मित्रों हम सभी जानते हैं कि एड्स एक विश्वव्यापी मारक रोग है और इस से पीड़ित व्यक्ति कष्टकारक मृत्यु को प्राप्त करता है | लोग कहते हैं कि इसकी कोई दवा नहीं पर सच तो ये है कि कुछ लोग इस बीमारी से मुक्ति भी पा लेते हैं | आयुर्वेदिक दवा इस बीमारी में फायदा कर सकती है क्यों न इसका एक बार प्रयोग कर देखा जाये | आज आप यहाँ जानेंगे शास्त्रीय आयुर्वेदिक औषधियों का योग जो इस रोग से मुक्ति दे सकता है |
एड्सहर योग-
इसके लिए आपको कई
सारी शास्त्रीय आयुर्वेदिक औषधियां चाहिए जो की इस प्रकार हैं –
मुक्तापंचामृत रस
– 20 ग्राम
रस सिंदुर – 10
ग्राम
अभ्रक भस्म – 10
ग्राम
स्वर्ण भस्म – 3
ग्राम
माणिक्य पिष्टी –
3 ग्राम
रौप्य भस्म – 3
ग्राम
प्रवाल भस्म – 3
ग्राम
शिलाजित्वादी लौह
– 10 ग्राम
सबसे पहले तो रस
सिंदुर को खरल करें (पिस कर) और वंशलोचन को भी पिस लें इसके बाद अन्य सभी औषधियों
को अच्छी तरह मिला कर शतावर और बला मूल की तीन-तीन भावना देकर सुखा कर रख लें | बस
दवा तैयार है |
मात्रा एवं उपयोग
विधि –
उपरोक्त औषधि 125
– 250 मिली ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम दो चम्मच मधु और एक चम्मच देशी घी
में मिलाकर प्रयोग करें | और भोजन के बाद
‘अमृतारिष्ट’ दो-दो चम्मच तीन बार लें | दवा लेते हुवे हर महीने जाँच कराकर HIV का
% ज्ञात करते रहें | दो-तिन माह में अगर कुछ भी सुधार होता है तो समझ लीजिये इस रोग
से मुक्ति मिल सकती है | HIV Duo Titere Test की Value cd4, cd8 अनुपात तथा रक्त
में Virus की मात्रा में कमी रोग सुधार का संकेत देता है, जो की कुशल चिकित्सक
आपको समझा सकता है |
लाभ-
जो दवा के बारे
में आपने आज जाना है वो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है और HIV की संख्या में
कमी लाती है और साथ ही साथ HIV Duo Titere के OD अनुपात में भी कमी लाती है | तो
क्यों न कुछ दिनों तक इसका प्रयोग कर परिणाम देखा जाये |
यहाँ आपको बता
दूं कि मुक्तापंचामृत रस, रस सिंदुर, अभ्रक भस्म, स्वर्ण भस्म, माणिक्य पिष्टी,
रौप्य भस्म, प्रवाल भस्म, शिलाजित्वादी लौह और अमृतारिष्ट आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर
में मिल जाता है | वंशलोचन, शतावर और बला मूल आपको जड़ी-बूटी विक्रेता के यहाँ से
मिलेगा | चित्र के माध्यम से आप समझ सकते हैं |
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भावना कैसे देते
हैं?
जैसा कि आपको
बताया गया है शतावर और बला मूल की 3-3 भावना देने को | इसके लिए सबसे पहले आप किसी
एक शतावर या बला मूल को मोटा मोटा कूट कर पानी डाल कर काढ़ा बनायें और फिर छान लें
| और जो भस्म आदि है उसे खरल में डाल कर काढ़ा मिलाकर घुटाई करें और धुप में सुखा दें
| यह एक भावना हुवा, इसी प्रकार 3-3 भावना देना है | भावना देना आयुर्वेदिक औषधि
निर्माण का अभिन्न अंग है इस से औषधियां अधिक प्रभावी होती हैं | कोई सवाल या शंका
हो तो कमेंट के माध्यम से हमसे पूछिये |
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KYA YEH MEDICINE BANI MIL SAKTI HAI
जवाब देंहटाएंIs dawa ke ingredients bane huve milte hain bas aapko thora koshish karke banana hai.
हटाएंAap doctor ayurvedic Hai kya iske side effects aap doctor nahi toh yeah research Kaise Kiya jola chaff doctor Hai kya iske side effects Hua toh aap ki jimaidari hogi kya aur yeh 100% cure Hai kya hiv Mai tell you
जवाब देंहटाएंKya ye davay aap muje banakar de sakte he
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