बोलबद्ध रस शरीर से कहीं से भी निकलते हुवे रक्त को बंद करने के लिए प्रयोग किया जाता है. इसके इस्तेमाल से नाक, मुंह, गुदा, योनी या शरीर के किसी भी भाग की इंटरनल या एक्सटर्नल ब्लीडिंग रूकती है. तो आईये जानते हैं इसका कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी जानकारी -
बोलबद्ध रस जैसे कि इसके नाम से ही पता चलता है यह रस यानि रसायन औषधि है जिसमे शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, गिलोय सत्व एक-एक भाग, खूनखराबा तीन भाग और सेमल के छाल के रस का मिश्रण होता है
बनाने का तरीका यह होता है कि सबसे पहले शुद्ध पारा और शुद्ध गंधक को अच्छी तरह से खरलकर कज्जली बना लें और इसमें खूनख़राबा जिसे हीरा-दोखी भी कहते हैं का चूर्ण मिक्स कर सेमल के छाल के रस की भावना देकर 250 mg की गोलियाँ बनाकर सुखाकर रखा जाता है
बोलबद्ध रस के फ़ायदे-
जैसा कि शुरू में मैंने बताया शरीर में कहीं से भी होने वाली ब्लीडिंग में इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है
पित्त बढ़ने से नकसीर हो या नाक की ब्लीडिंग हो, बवासीर-फिश्चूला के कारन ब्लीडिंग हो, टी. बी. के कारन मुंह से ब्लीडिंग हो, या फिर महिलाओं की गर्भाशय की विकृति के कारन ब्लीडिंग हो तो इसका इस्तेमाल करना चाहिए
रक्त प्रदर, और पुरुषों के पेशाब के साथ खून आने पर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. ब्लीडिंग रोकने की यह प्राइमरी मेडिसिन है, पर ब्लीडिंग के दुसरे कारणों को पता कर उसकी दवा भी लेनी चाहिए
बोलबद्ध रस की मात्रा और सेवन विधि -
एक से दो गोली दिन में दो-तिन बार तक शहद या दूब घास के रस के साथ लेना चाहिए, या फिर आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से रोगानुसार अनुपान के साथ लेना चाहिए.
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