मुहाँसों को आयुर्वेद में यौवनपीड़िका कहते हैं और आज जो योग बता रहा हूँ उसका नाम है-
यौवनपीड़िकान्तक लेप -
लाल चन्दन, मंजीठ, माल कांगनी, लोध्र, सेमल के काँटे, जायफल और वट की जटा प्रत्येक 50-50 ग्राम, चिरौंजी और पीली सरसों 100-100 ग्राम, सुहागे का फूला या टंकण भस्म 10 ग्राम
सभी जड़ी-बूटियों का बारीक चूर्ण बनाकर अंत के टंकण भस्म अच्छी तरह से मिक्स कर रख लें.
प्रयोग विधि -
दो चम्मच इस चूर्ण को लेकर कच्चा दूध मिक्स कर पेस्ट बना लें और पिम्पल्स पर लेप की तरह लगा दें और सूखने दें. आधा-एक घंटा बाद दूध से भिगाकर इस लेप को हटा दें और ताज़े पानी से धो लें.
कुछ दिनों तक लगातार इसका इस्तेमाल करते रहने से हर तरह के कील-मुहाँसे दूर हो जाते हैं और चेहरे में निखार भी आता है. बिल्कुल टेस्टेड नुस्खा है, यूज़ कर फ़ायदा उठायें.
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