विषतिन्दुक वटी साइटिका दूर करे, नर्वस सिस्टम को शक्ति दे | Vishtinduk Vati Review in Hindi – Lakhaipurtv

विषतिन्दुक वटी एक शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवा है जो साइटिका के दर्द को दूर करने में बेहद असरदार है, यह बिल्कुल इंजेक्शन की तरह काम करती है

इसके अलावा यह नर्वस सिस्टम की प्रॉब्लम के लिए बेहतरीन दवा है, कमर दर्द, जोड़ों का दर्द, पेट का दर्द, दस्त-डायरिया में इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है

इसे विषतिन्दुक वटी, विषतुन्दक वटी, विषमुष्टयादी वटी जैसे कई नामों से जाना जाता है

विषतुन्दक वटी के घटक या कम्पोजीशन की बात करें तो इसका मुख्य घटक शुद्ध कुचला है जिसे कुपिलू भी कहते हैं. अंग्रेज़ी में इसे Nux Vomica कहा जाता है, यूनानी और होमियोपैथी में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. 
इसकी निर्माण विधि कुछ इस प्रकार है-
शुद्ध कुचला एरण्ड तेल में भुना हुआ और काली मिर्च दोनों बराबर वज़न में लेकर बारीक़ कपड़छन चूर्ण बनाकर इन्द्रायण के फल के रस में 12 घंटे तक खरल कर 1-1 रत्ती की गोलियां बनायीं जाती हैं 



विषतुन्दक वटी का डोज़ – 
1 से 2 गोली तक दिन में 2 से 3 बार तक दूध के साथ लेना चाहिए 
अब आईये जानते हैं विषतुन्दक वटी के फ़ायदे- 
जैसा कि पहले ही बता चूका हूँ की साइटिका का दर्द दूर करने के लिए यह बेहद असरदार दवा है, साइटिका के दर्द में इसका इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए 
कमर दर्द, जोड़ों का दर्द, मसल्स का दर्द, न्यूरोटिक पेन और इन्फेक्शन में भी इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है 
यह नर्व को ताक़त देती है, ब्लड और ऑक्सीजन का फ्लो बढ़ाकर नर्व को सही ढंग से काम करने में मदद करती है 
पेट का दर्द चाहे किसी भी कारण से हो, इसके इस्तेमाल से तुरन्त लाभ मिलता है, अपच, पत्थरी, हर्निया, लीवर कंजेशन और पीरियड के दर्द में भी इस से राहत मिलती है पर ध्यान रहे पेट दर्द के सही कारण का निवारण ही सही ईलाज होता है 
इसके अलावा विषतुन्दक वटी के इस्तेमाल से सामान्य यौन कमजोरी, Digestion की प्रॉब्लम, लीवर की प्रॉब्लम, जौंडिस, हेपेटाइटिस, खून की कमी, स्प्लीन का बढ़ जाना, डायरिया और ड्राप्सी जैसे रोगों में भी फ़ायदा होता है 



विषतुन्दक वटी का इस्तेमाल करते हुवे कुछ सावधानी भी चाहिए होती है जैसे- 
जिनका हार्ट कमज़ोर हो या हार्ट की कोई प्रॉब्लम हो इसका इस्तेमाल न करें 
पित्त प्रकृति वाले लोग इसे कम मात्रा में उपयोग करें, इसके साथ गिलोय सत्व, गिलोय का रस या अमृतारिष्ट लेना चाहिए 
नार्मल आदमी को इसे दूध के साथ लेना चाहिए, अगर प्यास लगे तो शहद मिलाकर लेना चाहिए 
और सबसे इम्पोर्टेन्ट बात यह है कि इसे लगातार एक से दो हफ्ता तक ही इस्तेमाल करें, फिर भी ज़रूरत हो तो कुछ दिन गैप के बाद यूज़ करना चाहिए 
पतंजलि का दिव्य विषतिन्दुक वटी, डाबर, बैद्यनाथ और झंडू जैसी कई सारी आयुर्वेदिक कंपनियों की यह दवा आयुर्वेदिक मेडिकल में मिल जाती है, या फिर ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं.
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *