महिलाओं में पाई
जाने वाली यह
बहुत ही आम
बीमारी है. इसमें
योनि मार्ग से
सफ़ेद या लाल
रंग का पानी
निकलता है. जिस
स्त्री को ये
बीमारी हो जाती
है उसे काफी
परेशानी झेलनी पड़ती है.
इसे ल्यूकोरिया, धात,
धात गिरना, प्रदर,
प्रतल, श्वेत प्रदर,रक्त
प्रदर या लाल
पानी आना नामों
से जाना जाता
है ल्यूकोरिया होने
पर कई तरह
की तकलीफ होती
है जैसे-
कमर में दर्द
रहना
पेट में दर्द
रहना
शरीर कमज़ोर हो जाना
खून की कमी
होना
पाचन शक्ति कमज़ोर होना,
भूख नहीं लगना
सर दर्द और
हल्का बुखार जैसा
रहना इत्यादि
ल्यूकोरिया के कई कारण
हो सकते हैं, यहाँ कुछ ख़ास वजह बता रहा हूँ-
योनि मार्ग की ठीक
तरह से साफ़ नहीं रखना, गर्भाशय की कोई बीमारी होना, किसी तरह कोई इन्फेक्शन होना, किसी
यौन रोग से संक्रमित होना, तनाव और पीरियड्स की प्रॉब्लम होना वग़ैरह
ये तो हो गया इसका
लक्षण और कारण, आइए अब जानते हैं इसकी कारगर आयुर्वेदिक दवा. जो दवा मैं बताने जा रहा
हूँ वह शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवा है और इसका इस्तेमाल सदियों से होते आ रहा है. आपने
कई तरह की घरेलु दवा के बारे में सुना होगा और आज़माया होगा पर इस दवा की बात ही कुछ
और है. वैध जी का यह नुस्खा काफी कारगर है और इसका इस्तेमाल हमने कई रोगियों पर सफलतापूर्वक
किया है.
ल्यूकोरिया नाशक चूर्ण
इसे आप खुद घर पर बना सकते हैं, इसके लिए आपको ये सब जड़ी बूटी चाहिए-
राल - 50 ग्राम
नागकेशर - 50 ग्राम
मुलहटी - 50 ग्राम
सिंघाड़ा -
100 ग्राम
मिश्री- 150 ग्राम
सभी को कूट पीस कर
चूर्ण बना लीजिए और एयर टाइट कांच के जार में रख लीजिए. बस दवा तैयार है.
इस्तेमाल कैसे करना
है ?
इस चूर्ण को दो चम्मच
सुबह शाम फांक कर दूध पीना है. इसके इस्तेमाल से तिस दिन में ल्यूकोरिया या सफ़ेद पानी आना, सोमरोग, और रक्त प्रदर
या लाल पानी आना ठीक हो जाता है. यहाँ आप को बता दूँ कि रोग नया तो जल्द ठीक होता है
और बीमारी पुरानी होने पर ज़्यादा टाइम लग सकता है. और साथ ही परहेज़ भी करना चाहिए,
इस बीमारी में ज़्यादा मिर्च मसाला और तीखे, खट्टे चीज़ों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
और व्यक्तिगत सफाई का भी ध्यान रखें.
कोई सवाल हो तो निचे कमेंट के ज़रिये हम से पूछिए, धन्यवाद.
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