बीजपुष्टी रस आयुर्वेदिक दवा कम्पनी धूतपापेश्वर का पेटेंट ब्रांड है जो मेल इनफर्टिलिटी को दूर करती है. यह स्पर्म क्वालिटी, क्वांटिटी और मोटिलिटी को बढ़ाती है, तो आईये जानते हैं बीजपुष्टी रस का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -
बीजपुष्टी रस जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है बीज का मतलब यहाँ पर शुक्राणु या स्पर्म है, बीजपुष्टी का मतलब हुआ शुक्राणुओं को पोषण देने वाला. इसमें जड़ी-बूटियों के अलावा स्वर्णभस्म का भी मिश्रण है.
इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें स्वर्ण भस्म, पूर्णचंद्रोदय, मकरध्वज, यष्टिमधु, सालमपंजा, गोखुरू, शतावरी और आँवला का मिश्रण होता है जिसमे अश्वगंधा के क्वाथ की भावना देकर बनाया गया है. यह टेबलेट के रूप में होती है.
इसमें मिलायी जाने वाली सारी चीज़ें पॉवर-स्टैमिना बढ़ाने और शुक्राणुओं को पोषण देने की जानी-मानी औषधियाँ हैं.
बीजपुष्टी रस के औषधीय गुण -
यह कफ़ और वात दोष पर असर करती है. पॉवर-स्टैमिना बढ़ाने वाली और यौन शक्तिवर्धक गुणों से भरपूर है.
बीजपुष्टी रस के फ़ायदे-
पुरुष बाँझपन या मेल इनफर्टिलिटी के लिए ही इसे इस्तेमाल किया जाता है.
Oligospermia की इफेक्टिव दवा है. यह स्पर्म काउंट को बढ़ाती है. स्पर्म क्वालिटी और मोटिलिटी को भी इम्प्रूव कर संतान प्राप्ति में मदद करती है.
पॉवर-स्टैमिना की कमी, जोश की कमी, इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी प्रॉब्लम को दूर करती है.
यौनेक्षा बढ़ाने और इनफर्टिलिटी के लिए महिलायें भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं.
बीजपुष्टी रस का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका-
एक से दो टेबलेट सुबह शाम भोजन के बाद एक गिलास दूध से लेना चाहिए. इसी तरह की दूसरी पेटेंट दवाएँ हैं हिमालया स्पीमैन और चरक एडीज़ोया कैप्सूल जिसे बीजपुष्टी रस के साथ भी लिया जा सकता है. बीजपुष्टी रस सेफ़ दवा है फिर भी डॉक्टर की सलाह से ही यूज़ करें.
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