जोड़ों के दर्द, गठिया, रुमाटाइड आर्थराइटिस जैसे हर तरह के वात रोगों की हिमालया हर्बल की दवा रुमाल्या टेबलेट, रुमाल्या फ़ोर्ट और रुमाल्या जेल
हिमालया हर्बल का रुमाल्या टेबलेट दो वैरायटी का होता है एक तो हो गया रुमाल्या टेबलेट और दूसरा है रुमाल्या फ़ोर्ट टेबलेट
वात रोगों के लिए रुमाल्या एक अच्छी दवा है इसके इस्तेमाल से नयी पुरानी Arthritis, जोड़ों की सुजन, रुमाटाइड Arthritis, Osteoarthritis, Spondylosis, Frozen shoulder, साइटिका, कमरदर्द इत्यादि हर तरह के वात रोगों लाभकारी है
तो आईये सबसे पहले जान लेते हैं रुमाल्या टेबलेट का कम्पोजीशन-
रुमाल्या के प्रत्येक टेबलेट में महायोगराज गुग्गुल 324mg, शंख भस्म 130mg, शुद्ध शिलाजीत 32mg, लता कस्तूरी 20mg और स्वर्णमाक्षिक भस्म 10mg होता है जबकि इन जड़ी-बूटियों का एक्सट्रेक्ट जैसे महारास्नादी क्वाथ 130mg, मंजीठ 38mg, शिग्रु 32mg, गोक्षुर 32mg और गिलोय 20 mg होती है, इन सभी में निर्गुन्डी, गिलोय, तुलसी, भृंगराज, अश्वगंधा, सोंठ और दशमूल की भावना भी दी जाती है
ये तो हो गया रुमाल्या का कम्पोजीशन, अब जानते हैं रुमाल्या फ़ोर्ट का कम्पोजीशन-
रुमाल्या फ़ोर्ट में शल्लकी 240mg, शुद्ध गुग्गुल 200mg, रास्ना और यष्टिमधु प्रत्येक 70mg, गोक्षुर, गुडूची प्रत्येक 60mg में निर्गुन्डी और सोंठ की भावना देकर बनाया जाता है
रुमाल्या टेबलेट के गुण -
अगर गुण की बात करें तो रुमाल्या टेबलेट और रुमल्या फ़ोर्ट दोनों के गुण लगभग एक जैसे ही हैं
यह एंटी इंफ्लेमेटरी, अनलजेसिक और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, सुजन, दर्द और जकड़न को कम करता है, पेशाब की मात्रा बढ़ाकर यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है
आईये अब जानते हैं रुमाल्या टेबलेट के फ़ायदे-
जैसा कि पहले ही बता चूका हूँ कि रुमाल्या टेबलेट हर तरह के वात रोगों की आयुर्वेदिक दवा है
इसके इस्तेमाल से जोड़ों का दर्द और सुजन कम होती है और हर तरह के आर्थराइटिस में फ़ायदा होता है
सुबह के टाइम होने वाली शरीर की जकड़न, कन्धों की जकड़न, जोड़ों की जकड़न और थकान में इसके इस्तेमाल से फ़ायदा होता है
साइटिका का दर्द, आमवात, Spondylitis, Cervical Spondylitis, Lumbar Spondylitis, Osteo Arthritis जैसे तमाम वात रोगों में इसका इस्तेमाल करना चाहिए
कुल मिलाकर देखा जाये तो रुमाल्या टेबलेट और रुमाल्या फ़ोर्ट वात रोगों के लिए हिमालया हर्बल की एक अच्छी दवा है जिसके इस्तेमाल से वात रोगों को दूर किया जा सकता है
रुमाल्या टेबलेट का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका-
2 टेबलेट दिन में 2 बार गर्म पानी या दशमूल क्वाथ के साथ लेना चाहिए, इसका मैक्सिमम डोज़ रोज़ 6 टेबलेट तक है
जबकि रुमाल्या फ़ोर्ट 1 टेबलेट दिन में 2 बार खाना खाने के बाद
अगर आपको कोई वात रोग होगा तो आप सोच रहे होंगे की कौनसी दवा लूं? रुमाल्या टेबलेट या रुमाल्या फ़ोर्ट?
आईये मैं Confusion दूर कर देता हूँ- अगर आपका पित्त बढ़ा हुवा हो यानी एसिडिटी, पेट में जलन और Digestion ठीक नहीं हो तो आपको रुमाल्या फ़ोर्ट लेना चाहिए
और अगर पित्त बढ़ा हुआ नहीं हो तो रुमाल्या टेबलेट लेना चाहिए, या फिर आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए. इसे ऑनलाइन ख़रीदें घर बैठे यहाँ निचे दिए लिंक से - रुमाल्या फ़ोर्ट
अब जानते एक्सटर्नल यूज़ या लगाने की क्रीम रुमाल्या जेल के बारे में -
इसका जेल भी दर्द निवारक और सुजन कम करने वाली एक अच्छी दवा है. दर्द, सुजन और जकड़न वाली जगह पर इसकी मालिश करने से काफ़ी राहत मिलती है
रुमाल्या जेल के कम्पोजीशन की अगर बात की जाये तो यह दर्द और सुजन कम करने वाली औषधियों के मिश्रण से बनाई गई है इसमें- गंधपूर्णा तेल, पुदीना, सरला, दालचीनी, देवदार, शल्लकी और सोंठ का मिश्रण है जो कि जेल बेस पर बनाया गया है
यह भी Analgesic और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है, दर्द-सुजन और जकड़न वाली जगह पर प्रयाप्त मात्रा में लेकर 3-4 मिनट तक हलकी मालिश करनी चाहिए
जली-कटी या ज़ख्म वाली स्किन पर इसकी मालिश नहीं करनी चाहिए
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