जैसा कि हम सभी जानते हैं कि डेंगू बुखार एक तरह के मच्छर से होने वाली बीमारी है जिसमे तेज़ बुख़ार आता है और शरीर में चकत्ते हो जाते हैं खून भी रिस सकता है
इसमें ठण्ड लग कर तेज़ बुखार आता है और कई तरह के लक्षण भी उत्पन्न हो सकते है
इसके कारण और लक्षण पर ज्यादा चर्चा न कर आईये जानते हैं इसके घरेलु उपचार के बारे में
पपीते के पत्तों का रस -
डेंगू में पपीते के पत्तों का रस बहुत ही असरदार है. पपीते का पेड़ हर जगह मिल जाता है, इसके हरे पत्तों का रस निकाल कर 2-2 चम्मच दिन में दो से तिन बार पीना चाहिए
ताज़ी गिलोय का रस -
गिलोय का रस निकाल कर 2-2 चम्मच दिन में दो तिन बार लेने से डेंगू में बहुत फ़ायदा होता है. ताज़ी गिलोय न मिले तो सुखी गिलोय का काढ़ा बना कर ले सकते हैं
नीम की पत्ती और तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर लेने से भी इसमें फ़ायदा होता है
डेंगू होने पर खून में प्लेटलेटस की संख्या कम होने लगती है, इसमें पपीते के पत्तों का रस और गिलोय का रस बहुत तेज़ी से असर करता है और प्लेटलेटस की संख्या को नार्मल करता है
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गिलोय और पपीते का इस्तेमाल अंग्रेज़ी दवाओं के साथ भी कर सकते हैं. अगर डेंगू के लिए कोई अंग्रेज़ी दवा ले रहे हैं तो भी इसके साथ गिलोय और पपीते का इस्तेमाल कर सकते हैं
डेंगू के लिए आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक डॉक्टर करते हैं. अमृतारिष्ट, गिलोय घन वटी, गोदंती भस्म, गिलोय सत्व, सप्तपर्ण घन वटी वगैरह का इस्तेमाल किया जाता है
तो दोस्तों, ये थे डेंगू के कुछ घरेलु उपचार जिनके इस्तेमाल से इस बीमारी से छूटकारा पाया जा सकता है
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