जड़ी बूटियों से बनी दवा गंगाधर चूर्ण दस्त और कोलाइटिस के लिए एक प्रभावी शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवा है
गंगाधर चूर्ण कई सारी जड़ी बूटियों के मिश्रण से बनाया जाता है इसमें मोथा, अरालुका, सोंठ, धातकी, लोध्र, बला, बिल्व, मोचरस, पाठा, इन्द्रजौ, कुटज, आम्रबिज, प्रतिविषा और लज्जालु मिलाये जाते हैं
गंगाधर चूर्ण के फ़ायदे-
गंगाधर चूर्ण ग्राही और संकोचक गुणों से भरपूर है
इसके इस्तेमाल से दस्त में फ़ायदा होता है
कोलाइटिस और अल्सरेटिव कोलाइटिस के लिए यह असरदार दवा है, पेट में जमे आँव को निकाल कर पाचन शक्ति को ठीक कर देता है
गंगाधर चूर्ण का डोज़-
3 से 6 ग्राम तक मधु या चावल के धोवन के साथ खाना खाने से पहले दिन में दो बार लेना चाहिए. बच्चों को कम मात्रा में देना चाहिए
यह सुरक्षित आयुर्वेदिक दवा है इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता
डाबर, बैद्यनाथ जैसी कई आयुर्वेदिक कंपनियां इसे बनाती हैं और हमारे देश में यह आयुर्वेदिक मेडिकल में हर जगह मिल जाता है, गंगाधर चूर्ण वृहत के नाम से भी कई आयुर्वेदिक कंपनियां इसे बनाती हैं.
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तो दोस्तों ये थी आज की जानकारी संक्षेप में गंगाधर चूर्ण के बारे में
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