अकरकरा के फ़ायदे | Akarkara(Anacyclus Pyrethrum) Benefits & Use in Hindi

अकरकरा एक ऐसी जड़ी है जिसे वात विकार, पुरुष रोग और दांत और मसूड़ों के रोगों में प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है, इसके अलावा यह अनेकों रोगों को दूर करने की शक्ति रखता है. कई सारी शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवाओं में अकरकरा मिला होता है, इसे आयुर्वेद के अलावा यूनानी चिकित्सा पद्धति में भी इस्तेमाल किया जाता है, तो आईये जानते हैं अकरकरा के फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल –

अकरकरा को अंग्रेज़ी में पेलीटरी(Peelitory) और इसका वानस्पतिक नाम एनासाईक्लस पाईरेथ्रम (Anacyclus Pyrethrum) है. यह एक छोटा झाड़ीदार, रोयेंदार पौधा के रूप में उगता है, इसके फूल भी होते हैं. इसकी सुखी हुयी जड़ का आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है. दुर्लभ होते जा रहे इस जड़ी की आजकल खेती भी की जाती है.

अकरकरा प्रकृति में गर्म और वातनाशक है, कामोत्तेजक, वीर्यवर्धक, रक्तशोधक, Anti-inflammatory, ह्रदय को बल देने वाला, मुंह की बदबू और दांत-मसूड़ों को हेल्दी बनाने वाले गुणों से भरपूर होता है, अकरकरा की सुखी जड़ का इस्तेमाल दवाओं में किया जाता है और यह पंसारी की दुकान में मिल जाता है

अकरकरा से कई रोग दूर होते हैं तो आईये जानते हैं किन-किन रोगों में इसका प्रयोग कैसे करना है

लकवा या पक्षाघात में – 

अकरकरा की जड़ को बारीक पीसकर महुए के तेल में मिलाकर मालिश करने से पक्षाघात में लाभ होता है. अकरकरा की जड़ का चूर्ण लगभग आधा ग्राम की मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम चाटने से पक्षाघात (लकवा) में लाभ होता है.



दांत और मसूड़ों के लिए –

दांत और मसूड़ों के लिए अकरकरा मिला हुवा मंजन बेहद असरदार होता है, इसके लिए अकरकरा, माजूफल, नागरमोथा, फूली हुई फिटकिरी, कालीमिर्च, सेंधानमक बराबर की मात्रा में मिलाकर पीस लें, इससे नियमित मंजन करते रहने से दांत और मसूढ़ों के समस्त विकार दूर होकर दुर्गंध मिट जाती है

पुरुष रोगों, यौन दुर्बलता और शीघ्रपतन के लिए –

अकरकरा, सफेद मूसली और असगन्ध सभी को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, इसे 1-1 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम एक कप दूध के साथ नियमित रूप से  लें. अकरकरा के बारीक चूर्ण में शहद मिक्स कर लिंग पर लेप कर ऊपर से पान का पत्ता बांधने से ढीलापन और नपुंसकता दूर होती है

ह्रदय रोगों या हार्ट डिजीज में –

अर्जुन की छाल और अकरकरा दोनों को बराबर मात्रा में चूर्ण बनाकर एक ग्राम तक सुबह शाम लेने से हार्ट बीट, दिल का दर्द, दिल की कमज़ोरी जैसे रोगों में फ़ायदा होता है



साइटिका में –

अखरोट के तेल में अकरकरा को पका कर उस तेल से मालिश करने से साइटिका के दर्द में राहत मिलती है

हकलाहट और तोतलापन दूर करने के लिए –

अकरकरा की जड़ का चूर्ण और काली मिर्च पाउडर को शहद के साथ ज़बान पर लगाने से हकलाहट में फ़ायदा होता है

मिर्गी और दिमागी कमज़ोरी के लिए –

अकरकरा, ब्रह्मी और बादाम तीनों का चूर्ण बनाकर शहद के साथ खाने से मिर्गी में फ़ायदा होता है और दीमाग मज़बूत होता है. इस तरह से अकरकरा के इस्तेमाल से कई रोगों को दूर किया जा सकता है. ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से –

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *