सोने का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल तो ज्वेलरी या गहने के लिए किया जाता है पर दवाओं में इसका इस्तेमाल भी हज़ारों सालों से किया जा रहा है
स्वर्ण भस्म गोल्ड यानि सोना से बनायी जाने वाली दवा है, आयुर्वेदिक प्रोसेस से शोधित करने के बाद ही इसका भस्म बनाया जाता है
शोधन-मारण जैसे आयुर्वेदिक प्रोसेस से गुजरने के बाद ही स्वर्ण भस्म का निर्माण होता है, इसे बनाने के लिए रसतरंगिणी में बताये गए मेथड का इस्तेमाल किया जाता है
आम आदमी के लिए स्वर्ण भस्म तैयार करना आसान काम नहीं है इसलिए स्वर्ण भस्म बनाने की विधि पर चर्चा न कर इसके फ़ायदे के बारे में डिटेल में जानते हैं -
स्वर्ण भस्म सिर्फ़ सेक्सुअल प्रॉब्लम के लिए ही नहीं बल्कि एक बेहतरीन टॉनिक की तरह और कई सारी बीमारियों को दूर करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है
यह एक उत्तम रसायन है, बल बढ़ाने वाला और पुरानी बीमारियों को दूर करने में बेहद असरदार है
इसके इस्तेमाल से शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, धात गिरना इत्यादी हर तरह के पुरुष यौन रोग, पुरानी बुखार, खांसी, अस्थमा, मूत्र विकार, पाचन शक्ति की प्रॉब्लम, शारीरिक मानसिक कमज़ोरी, नींद न आना, स्किन प्रॉब्लम, गठिया-Arthritis, अनेमिया, मिर्गी, टीबी, महिलाओं के सारे रोग Periods की प्रॉब्लम, लिकोरिया इत्यादि हर तरह के महिला-पुरुष रोग दूर होते हैं
नयी पुरानी कोई भी बीमारी हो, बच्चों या बड़ों की, उसे दूर करने की क्षमता स्वर्णभस्म में होती है अगर इसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाये
स्वर्ण भस्म वात, पित्त और कफ़ को बैलेंस करता है इसलिए इसे हर तरह की बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है
आईये अब जानते हैं स्वर्ण भस्म के क्या-क्या फ़ायदे हैं?
पुरुष यौन रोगों में स्वर्ण भस्म का इस्तेमाल सबसे ज़्यादा किया जाता है, इसके चमत्कारी गुणों के कारण
पुरुषों की सबसे कॉमन प्रॉब्लम जो आजकल अधीक है वह है शीघ्रपतन और इरेक्टाइल डिसफंक्शन, इसके अलावा धात गिरना, वीर्य का पतलापन, शुक्राणुओं की कम संख्या, स्वप्नदोष, नसों की कमज़ोरी, नपुंसकता, इत्यादि सभी को दूर करने में स्वर्ण भस्म बेहद असरदार है
पुरुष यौन रोगों में असरदार होने की वजह से ही कई सारी ब्रांडेड आयुर्वेदिक दवाओं में स्वर्ण भस्म मिलाया जाता है जैसे बैद्यनाथ वीटा एक्स गोल्ड, डाबर शिलाजीत गोल्ड, दिव्य यौवानाम्रित वटी, पतंजलि यौवन गोल्ड प्लस कैप्सूल etc.
पुरुष रोगों में इसे असगंध, कौंच बीज, सफ़ेद मुसली इत्यादि के चूर्ण के साथ ले सकते हैं या फिर कामदेव चूर्ण, धातुपौष्टिक चूर्ण, अश्वागंधादी चूर्ण, वंग भस्म या त्रिवंग भस्म के साथ लिया जा सकता है
यह सब तो हो गयी पुरुष रोगों की बात, आईये अब जानते हैं दुसरे रोगों में इसके फ़ायदे के बारे में -
स्वर्ण भस्म बेस्ट हार्ट टॉनिक है जो हार्ट की जनरल विकनेस को दूर करता है, हार्ट को शक्ति देता है और ब्लड प्रेशर को नार्मल करने में मदद करता है
यह एक फर्स्ट क्लास का बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट है, बीमारियों से लड़ने और बीमारियों से बचाने में बेहद असरदार है
इसमें एंटी एजिंग गुण भी हैं जो आपको हमेशा जवान बनाये रखने में मदद करता है
इसके इस्तेमाल से दिमाग को ताक़त मिलती है, बुद्धि बढ़ती है, यादाश्त को बढ़ाता है मानसिक एकाग्रता लाता है
स्वर्ण भस्म के इस्तेमाल से मानसिक रोग जैसे अलज़ईमर, पार्किन्संस इत्यादि दूर होते हैं
यह खून को भी साफ़ करता है, शरीर से विषाक्त तत्वों या Toxins को बाहर निकलता है और स्किन प्रॉब्लम को दूर करता है, इसके इस्तेमाल से त्वचा में निखार आता है, आजकल कई सारे ब्यूटी प्रोडक्टस में भी गोल्ड का इस्तेमाल किया जाता है
स्वर्ण भस्म आँखों की प्रॉब्लम को भी दूर करता है, आँखों की रौशनी बढ़ाने में मदद करता है, आँखों की सुजन, आखों की लाली, खुजली, सुजन इत्यादि में सहायक दवाओं के साथ इसका इस्तेमाल करने से फ़ायदा होता है
डायबिटीज और इसके वजह से होने वाली कमज़ोरी को दूर करने में स्वर्ण भस्म बेजोड़ दवा है
डायबिटीज के वजह से होने वाली यौन कमज़ोरी को दूर करता है और डायबिटीज को कंट्रोल में रखता है, इसीलिए डायबिटीज के रोगी को आयुर्वेदिक डॉक्टर 'वसंत कुसुमाकर रस' यूज़ करने की सलाह देते हैं जो की स्वर्ण भस्म युक्त होता है
वात रोगों जैसे गठिया, आमवात, जोड़ों का दर्द-सुजन, साइटिका, कमर दर्द, Spondylitis जैसे हर तरह के रोगों में भी स्वर्ण भस्म बेहद असरदार है, वृहत वातचिंतामणि रस, स्वर्णयुक्त महा योगराज गुगुल जैसी शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवाओं में स्वर्ण भस्म मिला होता है जो वात रोगों के लिए जानी-मानी दवाएं हैं
महिलाओं के रोगों जैसे बाँझपन या Infertility में स्वर्ण भस्म बेहद असरदार है, इसके लिए इसका इस्तेमाल सहायक औषधियों के साथ करना चाहिए
इस तरह देखा जाये तो स्वर्ण भस्म इन सब के अलावा भी कई तरह के रोगों को ठीक करता है
अगर सच कहूँ तो स्वर्ण भस्म हर बीमारी को दूर कर देता है अगर उस बीमारी में फ़ायदा करने वाली सहायक दवा के साथ इसका इस्तेमाल किया जाये
स्वर्ण भस्म का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका-
15 से 30 मिलीग्राम तक शहद या उचित अनुपान के साथ लेना चाहिए
बच्चों के लिए डेली डोज़ 5 से 10 मिलीग्राम तक है
स्वर्ण भस्म का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है, डॉक्टर की सलाह से लम्बे समय तक भी इस्तेमाल कर सकते हैं
डाबर, बैद्यनाथ, पतंजलि जैसी कई सारी आयुर्वेदिक कंपनियां इसे बनाती हैं, आयुर्वेदिक मेडिकल से या ऑनलाइन ख़रीदा जा सकता है,निचे दिए लिंक से-
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