महिला रोग ल्यूकोरिया के लिए रामबाण आयुर्वेदिक फार्मूला
ल्यूकोरिया, धात गिरना, सफ़ेद या लाल पानी आना महिलाओं की एक ऐसी बीमारी है जो शरीर को अन्दर से खोखला बना देती है, चेहरे की रौनक चली जाती है. शरीर गिरा गिरा सा रहता है. कमर दर्द, कमज़ोरी, बुखार वगैरह भी हो जाता है.
ल्यूकोरिया के कारण क्या-क्या समस्या होती है इसे उन महिलाओं से बेहतर कौन जान सकता है जिनको ये बीमारी हुयी हो.
वैसे तो आयुर्वेद में इसकी कई शास्त्रीय औषधियां है जिसका प्रयोग चिकित्सकगण करते हैं पर यहाँ मैं आसान सा योग बता रहा हूँ जिसका इस्तेमाल कोई भी महिला कर सकती है
ल्यूकोरिया कितना भी पुराना क्यों न हो, और चाहे किसी तरह का भी ल्यूकोरिया हो इसके इस्तेमाल से ठीक हो जाता है
ALL ROUNDER FOR ALL TYPE OF LEUCORRHEA
इसे बनाने के लिए ये सारी जड़ी बूटी चाहिए-
सफ़ेद चन्दन, खस, धाय फूल, मिश्री, हाउबेर, इन्द्रजौ, रसौत, नीलकमल, जटामांसी, कमलकेशर, आम की गुठली, अनार के फूल, लोद पठानी, नागकेशर, जामुन की गुठली, मंजीठ, पाठा, अतीस, मोचरस, कूड़े की छाल, बेल गिरी और छोटी इलायची सभी 25-25 ग्राम लेकर कूट-पिस कर बारीक कपड़छन चूर्ण बना कर रख लें
3 से 5 ग्राम तक की मात्रा में मधु में मिलाकर चाटकर ऊपर से चावल का धोवन पीना है. इसे सुबह शाम लें
यह हर तरह के प्रदर या ल्यूकोरिया की रामबाण दवा है
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