आज मैं आपको बताऊंगा गिलोय के गुण और इस से गठिया, arthritis दूर करने के अपने अनुभव के बारे में.
गिलोय एक सुप्रसिद्ध औषधि है जो गुणों से भरपूर होने के कारण महत्वपूर्ण है. इसे गुडूची, गुरीच और अमृता के नाम से भी जाना जाता है. इसकी लता जल्दी मृत नहीं होती यानी सूखती नहीं है इसलिए इसे अमृता के नाम से भी जाना जाता है.
आयुर्वेद मतानुसार गिलोय त्रिदोष का नाश करता है. त्रिदोष मतलब तीनों दोष जैसे कफ़, पित्त और वायु तीनों को बैलेंस करता है. गिलोय के प्रयोग से पीलिया, मोटापा, वात रोग, चर्म रोग, बुखार, पाचन तंत्र के रोग, ब्लड प्रेशर, कैंसर, सर्दी खांसी, खून में प्लेटलेट्स की संख्या कम होने इत्यादि में फायदा करता है.
त्रिदोष को दूर करने के गुण की वजह से यह हर तरह के रोग में फायदा करेगा अगर इसे सही अनुपान के साथ लिया जाये. गिलोय का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है. इसका चूर्ण, रस, काढ़ा, इसका सत्व जिसे गिलोय सत्व कहते हैं, इस्तेमाल किया जाता है.
उम्र ढ़लने के साथ ही गठिया, आर्थराइटिस या जोड़ों के दर्द की बीमारी हो जाना बहुत ही कॉमन है. जोड़ों की दर्द और सुजन से जो परेशानी होती है उसे वही बेहतर जानता है जिसे ये प्रॉब्लम हुयी हो.
पेन किलर के इस्तेमाल से तत्काल दर्द से राहत तो मिलता है पर रोग नहीं जाता बल्कि और complicate हो जाता है. अगर आप तरह तरह की दवा खाकर और डाक्टरों के चक्कर लगा कर थक गए हों तो भी निराश न हों. गिलोय का सेवन कर इस से मुक्ति पा सकते हैं.
ताज़ा गिलोय का प्रयोग-
इसके लिए ताज़ा नीम गिलोय 100 ग्राम लेकर उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर सिल पर या ग्राइंडर में थोड़ा पानी मिलाकर पिस लीजिये. इसके बाद और थोड़ा पानी मिलाकर खूब मसलकर कपड़े से छान लीजिये. इस पानी को सुबह शाम पीना है ख़ाली पेट.
इसके इस्तेमाल से तत्काल दर्द में राहत नहीं होता, क्यूंकि यह कोई ऐलोपथिक पेन किलर नहीं है पर लगातार इस्तेमाल से शरीर के सारे विकार दूर होकर गठिया, आर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द इत्यादि को दूर कर देता है. बड़े ही धैर्य के साथ संयम से इसका इस्तेमाल करना चाहिए. यह एक रामबाण प्रयोग है कभी फ़ेल नहीं होता पर टाइम लगता है.
इसके इस्तेमाल से पेशाब की मात्रा बढ़ती है, यूरिक एसिड को निकाल देता है. पेन किलर, और स्टेरॉयड खाने से हुवा साइड इफ़ेक्ट जैसे सीने में जलन, एसिडिटी, पेट की खराबी इत्यादि में 2-3 दिनों में ही फ़ायदा दिखने लगता है. खून की ख़राबी, चर्म रोग, वातरक्त इत्यादि को दूर करता है इसका प्रयोग.
बस इसके प्रयोग अवधि में वातकारक चीज़ों से परहेज़ रखना चाहिए. यह प्रयोग अनुभूत यानी टेस्टेड है, मैंने कई रोगियों पर इसका प्रयोग सफल पाया है.
ताज़ी गिलोय कोशिश करने से मिल सकती है, कई जड़ी-बूटी बेचने वाले भी इसे बेचते हैं. नीम गिलोय ज़्यादा असरदार है पर जल्दी नहीं मिलती. नीम के पेड़ पर चढ़ने वाली गिलोय की लता को नीम गिलोय कहते हैं. वैसे गाँव देहात और जंगल में यह किसी भी वृक्ष पर चढ़ जाती है. नीम गिलोय न मिले तो दूसरी गिलोय से काम चला सकते हैं.
तो दोस्तों आपने जाना जोड़ों के दर्द, गठिया, Arthritis को दूर करने के उपाय के बारे में.
इसी तरह की दूसरी जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट को सब्सक्राइब ज़रूर कीजिये.
जानकारी अच्छी लगी तो लाइक और शेयर कीजिये ताकि दुसरे लोग भी इसका फ़ायदा उठा सकें.
Watch here
आज की जानकारी के बारे में कोई सवाल हो तो कमेंट के माध्यम से हम से पूछिये. आपके सवालों का स्वागत है. आज के लिए इतना ही. धन्यवाद्
Kya uric acid khatm ho jata h
जवाब देंहटाएं