कामचूड़ामणि रस शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवा है जो सोना, चाँदी और मोती जैसी बहुमूल्य चीज़ों के मिश्रण से बनायी जाती है
यहाँ मैं बताना चाहूँगा कि आयुर्वेद में स्वर्णयुक्त रसायन औषधियाँ सबसे हाई क्लास होती हैं. जब साधारण जड़ी-बूटियों से बनी दवाइयाँ काम नहीं करती तो आयुर्वेदिक डॉक्टर स्वर्णयुक्त और हीरे मोती से बनी रसायन औषधियों का प्रयोग कर बीमारी को ठीक करते हैं
बुरी आदतों या किसी भी कारण से होने वाली यौन दुर्बलता और सेक्स प्रॉब्लम को दूर करने के लिए यह बेहद असरदार दवा है
भैषज्य रत्नावली का यह योग पुरुष रोगों के साथ साथ स्त्री रोगों में भी असरदार है तो आईये सबसे पहले जानते हैं कि यह किन चीजों से बनता है-
स्वर्ण भस्म, रजत भस्म, स्वर्णमाक्षिक भस्म, वंग भस्म, भीमसेनी कपूर, लौंग, जायफल, जावित्री, दालचीनी, तेजपात, छोटी इलायची, और नागकेशर के मिश्रण में सात दिनों तक शतावर के रस की भावना देकर इस दवा को बनाया जाता है
कामचूड़ामणि रस या कामचूड़ामणि रस (वृहत) के नाम से कई आयुर्वेदिक कम्पनियाँ जैसे जमना फार्मा, व्यास फार्मा, उंझा इसे बनाती है जो कि आयुर्वेदिक मेडिकल में मिल जाता है, इसे ऑनलाइन भी ख़रीदा जा सकता है
स्वर्णयुक्त होने की वजह से यह दवा थोड़ी महँगी तो है पर बेहद असरदार है
कामचूड़ामणि रस के फ़ायदे-
यह रसायन शीतवीर्य, पौष्टिक और बेहतरीन कामोत्तेजक है
इसके इस्तेमाल से सेक्सुअल स्टैमिना बढ़ जाता है, शीघ्रपतन या जल्द डिस्चार्ज नहीं होने देता
वीर्य को गाढ़ा करता है और लम्बे समय तक वीर्यपात होने से रोकता है
Erectile Dysfunction, ढीलापन, लिंग में तनाव की कमी को दूर करता है
सोना, चाँदी और मोती जैसे नेचुरल पावरफुल चीज़ों से बनी यह दवा बेहतरीन टॉनिक की तरह काम करती है और अन्दर से मजबूत बनाती है
यह दवा महिलाओं के लिए भी असरदार है, इसका इस्तेमाल महिलाओं के गर्भाशय के रोगों, पीरियड्स की प्रॉब्लम में किया जाता है. यह महिलाओं का स्वास्थ सुधारता है और स्तनों को सुडौल बनाता है
यह एक सौम्य दवा है जिसका इस्तेमाल किसी भी मौसम में किया जा सकता है, पित्त प्रकृति वालों के लिए भी अनुकूल है
जिनलोगों को शराब, तेज़ मिर्च मसाले और अधिक नॉन वेज की वजह से सेक्सुअल प्रॉब्लम हुयी हो तो उसमे भी इस से फ़ायदा होता है
अब जानते हैं कामचूड़ामणि रस का डोज़ -
इसकी टेबलेट 125 मिलीग्राम की मसूर के आकार की बनी होती है
1 से 2 टेबलेट तक सुबह शाम मिश्री मिले हुवे दूध के साथ या उचित अनुपान के साथ लेना चाहिए
अगर शीघ्रपतन और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए लेना हो तो एक चम्मच अश्वागंधादी चूर्ण में मिलाकर लें और ऊपर से दूध पियें
वीर्य विकारों में इसके साथ चन्द्रप्रभा वटी ले सकते हैं, इसी तरह से अलग- अलग रोगों में अलग - अलग अनुपान के साथ इसे लेना चाहिए
इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए.
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तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी कामचूड़ामणि रस के बारे में जिसके इस्तेमाल से Premature Ejaculation, इरेक्टाइल डिसफंक्शन और वीर्य विकार को दूर किया जाता है.
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