ण के फ़ायदे - 

इसके इस्तेमाल से वात-पित्त और कफ़ संतुलित होता है 

सर्दी, खांसी, जुकाम और कफ़ को दूर करता है 

खांसी चाहे सुखी हो या गीली सभी में यह बेहद असरदार है 

Bronchitis, अस्थमा, साइनस, फेफड़ों की कमज़ोरी में इसका इस्तेमाल करना चाहिए 

इसके इस्तेमाल से हाथ-पैर की जलन दूर होती है, कमज़ोरी, थकावट को दूर करता है 

पाचन शक्ति बढ़ाता है, भूख न लगना, अरुचि, मुंह का स्वाद ख़राब होना, किसी तरह का टेस्ट पता नहीं चलना जैसी प्रॉब्लम को भी दूर करता है

इसके अलावा, टीबी, पुरानी बुखार और पसलियों के दर्द में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है 


सितोपलादि चूर्ण का डोज़- 

3 से 5 ग्राम तक दिन में तिन बार तक शहद के साथ लेना चाहिए. इसे कभी भी सुखा न खाएं, शहद न मिले तो पानी से गिला कर खाना चाहिए. सुखा चूर्ण फाँकने से सरक जाता है या गले में फंस जाता है बंशलोचन की वजह से 

बच्चों को कम मात्रा में शहद के साथ देना चाहिए 

हर आयु के लोग इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, पूरी तरह से सुरक्षित आयुर्वेदिक दवा है, लम्बे समय तक इस्तेमाल करने से भी कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है 

बेस्ट क्वालिटी का सितोपलादि चूर्ण ऑनलाइन खरीदें हमारे स्टोर lakhaipur.in से - सितोपलादि चूर्ण 100 ग्राम(130 रुपया)

हमारे देश में यह हर जगह आयुर्वेदिक मेडिकल में मिल जाता है, घर बैठे ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से- 


तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी आयुर्वेदिक दवा सितोपलादि चूर्ण के बारे में जिसका इस्तेमाल कर सर्दी, खांसी, अस्थमा और कफ़ की प्रॉब्लम को दूर कर सकते हैं