भारतीय तो कहीं मिले
ही नहीं
एक अमेरिकी भारत
घुमने के लिए आता है और
जब वापस अमेरिका पहुचता है तो उसका एक
भारतीय मूल का मित्र उससे पूछता है- कैसा है भारत
का दर्शन? वो बोलता है- "वास्तव में भारत एक
अद्वितीय जगह है. मैंने ताजमहल देखा,
डेल्ही मुंबई से लेकर भारत की हर
वो छोटी बड़ी जगह देखी जो प्रसिद्द है. वास्तव
में भारत केवल एक ही है, कोई दूसरा नहीं. "अपने
देश की तारीफ सुनकरवह बहुत खुश हुआ.
पूछा और हमारे भारतीय कैसे हैं-
अमेरकी बड़े ध्यान से देखने
लगा.फिर
बोला...वहा तो मै कोई भारतीय देखा ही नहीं.
भारतीय पुरुष उसका मुह देखने लगा-
अमेरिकी बोलता रहा-
"मैं एअरपोर्ट पर उतरा तो सबसे पहले मेरी भेट
मराठिओं सेहुई, आगे बढा तो पंजाबी, हरियाणवी,
गुजरती, बिहारी, तमिल और असामी जैसे बहुत से
लोग मिले. कहीं हिन्दू मिले तो कहीं सिक्ख,
मुस्लिम और इसाई मिले...छोटी जगहों पर
गया तो-बनारसी, जौनपुरी, सुल्तानपुरी,
बरेलवी मिले. नेताओं से मिला तो कांग्रेसी, बीजेपी,
बि एस पी वाले मिले, गाँव में गया तो ब्राह्मण,
क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र मिले.
भारतीय तो कहीं मिले ही नही.
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