हलो एंड वेलकम दोस्तों,
आज मैं बताऊंगा जोड़ों के दर्द की एक बहुत ही असरदार दवा के बारे में जिसके इस्तेमाल से इस से छूटकारा पाया जा सकता है.
आयुर्वेद के अनुसार जोड़ों का दर्द, गठिया या arthritis एक कष्टसाध्य बीमारी है. इसके दर्द और सुजन से रोगी को बहुत तकलीफ़ होती है. एक तरह से रोगी को यह बिलकुल लाचार कर देता है.
तो आईये अब जानते हैं इसकी आसान सी दवा के बारे में. इसका नाम हमने रखा है 'सुरंजान वटी'
इसे बनाने के लिए आपको तीन चीज़ें चाहिए -
एलुआ या मुसब्बर
बड़ी हर्रे छिल्का और
सुरंजान शीरीं इन तीनों को बराबर मात्रा में लेना है. कम से कम 50-50 ग्राम लीजिये.
सबसे पहले तो बड़ी हर्रे का छिल्का और सुरंजान शीरीं को कूट-पिस कर पाउडर बना लीजिये और फिर एलुआ में मिक्स कर खरल कर लें. इसके बाद 5-500 मिलिग्राम की गोलियाँ बनाकर सुखा कर रख लीजिये. पानी मिलाकर गोली बना सकते हैं या फिर इसका चूर्ण भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए सभी को मिलाकर चूर्ण कर रख लें.
इसका इस्तेमाल कैसे करना है?
एक से दो गोली सुबह-दोपहर-शाम हल्के गर्म पानी से या रास्नादी क्वाथ से लेना चाहिए.
इस वटी के इस्तेमाल से जोड़ों के दर्द, गठिया, साइटिका, कमरदर्द, जोड़ों की सुजन इत्यादि में फ़ायदा होता है और लगातार प्रयोग से बीमारी ठीक हो जाती है. बड़ा ही कारगर फ़ार्मूला है, इसका इस्तेमाल हमारे यहाँ सालों से किया जा रहा है. इसके इस्तेमाल से कब्ज़ दूर होता है और यूरिक एसिड भी निकल जाता है.
यहाँ आपको बताना चाहूँगा कि एलुआ या मुसब्बर, बड़ी हर्रे और सुरंजान शीरीं जड़ी-बूटी विक्रेता या पंसारी के यहाँ मिल जायेगा. रास्नादी क्वाथ कई सारी आयुर्वेदिक कम्पनियाँ बनाती हैं. अगर आप सुरंजान वटी नहीं बना सकते तो इसकी जगह पर 'हब्बे सुरंजान' का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस से मिलता जुलता ही फ़ार्मूला है. सुरंजान वटी मार्केट में नहीं मिलेगी क्योंकि यह हमारा अनुभूत फ़ार्मूला है.
तो दोस्तों आपने आज जाना जोड़ों के दर्द या arthritis की आयुर्वेदिक दवा के बारे में.
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आज के लिए इतना ही. आपकी स्वास्थ कामना के साथ इजाज़त चाहूँगा. धन्यवाद्
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