जैसा की आप सभी जानते हैं फिटकरी एक खनिज पदार्थ है जो गुणों से भरपूर है. अपने गुणों के कारण ही इसका इसका इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है. अंग्रेजी में इसे Potassium Aluminum Sulfate या Alum के नाम से जाना जाता है.
सफ़ेद और लाल रंग की दो तरह की फिटकरी होती है. दोनों गुणों से भरपूर है पर सफ़ेद फिटकरी का इस्तेमाल ज्यादा होता है.
आयुर्वेदिक दवाओं में भी फिटकरी का प्रयोग होता है, स्फटीक भस्म फिटकरी से ही बनी आयुर्वेदिक औषधि है. सफ़ेद फिटकरी को तवे में रख कर आंच देने से पहले तो यह पिघलती है और इसके बाद धीरे-धीरे सुख कर इसका फुला बन जाता है. इस फुले को बारीक़ पिस कर रख लें. यही फिटकरी का फुला या स्फटीक भस्म है
फिटकरी में एंटी सेप्टिक और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, कटे-छिले पर स्फटीक भस्म लगाने से इन्फेक्शन नहीं होता है
तो आईये जानते हैं फिटकरी के कुछ आसान से घरेलु प्रयोग जिनसे बीमारियों में फ़ायदा लिया जा सकता है-
⦁ त्वचा में कहीं भी खरोंच लगने या कटने पर फिटकरी पाउडर लगाने या फिटकरी का ढेला रगड़ने पर खून बहना बंद हो जाता है. अक्सर दाढ़ी बनाने के बाद फिटकरी का इस्तेमाल किया जाता है
⦁ फिटकरी का फुला या स्फटीक भस्म को घाव पर लगाने से फायदा होता है और घाव जल्द भर जाता है
⦁ उंगलियाँ अगर कट-छिल जाएँ या फ्रैक्चर हो जाये तो स्फटीक भस्म लगा कर बैंडेज कर दें, ज़ख्म भी दूर होगा और टूटी हड्डी भी जुड़ जाती है, अनुभूत है
⦁ शरीर के अन्दर कहीं से भी खून बहता हो तो स्फटीक भस्म आधा चम्मच तीन बार पानी के साथ लेने से रक्तस्राव बंद हो जाता है
⦁ नकसीर, ख़ूनी बवासीर, रक्त प्रदर में स्फटीक भस्म के प्रयोग से बहुत फायदा होता है
⦁ फिटकरी पाउडर या स्फटीक भस्म को मंजन की तरह दांतों पर मलने से पायरिया, दांतों का दर्द, मुख दुर्गन्ध दूर होता है. फिटकरी को पानी में घोलकर कुल्ली करने से भी मुख दुर्गन्ध दूर होता है
⦁ 25 ग्राम लाल फिटकरी के पाउडर को 250 ग्राम ताज़े दही के साथ सुबह ख़ाली पेट खाने से सिर्फ तीन दिनों में जौंडिस या पीलिया ठीक हो जाता है
⦁ फिटकरी को नहाने के पानी में घोल कर प्रयोग करने से खुजली और शरीर से बदबू आना बंद होती है और ज़्यादा पसीना आना भी बंद होता है
⦁ 5 ग्राम फूली फिटकिरी या स्फटीक भस्म देशी घी में मिला दें, फिर उसे घाव पर लगायें। इससे घाव ठीक हो जाता है
⦁ त्वचा में खुजली वाली जगह को फिटकरी वाले पानी से धोकर उस जगह पर थोड़े से सरसों के तेल का लेप लगाकर उसके ऊपर थोड़ा सा कपूर का चूर्ण डाल लें, इस से खुजली में काफी फायदा होता है
⦁ 1 ग्राम फिटकरी को 1 कप छाछ के साथ एक दिन में 3 बार पीने से गर्मी के कारण आने वाले खूनी दस्तों में लाभ मिलता है
⦁ स्फटीक भस्म 5 ग्राम और मिश्री पीसी हुयी 10 ग्राम मिलाकर खाने से अस्थमा में फायदा होता है
⦁ स्फटीक भस्म 1-1 ग्राम सुबह-शाम पानी के साथ लेने से खून की उल्टी बंद हो जाती है
⦁ गर्म पानी में चुटकी भर फिटकरी और इतनी ही मात्रा में नमक डालकर गरारा करने से टोंसिल में फ़ायदा होता है
⦁ स्फटीक भस्म, हल्दी चूर्ण और त्रिफला चूर्ण तीनों बराबर मात्रा में मिलाकर एक एक चम्मच सुबह शाम खाने से स्वप्नदोष ठीक होता है
⦁ स्फटीक भस्म 1 ग्राम और नागकेशर चूर्ण 3 ग्राम दोनों मिलाकर सुबह शाम खाने से स्त्रियों के प्रदर रोग या ल्यूकोरिया में फ़ायदा होता है
⦁ फिटकरी को पानी में घोलकर योनि को धोने से योनि सिकुड़ने लगती है और योनी का ढीलापन दूर हो जाता है
⦁ फूली हुई फिटकरी के चूर्ण में 4 गुना पिसी हुई चीनी अच्छी तरह मिला लें। इसे 2 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ 2-2 घंटे के अंतर पर 3 बार लें। इससे मलेरिया बुखार में लाभ होता है
⦁ बलगमी खांसी में स्फटीक भस्म को पीसी हुयी चीनी के साथ मिलाकर गर्म दूध के साथ लेने से फायदा होता है
⦁ फिटकरी के घोल को चीनी की चाशनी में डालने से चाशनी का रंग साफ़ होता है
⦁ फिटकरी का इस्तेमाल कुऐं के पानी को साफ़ करने के लिए भी किया जाता है
तो दोस्तों, ये थे फिटकरी के कुछ आसान से घरेलु प्रयोग जिनका इस्तेमाल कर फ़ायदा लिया जा सकता है
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