गैस्ट्रिक की आयुर्वेदिक औषधि | gastric ki herbal dava | herbal remedy for gastritis



आज मैं बताने जा रहा हूँ गैस्ट्रिक की आयुर्वेदिक औषधि शिवाक्षार पाचन चूर्ण के फ़ायदे और इस्तेमाल के बारे में. 


गैस्ट्रिक की बीमारी एक बहुत ही आम समस्या है जिस से हर वो व्यक्ति पीड़ित हो जाता है जिसकी पाचन शक्ति कमज़ोर हो. 


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आज की लाइफ स्टाइल और हमारा ग़लत खान-पान भी इसका मुख्य कारण होता है. अगर किसी को भी गैस्ट्रिक की प्रॉब्लम हो तो इस चूर्ण के इस्तेमाल से ठीक हो जाता है. गैस्ट्रिक के लिए यह महान दवा है.





वैसे तो यह चूर्ण बना बनाया मार्केट में मिल जाता है पर अगर चाहें तो बना भी सकते हैं. इसे बनाना बहुत ही आसान है. इसके लिए आपको चाहिए हिंगवास्टक चूर्ण, छोटी हर्रे का चूर्ण और सज्जी क्षार या सोडाबाईकॉर्ब जिसे खाने के सोडा मीठा सोडा भी बोलते हैं. 


इन तीनों को बराबर वज़न में लेकर अच्छी तरह मिलाकर रख लें, बस शिवाक्षार पाचन चूर्ण तैयार है.


हिंगवास्टक चूर्ण के बारे में मैंने एक विडियो में बताया है.


शिवाक्षार पाचन चूर्ण का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका –


2 से 4 ग्राम तक दिन में दो बार खाना खाने के बाद हलके गर्म पानी से 


शिवाक्षार पाचन चूर्ण के फ़ायदे-


यह चूर्ण गैस्ट्रिक की सबसे बेस्ट दवा है. इसके इस्तेमाल से अजीर्ण, कब्ज़, अफारा, हिचकी, उल्टी जैसा लगना, भूख न लगना, पेट दर्द, पेट के कीड़े इत्यादि रोग नष्ट होते हैं.





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आम का पाचन कर कोष्ठ शुद्धि करता है. पाचन शक्ति को ठीक कर भूख बढ़ाता है. लीवर को शक्ति देता है. पेट भारी रहना, खाने की इच्छा नहीं होना, पेट में गैस बनना इत्यादि में बहुत जल्द फ़ायदा  होता है. पेट में जमी गैस को बाहर निकालता है और बदबू को दूर करता है. पेट की सारी प्रॉब्लम को दूर कर देता है. 





कुल मिलाकर देखा जाये तो गैस्ट्रिक और पेट की प्रॉब्लम के लिए बेजोड़ दवा है. 




तो दोस्तों, अगर आप गैस्ट्रिक की प्रॉब्लम से परेशान हैं तो इसका इस्तेमाल कीजिये और परेशानी दूर कीजिये. 

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